नहूम पुस्‍तक-परिचय

पुस्‍तक-परिचय
“नहूम” वास्‍तव में एक कविता है जो असीरियाई साम्राज्‍य की राजधानी नीनवे के पतन के उपलक्ष्य में गायी गयी थी। असीरिया प्राचीनकाल के भूमध्‍यसागर के तटीय देशों पर अत्‍याचार करता आया था। वह इस्राएलियों का भी सनातन शत्रु था। उसके पतन से पड़ोसी राष्‍ट्रों के साथ इस्राएलियों का प्रसन्न होना स्‍वाभाविक था। नीनवे का ह्रास और पतन ईसवी पूर्व सातवीं शताब्‍दी के अंतिम वर्षों में हुआ था। उस अतिक्रूर विश्‍वशत्रु के पतन की व्‍याख्‍या नबी नहूम ने परमेश्‍वर के दण्‍ड के रूप में की : परमेश्‍वर ने एक अत्‍याचारी और अहंकारी राष्‍ट्र को दण्‍ड दिया है।
विषय-वस्‍तु की रूपरेखा
नीनवे महानगर को दण्‍ड 1:1-15
नीनवे महानगर का पतन 2:1−3:19

वर्तमान में चयनित:

नहूम पुस्‍तक-परिचय: HINCLBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in