यशायाह 12

12
धन्यवाद का गीत
1उस दिन तू कहेगा, “हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ#12:1 मूल में, फिर गया , और तू ने मुझे शान्ति दी है।
2“परमेश्‍वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूँगा और न थरथराऊँगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है।”#निर्ग 15:2; भजन 118:14
3तुम आनन्दपूर्वक उद्धार के सोतों से जल भरोगे। 4उस दिन तुम कहोगे, “यहोवा की स्तुति करो, उससे प्रार्थना करो; सब जातियों में उसके बड़े कामों का प्रचार करो, और कहो कि उसका नाम महान् है।
5“यहोवा का भजन गाओ, क्योंकि उसने प्रतापमय काम किए हैं; इसे सारी पृथ्वी पर प्रगट करो। 6हे सिय्योन में बसनेवाली, तू जयजयकार कर और ऊँचे स्वर से गा, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुझ में महान् है।”

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यशायाह 12: HINOVBSI

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