नहूम 1

1
1नीनवे के विषय में भारी वचन।#यशा 10:5–34; 14:24–27; सप 2:13–15 एल्कोश वासी नहूम के दर्शन की पुस्तक।
नीनवे के विरुद्ध परमेश्‍वर का क्रोध
2यहोवा जल उठनेवाला और बदला लेनेवाला ईश्‍वर है; यहोवा बदला लेनेवाला और जलजलाहट करनेवाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता#1:2 मूल में, अपने शत्रुओं के लिये रख छोड़ता है 3यहोवा विलम्ब से क्रोध करनेवाला और बड़ा शक्‍तिमान है; वह दोषी को किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा।
यहोवा बवण्डर और आँधी में होकर चलता है, और बादल उसके पाँवों की धूल हैं। 4उसके घुड़कने से महानद सूख जाते हैं, और समुद्र भी निर्जल हो जाता है; बाशान और कर्म्मेल कुम्हलाते और लबानोन की हरियाली जाती रहती है। 5उसके स्पर्श से पहाड़ काँप उठते हैं और पहाड़ियाँ गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन् सारा संसार अपने सब रहनेवालों समेत थरथरा उठता है।
6उसके क्रोध का सामना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग के समान भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्‍ति से फट फटकर गिरती हैं। 7यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधि रखता है। 8परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़कर अन्धकार में भगा देगा। 9तुम यहोवा के विरुद्ध क्या कल्पना कर रहे हो? वह तुम्हारा अन्त कर देगा; विपत्ति दूसरी बार पड़ने न पाएगी। 10क्योंकि चाहे वे काँटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों#1:10 मूल में, अपने पीने में खूब मस्त हों , तौभी वे सूखी खूँटी के समान भस्म किए जाएँगे। 11तुझ में से एक निकला है, जो यहोवा के विरुद्ध कल्पना करता और नीचता की युक्‍ति बाँधता है।
12यहोवा यों कहता है, “चाहे वे सब प्रकार से सामर्थी हों, और बहुत भी हों, तौभी पूरी रीति से काटे जाएँगे और शून्य हो जाएँगे। मैं ने तुझे दु:ख दिया है, परन्तु फिर न दूँगा। 13क्योंकि अब मैं उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उतारकर तोड़ डालूँगा, और तेरा बन्धन फाड़ डालूँगा।”
14यहोवा ने तेरे विषय में यह आज्ञा दी है : “आगे को तेरा वंश न चले; मैं तेरे देवालयों में से ढली और गढ़ी हुई मूरतों को काट डालूँगा, मैं तेरे लिये कबर खोदूँगा, क्योंकि तू नीच है।”
15देखो, पहाड़ों पर शुभसमाचार का सुनानेवाला और शान्ति का प्रचार करनेवाला आ रहा है! अब हे यहूदा, अपने पर्व मान, और अपनी मन्नतें पूरी कर, क्योंकि वह ओछा फिर कभी तेरे बीच में होकर न चलेगा, वह पूरी रीति से नष्‍ट हुआ है।#यशा 52:7

वर्तमान में चयनित:

नहूम 1: HINOVBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in