2 तीमुथियुस 1

1
अभिवादन
1पौलुस की ओर से जो, उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्‍वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, 2प्रिय पुत्र तीमुथियुस#प्रेरि 16:1 के नाम :
परमेश्‍वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्ति मिलती रहे।
धन्यवाद और प्रोत्साहन
3जिस परमेश्‍वर की सेवा मैं अपने बापदादों की रीति पर शुद्ध विवेक#1:3 अर्थात्, मन या कॉनशन्स से करता हूँ, उसका धन्यवाद हो कि मैं अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूँ, 4और तेरे आँसुओं की सुधि कर करके रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूँ कि आनन्द से भर जाऊँ। 5मुझे तेरे उस निष्कपट विश्‍वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्‍चय है कि तुझ में भी है।#प्रेरि 16:1 6इसी कारण मैं तुझे सुधि दिलाता हूँ कि तू परमेश्‍वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने के द्वारा तुझे मिला है प्रज्ज्वलित कर दे। 7क्योंकि परमेश्‍वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ्य और प्रेम और संयम की आत्मा दी है।
8इसलिये हमारे प्रभु की गवाही से, और मुझ से जो उसका कैदी हूँ, लज्जित न हो, पर उस परमेश्‍वर की सामर्थ्य के अनुसार सुसमाचार के लिये मेरे साथ दु:ख उठा 9जिसने हमारा उद्धार किया और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर उसके उद्देश्य और उस अनुग्रह के अनुसार है जो मसीह यीशु में सनातन से हम पर हुआ है, 10पर अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु के प्रगट होने के द्वारा प्रकाशित हुआ, जिसने मृत्यु का नाश किया और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया। 11जिस के लिये मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।#1 तीमु 2:7 12इस कारण मैं इन दु:खों को भी उठाता हूँ, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस पर मैं ने विश्‍वास किया है, जानता हूँ; और मुझे निश्‍चय है कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। 13जो खरी बातें तू ने मुझ से सुनी हैं उनको उस विश्‍वास और प्रेम के साथ, जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख। 14और पवित्र आत्मा के द्वारा जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी धरोहर की रखवाली कर।
15तू जानता है कि आसियावाले सब मुझ से फिर गए हैं, जिनमें फूगिलुस और हिरमुगिनेस हैं। 16उनेसिफुरुस के घराने पर प्रभु दया करे, क्योंकि उसने बहुत बार मेरे जी को ठंडा किया और मेरी जंजीरों से लज्जित न हुआ। 17पर जब वह रोम में आया, तो बड़े यत्न से ढूँढ़कर मुझ से भेंट की– 18प्रभु करे कि उस दिन उस पर प्रभु की दया हो–और जो जो सेवा उसने इफिसुस में की है उन्हें भी तू भली भाँति जानता है।

वर्तमान में चयनित:

2 तीमुथियुस 1: HINOVBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in