लैव्यव्यवस्था 23

23
पर्वों की विधियाँ
1फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2“इस्राएलियों से कह कि यहोवा के पर्व जिनका तुम को पवित्र सभा एकत्रित करने के लिये नियत समय पर प्रचार करना होगा, मेरे वे पर्व ये हैं। 3छ: दिन काम–काज किया जाए, पर सातवाँ दिन परमविश्राम का और पवित्र सभा का दिन है; उसमें किसी प्रकार का काम–काज न किया जाए; वह तुम्हारे सब घरों में यहोवा का विश्राम दिन ठहरे।#निर्ग 20:8–10; 23:12; 31:15; 34:21; 35:2; व्य 5:12–14
फसह और अख़मीरी रोटी का पर्व
(गिन 28:16–25)
4“फिर यहोवा के पर्व जिनमें से एक एक के ठहराये हुए समय में तुम्हें पवित्र सभा करने के लिये प्रचार करना होगा वे ये हैं। 5पहले महीने के चौदहवें दिन को गोधूलि के समय यहोवा का फसह हुआ करे।#निर्ग 12:1–13; व्य 16:1,2 6और उसी महीने के पंद्रहवें दिन को यहोवा के लिये अख़मीरी रोटी का पर्व हुआ करे; उसमें तुम सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाया करना। 7उनमें से पहले दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो; और उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना। 8पर सातों दिन तुम यहोवा को हव्य चढ़ाया करना; और सातवें दिन पवित्र सभा हो; उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना।”#निर्ग 12:14–20; 23:15; 34:18; व्य 16:3–8
9फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 10“इस्राएलियों से कह कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जिसे यहोवा तुम्हें देता है और उसमें के खेत काटो, तब अपने अपने पके खेत की पहली उपज का पूला याजक के पास ले आया करना; 11और वह उस पूले को यहोवा के सामने हिलाए, कि वह तुम्हारे निमित्त ग्रहण किया जाए; वह उसे विश्रामदिन के दूसरे दिन हिलाए। 12और जिस दिन तुम पूला हिलवाओ उसी दिन एक वर्ष का निर्दोष भेड़ का बच्‍चा यहोवा के लिये होमबलि चढ़ाना। 13और उसके साथ का अन्नबलि एपा के दो दसवें अंश तेल से सने हुए मैदे का हो, वह सुखदायक सुगन्ध के लिये यहोवा का हव्य हो; और उसके साथ का अर्घ हीन भर की चौथाई दाखमधु हो। 14और जब तक तुम इस चढ़ावे को अपने परमेश्‍वर के पास न ले जाओ, उस दिन तक नये खेत में से न तो रोटी खाना और न भूना हुआ अन्न और न हरी बालें; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में तुम्हारे सारे घरानों में सदा की विधि ठहरे।
कटनी का पर्व
(गिन 28:26–31)
15“फिर उस विश्रामदिन के दूसरे दिन से, अर्थात् जिस दिन तुम हिलाई जानेवाली भेंट के पूले को लाओगे, उस दिन से पूरे सात विश्रामदिन गिन लेना; 16सातवें विश्रामदिन के दूसरे दिन तक पचास दिन गिनना, और पचासवें दिन यहोवा के लिये नया अन्नबलि चढ़ाना। 17तुम अपने घरों में से एपा के दो दसवें अंश मैदे की दो रोटियाँ हिलाने की भेंट के लिये ले आना; वे ख़मीर के साथ पकाई जाएँ, और यहोवा के लिये पहली उपज ठहरें। 18और उस रोटी के संग एक एक वर्ष के सात निर्दोष भेड़ के बच्‍चे, और एक बछड़ा, और दो मेढ़े चढ़ाना; वे अपने अपने साथ के अन्नबलि और अर्घ समेत यहोवा के लिये होमबलि के समान चढ़ाए जाएँ, अर्थात् वे यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध देनेवाला हव्य ठहरें। 19फिर पापबलि के लिये एक बकरा, और मेलबलि के लिये एक एक वर्ष के दो भेड़ के बच्‍चे चढ़ाना। 20तब याजक उनको पहली उपज की रोटी समेत यहोवा के सामने हिलाने की भेंट के लिये हिलाए, और इन रोटियों के संग वे दो भेड़ के बच्‍चे भी हिलाए जाएँ; वे यहोवा के लिये पवित्र, और याजक का भाग ठहरें। 21और तुम उसी दिन यह प्रचार करना कि आज हमारी एक पवित्र सभा होगी; और परिश्रम का कोई काम न करना; यह तुम्हारे सारे घरानों में तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में सदा की विधि ठहरे।#निर्ग 23:16; 34:22; व्य 16:9–12
22“जब तुम अपने देश में के खेत काटो, तब अपने खेत के कोनों को पूरी रीति से न काटना, और खेत में गिरी हुई बालों को न इकट्ठा करना; उसे दीनहीन और परदेशी के लिये छोड़ देना; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।”#लैव्य 19:9,10; व्य 24:19–22
नव–वर्ष का पर्व
(गिन 29:1–6)
23फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 24“इस्राएलियों से कह कि सातवें महीने के पहले दिन को तुम्हारे लिये परमविश्राम हो; उसमें स्मरण दिलाने के लिये नरसिंगे फूँके जाएँ, और एक पवित्र सभा इकट्ठी हो। 25उस दिन तुम परिश्रम का कोई काम न करना, और यहोवा के लिये एक हव्य चढ़ाना।”
प्रायश्‍चित्त का दिन
(गिन 29:7–11)
26फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 27“उसी सातवें महीने का दसवाँ दिन प्रायश्‍चित्त का दिन माना जाए; वह तुम्हारी पवित्र सभा का दिन होगा, और उसमें तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना और यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना। 28उस दिन तुम किसी प्रकार का काम–काज न करना; क्योंकि वह प्रायश्‍चित्त का दिन नियुक्‍त किया गया है जिसमें तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के सामने तुम्हारे लिये प्रायश्‍चित्त किया जाएगा। 29इसलिये जो प्राणी उस दिन दु:ख न सहे वह अपने लोगों में से नष्‍ट किया जाएगा। 30और जो प्राणी उस दिन किसी प्रकार का काम–काज करे उस प्राणी को मैं उसके लोगों के बीच में से नष्‍ट कर डालूँगा। 31तुम किसी प्रकार का काम–काज न करना; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में तुम्हारे घरानों में सदा की विधि ठहरे। 32वह दिन तुम्हारे लिये परमविश्राम का हो, उसमें तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना; और उस महीने के नवें दिन की साँझ से लेकर दूसरी साँझ तक अपना विश्रामदिन माना करना।”#लैव्य 16:29–34
झोपड़ियों का पर्व
(गिन 29:12–40)
33फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 34“इस्राएलियों से कह कि उसी सातवें महीने के पंद्रहवें दिन से सात दिन तक यहोवा के लिये झोपड़ियों का पर्व रहा करे। 35पहले दिन पवित्र सभा हो; उसमें परिश्रम का कोई काम न करना। 36सातों दिन यहोवा के लिये हव्य चढ़ाया करना, फिर आठवें दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो, और यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना; वह महासभा का दिन है, और उसमें परिश्रम का कोई काम न करना।#व्य 16:13–15
37“यहोवा के नियत पर्व ये ही हैं, इनमें तुम यहोवा को हव्य चढ़ाना, अर्थात् होमबलि, अन्नबलि, मेलबलि और अर्घ, प्रत्येक अपने अपने नियत समय पर चढ़ाया जाए और पवित्र सभा का प्रचार करना। 38इन सभों से अधिक यहोवा के विश्रामदिनों को मानना, और अपनी भेंटों, और सब मन्नतों, और स्वेच्छाबलियों को जो यहोवा को अर्पण करोगे चढ़ाया करना।
39“फिर सातवें महीने के पंद्रहवें दिन को, जब तुम देश की उपज को इकट्ठा कर चुको, तब सात दिन तक यहोवा का पर्व मानना; पहले दिन परमविश्राम हो, और आठवें दिन परमविश्राम हो। 40और पहले दिन तुम अच्छे अच्छे वृक्षों की उपज, और खजूर के पत्ते, और घने वृक्षों की डालियाँ, और नालों में के मजनू लेकर अपने परमेश्‍वर यहोवा के सामने सात दिन तक आनन्द करना। 41प्रतिवर्ष सात दिन तक यहोवा के लिये यह पर्व माना करना; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में सदा की विधि ठहरे कि सातवें महीने में यह पर्व माना जाए। 42सात दिन तक तुम झोपड़ियों में रहा करना, अर्थात् जितने जन्म के इस्राएली हैं वे सब के सब झोपड़ियों में रहें, 43इसलिये कि तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी के लोग जान रखें, कि जब यहोवा हम इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल कर ला रहा था तब उसने उनको झोपड़ियों में टिकाया था; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।”
44और मूसा ने इस्राएलियों को यहोवा के पर्व के नियत समय कह सुनाए।

वर्तमान में चयनित:

लैव्यव्यवस्था 23: HINOVBSI

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