जन-गणना 21
21
कनानियों का आक्रमण
1जब अराद के कनानी राजा ने, जो नेगेब में रहता था, सुना कि इस्राएली अतारीम के मार्ग से आ रहे हैं, तब उसने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया और उनमें से कुछ व्यक्तियों को बन्दी बना लिया।#गण 33:40; शास 1:16 2इस्राएलियों ने प्रभु से यह मन्नत मानी और कहा, ‘यदि तू इन लोगों को हमारे हाथ में दे देगा, तो हम इनके नगरों को पूर्णत: ध्वस्त#21:2 शब्दश:, ‘बलि के रूप में पूर्णत: अर्पित’। कर देंगे।’ 3प्रभु ने इस्राएलियों की वाणी सुनी। उसने कनानियों को उनके हाथ में सौंप दिया। अत: इस्राएलियों ने उनको एवं उनके नगरों को पूर्णत: ध्वस्त कर दिया। इस कारण उस स्थान का नाम ‘होर्मा#21:3 अर्थात् “ध्वन्स, विनाश।” ’ पड़ा।
आग्नेय सर्प
4उन्होंने होर पर्वत से प्रस्थान किया। वे एदोम देश के किनारे-किनारे जाने के लिए अकाबा की खाड़ी के मार्ग पर चल पड़े। मार्ग में चलते-चलते लोग अधीर हो गए।#व्य 2:1 5वे परमेश्वर और मूसा के विरुद्ध बोलने लगे, ‘आप हमें मिस्र देश से निकालकर इस निर्जन-प्रदेश में क्यों लाए? क्या हमें मारने के लिए? यहाँ न रोटी है और न पानी। हम इस रोटी से, जिससे तृप्ति नहीं होती, ऊब गए हैं।’ 6तब प्रभु ने लोगों के मध्य आग्नेय सर्प भेजे जिन्होंने उनको डस लिया। अत: अनेक इस्राएली मर गए।#व्य 8:15; 1 कुर 10:9 7लोग मूसा के पास आए। उन्होंने कहा, ‘हमने प्रभु के और आपके विरुद्ध बोलकर पाप किया है। प्रभु से प्रार्थना कीजिए कि वह हमारे मध्य से सर्पों को दूर करे।’ मूसा ने लोगों के लिए प्रभु से प्रार्थना की। 8प्रभु ने मूसा से कहा, ‘एक आग्नेय सर्प बना और उसको एक खम्भे पर लटका। जब सर्प से डसा हुआ व्यक्ति उसको देखेगा, तब वह बच जाएगा।’ 9अत: मूसा ने पीतल का एक सर्प बनाया और उसको एक खम्भे पर लटका दिया। यदि आग्नेय सर्प किसी मनुष्य को काटता था तो वह पीतल के सर्प को देखता और बच जाता था।#2 रा 18:4; यो 3:14-15; 19:37; प्रज्ञ 16:5
मोआब देश के किनारे-किनारे जाना
10इस्राएलियों ने प्रस्थान किया। उन्होंने ओबोत में पड़ाव डाला। 11तब ओबोत से प्रस्थान कर मोआब के सम्मुख, पूर्व की ओर निर्जन प्रदेश के इय्ये-अबारीम में पड़ाव डाला। 12उन्होंने वहाँ से प्रस्थान किया, और जेरेद की घाटी में पड़ाव डाला। 13उन्होंने वहाँ से प्रस्थान किया, और अर्नोन नदी के उस पार पड़ाव डाला। अर्नोन नदी उस निर्जन प्रदेश में है, जिसका फैलाव एमोरी देश की सीमा से आरम्भ होता है। अर्नोन नदी मोआब और एमोरी राज्यों के मध्य, मोआब की सीमा है। 14इसलिए ‘प्रभु के युद्ध’ नामक पुस्तक में यह कहा गया है :
“सूफा क्षेत्र में वाहेब नगर,
तथा अर्नोन नदी की घाटियाँ,
15और घाटियों की वह ढाल
जो आर नगर की ओर फैली है,
जो मोआब की सीमा पर झुकी है।”
16वहाँ से वे बेअर तक गए। यह एक कुआं है, जिसके विषय में प्रभु ने मूसा से कहा था, ‘लोगों को एकत्र कर! मैं उन्हें पानी दूंगा।’ 17तब इस्राएलियों ने यह गीत गाया :
‘ओ कुएं, फूट पड़!
लोगो! उस कुएं का गीत गाओ,
18जिसको अधिकारियों ने खोदा था,
जिसको लोगों के नेताओं ने अपने-अपने
राजदण्ड से,
अपनी-अपनी सोंटी से खोदा था।’
तत्पश्चात् वे निर्जन प्रदेश से मत्तानाह गए, 19मत्तानाह से नहलीएल, और नहलीएल से बामोत। 20वे बामोत से उस घाटी की ओर गए, जो मोआब के क्षेत्र में है, और जो पिस्गा के उस शिखर की ओर है जो मरुस्थल की ओर झुका है।#21:20 मूल में अस्पष्ट
राजा सीहोन को पराजित करना
21इस्राएलियों ने एमोरी राजा सीहोन के पास दूत भेजे और कहा,#व्य 2:26; शास 11:19 22‘हमें अपने देश से होकर जाने दीजिए। हम आपके खेतों और अंगूर उद्यानों की ओर नहीं देखेंगे। आपके कुओं का पानी भी नहीं पीएंगे। जब तक हम आपकी सीमा से पार नहीं हो जाएंगे, तब तक हम राजमार्ग पर चलते जाएंगे।’ 23किन्तु सीहोन ने इस्राएलियों को अपनी सीमा से होकर जाने की अनुमति नहीं दी, वरन् उसने अपनी प्रजा के लोगों को एकत्र किया, और इस्राएलियों का सामना करने के लिए निर्जन प्रदेश में गया। वह याहस में आया और उसने इस्राएलियों से युद्ध किया। 24इस्राएलियों ने तलवार की नोक से उसे बेध दिया और उसके देश पर, अर्नोन नदी से यब्बोक नदी तक, अम्मोनियों की सीमा तक, अधिकार कर लिया। अम्मोनियों की राज्य-सीमा यजेर#21:24 इब्रानी में केवल “अज” (सुदृढ़) थी।#भज 135:10; 136:19 25इस्राएलियों ने इन सब नगरों पर अधिकार कर लिया। वे एमोरियों के सब नगरों में, हेश्बोन और उसके गांवों में, बस गए। 26हेश्बोन एमोरियों के राजा सीहोन का नगर था। यह वही सीहोन था, जिसने मोआब के प्रथम#21:26 अथवा, “पुराने या भूतकालीन” राजा से युद्ध कर उसके हाथ से उसका सारा देश, अर्नोन नदी तक, छीन लिया था। 27इसलिए गाथा गानेवाले कहते हैं :
‘हेश्बोन में आओ!
राजा सीहोन का नगर बसे,
वह स्थापित किया जाए!
28क्योंकि हेश्बोन से आग निकली,
राजा सीहोन के नगर से ज्वाला निकली!
उसने मोआब के आर नगर को भस्म कर
दिया,
अर्नोन के पहाड़ी शिखर के पूजागृहों को
निगल लिया।#यिर 48:45-46
29ओ मोआब, धिक्कार है तुझे!
ओ कमोश देवता के लोगो, तुम मर-मिटे!
उसने अपने पुत्रों को फरारी,
और पुत्रियों को एमोरी राजा सीहोन की
बन्दिनी बना दिया।
30हेश्बोन ने उनके बच्चों को दीबोन तक,
उनकी स्त्रियों को नोपह तक,
उनके पुरुषों को मैद्बा तक मार डाला।#21:30 मूल में अस्पष्ट
31इस प्रकार इस्राएली एमोरियों के देश में बस गए। 32मूसा ने यजेर का भेद लेने के लिए दूत भेजे। इस्राएलियों ने उनके गांवों पर अधिकार कर लिया, और जो एमोरी वहाँ रहते थे, उन्हें निकाल दिया।
बाशान के राजा ओग को पराजित करना
33तत्पश्चात् वे आगे बढ़े और बाशान के मार्ग की ओर गए। बाशान का राजा ओग उनका सामना करने को निकला। वह एद्रेई में उनसे युद्ध करने के लिए आया। 34प्रभु ने मूसा से कहा, ‘उससे मत डर! मैंने उसको, उसकी सब प्रजा को तथा उसके देश को तेरे हाथ में सौंप दिया है। जैसा तूने एमोरियों के राजा सीहोन के साथ, जो हेश्बोन में रहता था, किया था, वैसे ही उसके साथ करना।’#व्य 3:2; भज 136:20 35अत: इस्राएलियों ने उसका, उसके पुत्रों तथा उसके लोगों का इस प्रकार वध किया कि उसका एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा। उन्होंने उसके देश पर अधिकार कर लिया।
वर्तमान में चयनित:
जन-गणना 21: HINCLBSI
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