सफन्‍याह पुस्‍तक-परिचय

पुस्‍तक-परिचय
नबी सफन्‍याह (अथवा सपन्‍याह) ने ईसवी पूर्व सातवीं शताब्‍दी के उत्तरार्द्ध में सन्‍देश सुनाया था। यहूदा प्रदेश के धार्मिक राजा योशियाह ने सन् 621 ईसवी पूर्व में आम जनता में धर्म-सुधार लाने का प्रयास किया। लेकिन सफन्‍याह के सन्‍देश में ऐसा कोई संकेत नहीं है कि देश में धर्म-व्‍यवस्‍था का पालन किया जा रहा था। इसके विपरीत अधर्म का राज्‍य था। इसलिये सफन्‍याह का नबूवत काल धर्मसुधार से कुछ पूर्व माना जाता है।
अन्‍य सुधारवादी नबियों की तरह नबी सफन्‍याह भी अभियोग की शैली अपनाते हैं : प्रभु का प्रकोप-दिवस, उलट-पुलट का दिन निकट है, क्‍योंकि यहूदा प्रदेश की जनता डर से अन्‍य देवताओं को शान्‍त करने के लिए उनकी पूजा कर रही है। यदि इस्राएली लोग विनम्रता से अपने प्रभु परमेश्‍वर की खोज नहीं करेंगे, तो वे दण्‍ड मोल लेंगे। प्रभु परमेश्‍वर अन्‍य देशों को भी दण्‍ड देगा। यद्यपि यरूशलेम नगर का पतन अवश्‍य होगा, फिर भी निर्धारित समय पर यरूशलेम पुन: समृद्ध होगा, उसका पुन:निर्माण होगा। यरूशलेम के निवासी विनम्र और धार्मिक होंगे।
विषय-वस्‍तु की रूपरेखा
प्रभु का “न्‍याय दिवस” 1:1−2:3
इस्राएल देश के पड़ोसी राष्‍ट्रों को धमकी 2:4-15
यरूशलेम का पतन और भावी उद्धार 3:1-20

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