भजन संहिता 119

119
आलेफ
1जो लोग पवित्र जीवन जीते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं।
ऐसे लोग यहोवा की शिक्षाओं पर चलते हैं।
2लोग जो यहोवा की विधान पर चलते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं।
अपने समग्र मन से वे यहोवा की मानते हैं।
3वे लोग बुरे काम नहीं करते।
वे यहोवा की आज्ञा मानते हैं।
4हे यहोवा, तूने हमें अपने आदेश दिये,
और तूने कहा कि हम उन आदेशों का पूरी तरह पालन करें।
5हे यहोवा, यादि मैं सदा
तेरे नियमों पर चलूँ,
6जब मैं तेरे आदेशों को विचारूँगा
तो मुझे कभी भी लज्जित नहीं होना होगा।
7जब मैं तेरे खरेपन और तेरी नेकी को विचारता हूँ
तब सचमुच तुझको मान दे सकता हूँ।
8हे यहोवा, मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।
सो कृपा करके मुझको मत बिसरा!
वेथ्
9एक युवा व्यक्ति कैसे अपना जीवन पवित्र रख पाये
तेरे निर्देशों पर चलने से।
10मैं अपने पूर्ण मन से परमेश्वर कि सेवा का जतन करता हूँ।
परमेश्वर, तेरे आदेशों पर चलने में मेरी सहायता कर।
11मैं बड़े ध्यान से तेरे आदेशों का मनन किया करता हूँ।
क्यों ताकि मैं तेरे विरूद्ध पाप पर न चलूँ।
12हे यहोवा, तेरा धन्यवाद!
तू अपने विधानों की शिक्षा मुझको दे।
13तेरे सभी निर्णय जो विवेकपूर्ण हैं। मैं उनका बखान करूँगा।
14तेरे नियमों पर मनन करना,
मुझको अन्य किसी भी वस्तु से अधिक भाता है।
15मैं तेरे नियमों की चर्चा करता हूँ,
और मैं तेरे समान जीवन जीता हूँ।
16मैं तेरे नियमों में आनन्द लेता हूँ।
मैं तेरे वचनों को नहीं भूलूँगा।
गिमेल्
17तेरे दास को योग्यता दे
और मैं तेरे नियमों पर चलूँगा।
18हे यहोवा, मेरी आँख खोल दे और मैं तेरी शिक्षाओं के भीतर देखूँगा।
मैं उन अद्भुत बातों का अध्ययन करूँगा जिन्हें तूने किया है।
19मैं इस धरती पर एक अनजाना परदेशी हूँ।
हे यहोवा, अपनी शिक्षाओं को मुझसे मत छिपा।
20मैं हर समय तेरे निर्णयों का
पाठ करना चाहता हूँ।
21हे यहोवा, तू अहंकारी जन की आलोचना करता है।
उन अहंकारी लोगों पर बुरी बातें घटित होंगी। वे तेरे आदेशों पर चलना नकारते हैं।
22मुझे लज्जित मत होने दे, और मुझको असमंजस में मत डाल।
मैंने तेरी वाचा का पालन किया है।
23यहाँ तक कि प्रमुखों ने भी मेरे लिये बुरी बातें की हैं।
किन्तु मैं तो तेरा दास हूँ।
मैं तेरे विधान का पाठ किया करता हूँ।
24तेरी वाचा मेरा सर्वोत्तम मिस्र है।
यह मुझको अच्छी सलाह दिया करता है।
दालथ्
25मैं शीघ्र मर जाऊँगा।
हे यहोवा, तू आदेश दे और मुझे जीने दे।
26मैंने तुझे अपने जीवन के बारे में बताया है, तूने मुझे उत्तर दिया है।
अब तू मुझको अपना विधान सिखा।
27हे यहोवा, मेरी सहायता कर ताकि मैं तेरी व्यवस्था का विधान समझूँ।
मुझे उन अद्भुत कर्मो का चिंतन करने दे जिन्हें तूने किया है।
28मैं दु:खी और थका हूँ।
मुझको आदेश दे और अपने वचन के अनुसार मुझको तू फिर सुदृढ़ बना दे।
29हे यहोवा, मुझे कोई झूठ मत जीने दे।
अपनी शिक्षाओं से मुझे राह दिखा दे।
30हे यहोवा, मैंने चुना है कि तेरे प्रति निष्ठावान रहूँ।
मैं तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का सावधानी से पाठ किया करता हूँ।
31हे यहोवा, तेरी वाचा के संग मेरी लगन लगी है।
तू मुझको निराश मत कर।
32मैं तेरे आदेशों का पालन प्रसन्नता के संग किया करूँगा।
हे यहोवा, तेरे आदेश मुझे अति प्रसन्न करते हैं।
हेथ्
33हे यहोवा, तू मुझे अपनी व्यवस्था सिखा
तब मैं उनका अनुसरण करूँगा।
34मुझको सहारा दे कि मैं उनको समझूँ
और मैं तेरी शिक्षाओं का पालन करुँगा।
मैं पूरी तरह उनका पालन करूँगा।
35हे यहोवा, तू मुझको अपने आदेशों की राह पर ले चल।
मुझे सचमुच तेरे आदेशों से प्रेम है। मेरा भला कर और मुझे जीने दे।
36मेरी सहायता कर कि मैं तेरे वाचा का मनन करूँ,
बजाय उसके कि यह सोचता रहूँ कि कैसे धनवान बनूँ।
37हे यहोवा, मुझे अद्भुत वस्तुओं पाने को
कठिन जतन मत करने दे।
38हे यहोवा, मैं तेरा दास हूँ। सो उन बातों को कर जिनका वचन तूने दिये है।
तूने उन लोगों को जो पूर्वज हैं उन बातों को वचन दिया था।
39हे यहोवा, जिस लाज से मुझको भय उसको तू दूर कर दे।
तेरे विवेकपूर्ण निर्णय अच्छे होते हैं।
40देख मुझको तेरे आदेशोंसे प्रेम है।
मेरा भला कर और मुझे जीने दे।
वाव्
41हे यहोवा, तू सच्चा निज प्रेम मुझ पर प्रकट कर।
मेरी रक्षा वैसे ही कर जैसे तूने वचन दिया।
42तब मेरे पास एक उत्तर होगा। उनके लिये जो लोग मेरा अपमान करते हैं।
हे यहोवा, मैं सचमुच तेरी उन बातों के भरोसे हूँ जिनको तू कहता है।
43तू अपनी शिक्षाएँ जो भरोसे योग्य है, मुझसे मत छीन।
हे यहोवा, तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का मुझे भरोसा है।
44हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं का पालन सदा और सदा के लिये करूँगा।
45सो मैं सुरक्षित जीवन जीऊँगा।
क्यों मैं तेरी व्यवस्था को पालने का कठिन जतन करता हूँ।
46यहोवा के वाचा की चर्चा मैं राजाओं के साथ करूँगा
और वे मुझे संकट में कभी न डालेंगे।
47हे यहोवा, मुझे तेरी व्यवस्थाओं का मनन भाता है।
तेरी व्यवस्थाओं से मुझको प्रेम है।
48हे यहोवा, मैं तेरी व्यवस्थाओं के गुण गाता हूँ,
वे मुझे प्यारी हैं और मैं उनका पाठ करूँगा।
जाइन्
49हे यहोवा, अपना वचन याद कर जो तूने मुझको दिया।
वही वचन मुझको आज्ञा दिया करता है।
50मैं संकट में पड़ा था, और तूने मुझे चैन दिया।
तेरे वचनो ने फिर से मुझे जीने दिया।
51लोग जो स्वयं को मुझसे उत्तम सोचते हैं, निरन्तर मेरा अपमान कर रहे हैं,
किन्तु हे यहोवा मैंने तेरी शिक्षाओं पर चलना नहीं छोड़ा।
52मैं सदा तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का ध्यान करता हूँ।
हे यहोवा तेरे विवेकपूर्ण निर्णय से मुझे चैन है।
53जब मैं ऐसे दुष्ट लोगों को देखता हूँ,
जिन्होंने तेरी शिक्षाओं पर चलना छोड़ा है, तो मुझे क्रोध आता है।
54तेरी व्यवस्थायें मुझे ऐसी लगती है,
जैसे मेरे घर के गीत।
55हे यहोवा, रात में मैं तेरे नाम का ध्यान
और तेरी शिक्षाएँ याद रखता हूँ।
56इसलिए यह होता है कि मैं सावधानी से तेरे आदेशों को पालता हूँ।
हेथ्
57हे यहोवा, मैंने तेरे उपदेशों पर चलना निश्चित किया यह मेरा कर्तव्य है।
58हे यहोवा, मैं पूरी तरह से तुझ पर निर्भर हूँ,
जैसा वचन तूने दिया मुझ पर दयालु हो।
59मैंने ध्यान से अपनी राह पर मनन किया
और मैं तेरी वाचा पर चलने को लौट आया।
60मैंने बिना देर लगाये तेरे आदेशों पर चलने कि शीघ्रता की।
61बुरे लोगों के एक दल ने मेरे विषय में बुरी बातें कहीं।
किन्तु यहोवा मैं तेरी शिक्षाओं को भूला नहीं।
62तेरे सत निर्णयों का तुझे धन्यवाद देने
मैं आधी रात के बीच उठ बैठता हूँ।
63जो कोई व्यक्ति तेरी उपासना करता मैं उसका मित्र हूँ।
जो कोई व्यक्ति तेरे आदेशों पर चलता है, मैं उसका मित्र हूँ।
64हे यहोवा, यह धरती तेरी सत्य करूणा से भरी हुई है।
मुझको तू अपने विधान की शिक्षा दे।
तेथ्
65हे यहोवा, तूने अपने दास पर भलाईयाँ की है।
तूने ठीक वैसा ही किया जैसा तूने करने का वचन दिया था।
66हे यहोवा, मुझे ज्ञान दे कि मैं विवेकपूर्ण निर्णय लूँ,
तेरे आदेशों पर मुझको भरोसा है।
67संकट में पड़ने से पहले, मैंने बहुत से बुरे काम किये थे।
किन्तु अब, सावधानी के साथ मैं तेरे आदेशों पर चलता हूँ।
68हे परमेश्वर, तू खरा है, और तू खरे काम करता है,
तू अपनी विधान की शिक्षा मुझको दे।
69कुछ लोग जो सोचते हैं कि वे मुझ से उत्तम हैं, मेरे विषय में बुरी बातें बनाते हैं।
किन्तु यहोवा मैं अपने पूर्ण मन के साथ तेरे आदेशों को निरन्तर पालता हूँ।
70वे लोग महा मूर्ख हैं।
किन्तु मैं तेरी शिक्षाओं को पढ़ने में रस लेता हूँ।
71मेरे लिये संकट अच्छ बन गया था।
मैंने तेरी शिक्षाओं को सीख लिया।
72हे यहोवा, तेरी शिक्षाएँ मेरे लिए भली है।
तेरी शिक्षाएँ हजार चाँदी के टुकड़ों और सोने के टुकड़ों से उत्तम हैं।
योद्
73हे यहोवा, तूने मुझे रचा है और निज हाथों से तू मुझे सहारा देता है।
अपने आदेशों को पढ़ने समझने में तू मेरी सहायता कर।
74हे यहोवा, तेरे भक्त मुझे आदर देते हैं और वे प्रसन्न हैं
क्योंकि मुझे उन सभी बातों का भरोसा है जिन्हें तू कहता है।
75हे यहोवा, मैं यह जानता हूँ कि तेरे निर्णय खरे हुआ करते हैं।
यह मेरे लिये उचित था कि तू मुझको दण्ड दे।
76अब, अपने सत्य प्रेम से तू मुझ को चैन दे।
तेरी शिक्षाएँ मुझे सचमुच भाती हैं।
77हे यहोवा, तू मुझे सुख चैन दे और जीवन दे।
मैं तेरी शिक्षाओं में सचमुच आनन्दित हूँ।
78उन लोगों को जो सोचा करते है कि वे मुझसे उत्तम हैं, उनको निराश कर दे।
क्योंकि उन्होंने मेरे विषय में झूठी बातें कही है।
हे यहोवा, मैं तेरे आदेशों का पाठ किया करूँगा।
79अपने भक्तों को मेरे पास लौट आने दे।
ऐसे उन लोगों को मेरे पास लौट आने दे जिनको तेरी वाचा का ज्ञान है।
80हे यहोवा, तू मुझको पूरी तरह अपने आदेशों को पालने दे
ताकि मैं कभी लज्जित न होऊँ।
काफ्
81मैं तेरी प्रतिज्ञा में मरने को तत्पर हूँ कि तू मुझको बचायेगा।
किन्तु यहोवा, मुझको उसका भरोसा है, जो तू कहा करता था।
82जिन बातों का तूने वचन दिया था, मैं उनकी बाँट जोहता रहता हूँ। किन्तु मेरी आँखे थकने लगी है।
हे यहोवा, मुझे कब तू आराम देगा
83यहाँ तक जब मैं कूड़े के ढेर पर दाखमधु की सूखी मशक सा हूँ,
तब भी मैं तेरे विधान को नहीं भूलूँगा।
84मैं कब तक जीऊँगा हे यहोवा, कब दण्ड देगा
तू ऐसे उन लोगों को जो मुझ पर अत्याचार किया करते हैं
85कुछ अहंकारी लोग ने अपनी झूठों से मुझ पर प्रहार किया था।
यह तेरी शिक्षाओं के विरूद्ध है।
86हे यहोवा, सब लोग तेरी शिक्षाओं के भरोसे रह सकते हैं।
झूठे लोग मुझको सता रहे है।
मेरी सहायता कर!
87उन झूठे लोगों ने मुझको लगभग नष्ट कर दिया है।
किन्तु मैंने तेरे आदेशों को नहीं छोड़ा।
88हे यहोवा, अपनी सत्य करूणा को मुझ पर प्रकट कर।
तू मुझको जीवन दे मैं तो वही करूँगा जो कुछ तू कहता है।
लामेद्
89हे यहोवा, तेरे वचन सदा अचल रहते हैं। स्वर्ग में तेरे वचन सदा अटल रहते हैं।
90सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है।
हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।
91तेरे आदेश से ही अब तक सभी वस्तु स्थिर हैं,
क्योंकि वे सभी वस्तुएँ तेरी दास हैं।
92यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती,
तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।
93हे यहोवा, तेरे आदेशों को मैं कभी नहीं भूलूँगा।
क्योंकि वे ही मुझे जीवित रखते हैं।
94हे यहोवा, मैं तो तेरा हूँ, मेरी रक्षा कर।
क्यों क्योंकि तेरे आदेशों पर चलने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
95दुष्ट जन मेरे विनाश का यतन किया करते हैं,
किन्तु तेरी वाचा ने मुझे बुद्धिमान बनाया।
96सब कुछ की सीमा है,
तेरी व्यवस्था की सीमा नहीं।
मेम्
97आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है।
हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
98हे यहोवा, तेरे आदेशों ने मुझे मेरे शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बनाया।
तेरा विधान सदा मेरे साथ रहता है।
99मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ
क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।
100बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ।
क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ।
101हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है,
ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ।
102यहोवा, तू मेरा शिक्षक है।
सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा।
103तेरे वचन मेरे मुख के भीतर
शहद से भी अधिक मीठे हैं।
104तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है।
सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।
नुन्
105हे यहोवा, तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक
और मार्ग के लिये उजियाला है।
106तेरे नियम उत्तम हैं।
मैं उन पर चलने का वचन देता हूँ, और मैं अपने वचन का पालन करूँगा।
107हे यहोवा, बहुत समय तक मैंने दु:ख झेले हैं,
कृपया मुझे अपना आदेश दे और तू मुझे फिर से जीवित रहने दे!
108हे यहोवा, मेरी विनती को तू स्वीकार कर,
और मुझ को अपनी विधान कि शिक्षा दे।
109मेरा जीवन सदा जोखिम से भरा हुआ है।
किन्तु यहोवा मैं तेरे उपदेश भूला नहीं हूँ।
110दुष्ट जन मुझको फँसाने का यत्न करते हैं
किन्तु तेरे आदेशों को मैंने कभी नहीं नकारा है।
111हे यहोवा, मैं सदा तेरी वाचा का पालन करूँगा।
यह मुझे अति प्रसन्न किया करता है।
112मैं सदा तेरे विधान पर चलने का
अति कठोर यत्न करूँगा।
समेख्
113हे यहोवा, मुझको ऐसे उन लोगों से घृणा है, जो पूरी तरह से तेरे प्रति सच्चे नहीं हैं।
मुझको तो तेरी शिक्षाएँ भाति हैं।
114मुझको ओट दे और मेरी रक्षा कर।
हे यहोवा, मुझको उस बात का सहारा है जिसको तू कहता है।
115हे यहोवा, दुष्ट मनुष्यों को मेरे पास मत आने दे।
मैं अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करूँगा।
116हे यहोवा, मुझको ऐसे ही सहारा दे जैसे तूने वचन दिया, और मैं जीवित रहूँगा।
मुझको तुझमें विश्वास है, मुझको निराश मत कर।
117हे यहोवा, मुझको सहारा दे कि मेरा उद्धार हो।
मैं सदा तेरी आदेशों का पाठ किया करूँगा।
118हे यहोवा, तू हर ऐसे व्यक्ति से विमुख हो जाता है, जो तेरे नियम तोड़ता है।
क्यों क्योंकि उन लोगों ने झूठ बोले जब वे तेरे अनुसरण करने को सहमत हुए।
119हे यहोवा, तू इस धरती पर दुष्टों के साथ ऐसा बर्ताव करता है जैसे वे कूड़ा हो।
सो मैं तेरी वाचा से सदा प्रेम करूँगा।
120हे यहोवा, मैं तुझ से भयभीत हूँ, मैं डरता हूँ,
और तेरे विधान का आदर करता हूँ।
ऐन्
121मैंने वे बातें की हैं जो खरी और भली हैं।
हे यहोवा, तू मुझको ऐसे उन लोगों को मत सौंप जो मुझको हानि पहुँचाना चाहते हैं।
122मुझे वचन दे कि तू मुझे सहारा देगा। मैं तेरा दास हूँ।
हे यहोवा, उन अहंकारी लोगों को मुझको हानि मत पहुँचाने दे।
123हे यहोवा, तूने मेरे उद्धार का एक उत्तम वचन दिया था,
किन्तु अपने उद्धार को मेरी आँख तेरी राह देखते हुए थक गई।
124तू अपना सच्चा प्रेम मुझ पर प्रकट कर। मैं तेरा दास हूँ।
तू मुझे अपने विधान की शिक्षा दे।
125मैं तेरा दास हूँ।
अपनी वाचा को पढ़ने समझने में तू मेरी सहायता कर।
126हे यहोवा, यही समय है तेरे लिये कि तू कुछ कर डाले।
लोगों ने तेरे विधान को तोड़ा है।
127हे यहोवा, उत्तम सुवर्ण से भी अधिक
मुझे तेरे आदेश भाते हैं।
128तेरे सब आदेशों का बहुत सावधानी से मैं पालन करता हूँ।
मैं झूठे उपदेशों से घृणा करता हूँ।
पे
129हे यहोवा, तेरी वाचा बहुत अद्भुत है।
इसलिए मैं उसका अनुसरण करता हूँ।
130कब शुरू करेंगे लोग तेरा वचन समझना यह एक ऐसे प्रकाश सा है जो उन्हें जीवन की खरी राह दिखाया करता है।
तेरा वचन मूर्ख तक को बुद्धिमान बनाता है।
131हे यहोवा, मैं सचमुच तेरे आदेशों का पाठ करना चाहता हूँ।
मैं उस व्यक्ति जैसा हूँ जिस की साँस उखड़ी हो और जो बड़ी तीव्रता से बाट जोह रहो हो।
132हे परमेश्वर, मेरी ओर दृष्टि कर और मुझ पर दयालु हो।
तू उन जनों के लिये ऐसे उचित काम कर जो तेरे नाम से प्रेम किया करते हैं
133तेरे वचन के अनुसार मेरी अगुवाई कर,
मुझे कोई हानी न होने दे।
134हे यहोवा, मुझको उन लोगों से बचा ले जो मुझको दु:ख देते हैं।
और मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।
135हे यहोवा, अपने दास को तू अपना ले
और अपना विधान तू मुझे सिखा।
136रो—रो कर आँसुओं की एक नदी मैं बहा चुका हूँ।
क्योंकि लोग तेरी शिक्षाओं का पालन नहीं करते हैं।
त्साधे
137हे यहोवा, तू भला है
और तेरे नियम खरे हैं।
138वे नियम उत्तम है जो तूने हमें वाचा में दिये।
हम सचमुच तेरे विधान के भरोसे रह सकते हैं।
139मेरी तीव्र भावनाएँ मुझे शीघ्र ही नष्ट कर देंगी।
मैं बहुत बेचैन हूँ, क्योंकि मेरे शत्रुओं ने तेरे आदेशों को भूला दिया।
140हे यहोवा, हमारे पास प्रमाण है,
कि हम तेरे वचन के भरोसे रह सकते हैं, और मुझे इससे प्रेम है।
141मैं एक तुच्छ व्यक्ति हूँ और लोग मेरा आदर नहीं करते हैं।
किन्तु मैं तेरे आदेशों को भूलता नहीं हूँ।
142हे यहोवा, तेरी धार्मिकता अनन्त है।
तेरे उपदेशों के भरोसे में रहा जा सकता है।
143मैं संकट में था, और कठिन समय में था।
किन्तु तेरे आदेश मेरे लिये मित्र से थे।
144तेरी वाचा नित्य ही उत्तम है।
अपनी वाचा को समझने में मेरी सहायता कर ताकि मैं जी सकूँ।
क्योफ़
145सम्पूर्ण मन से यहोवा मैं तुझको पुकारता हूँ, मुझको उत्तर दे।
मैं तेरे आदेशों का पालन करता हूँ।
146हे यहोवा, मेरी तुझसे विनती है।
मुझको बचा ले! मैं तेरी वाचा का पालन करूँगा।
147यहोवा, मैं तेरी प्रार्थना करने को भोर के तड़के उठा करता हूँ।
मुझको उन बातों पर भरोसा है, जिनको तू कहता है।
148देर रात तक तेरे वचनों का मनन करते हुए
बैठा रहता हूँ।
149हे यहोवा, तू अपने पूर्ण प्रेम से मुझ पर कान दे।
तू वैसा ही कर जिसे तू ठीक कहता है, और मेरा जीवन बनाये रख।
150लोग मेरे विरूद्ध कुचक्र रच रहे हैं।
हे यहोवा, ऐसे ये लोग तेरी शिक्षाओं पर चला नहीं करते हैं।
151हे यहोवा, तू मेरे पास है।
तेरे आदेशों पर विश्वास किया जा सकता है।
152तेरी वाचा से बहुत दिनों पहले ही मैं जान गया था
कि तेरी शिक्षाएँ सदा ही अटल रहेंगी।
रेश्
153हे यहोवा, मेरी यातना देख और मुझको बचा ले,
मैं तेरे उपदेशों को भूला नहीं हूँ।
154हे यहोवा, मेरे लिये मेरी लड़ाई लड़ और मेरी रक्षा कर।
मुझको वैसे जीने दे जैसे तूने वचन दिया।
155दुष्ट विजयी नहीं होंगे।
क्यों क्योंकि वे तेरे विधान पर नहीं चलते हैं।
156हे यहोवा, तू बहुत दयालु है।
तू वैसा ही कर जिसे तू अच्छा कहे, और मेरा जीवन बनाये रख।
157मेरे बहुत से शत्रु है जो मुझे हानि पहुँचाने का जतन करते:
किन्तु मैंने तेरी वाचा का अनुसरण नहीं छोड़ा।
158मैं उन कृतघ्नों को देख रहा हूँ।
हे यहोवा, तेरे वचन का पालन वे नहीं करते। मुझको उनसे घृणा है।
159देख, तेरे आदेशों का पालन करने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
हे यहोवा, तेरे सम्पूर्ण प्रेम से मेरा जीवन बनाये रख।
160हे यहोवा, सनातन काल से तेरे सभी वचन विश्वास योग्य रहे हैं।
तेरा उत्तम विधान सदा ही अमर रहेगा।
शाईन्
161शक्तिशाली नेता मुझ पर व्यर्थ ही वार करते हैं,
किन्तु मैं डरता हूँ और तेरे विधान का बस मैं आदर करता हूँ।
162हे यहोवा, तेरे वचन मुझ को वैसे आनन्दित करते हैं,
जैसा वह व्यक्ति आनन्दित होता है, जिसे अभी—अभी कोई महाकोश मिल गया हो।
163मुझे झूठ से बैर है! मैं उससे घृणा करता हूँ!
हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं से प्रेम करता हूँ।
164मैं दिन में सात बार तेरे उत्तम विधान के कारण
तेरी स्तुति करता हूँ।
165वे व्यक्ति सच्ची शांती पायेंगे, जिन्हें तेरी शिक्षाएँ भाती हैं।
उसको कुछ भी गिरा नहीं पायेगा।
166हे यहोवा, मैं तेरी प्रतीक्षा में हूँ कि तू मेरा उद्धार करे।
मैंने तेरे आदेशों का पालन किया है।
167मैं तेरी वाचा पर चलता रहा हूँ।
हे यहोवा, मुझको तेरे विधान से गहन प्रेम है।
168मैंने तेरी वाचा का और तेरे आदेशों का पालन किया है।
हे यहोवा, तू सब कुछ जानता है जो मैंने किया है।
ताव्
169हे यहोवा, सुन तू मेरा प्रसन्न गीत है।
मुझे बुद्धिमान बना जैसा तूने वचन दिया है।
170हे यहोवा, मेरी विनती सुन।
तूने जैसा वचन दिया मेरा उद्धार कर।
171मेरे अन्दर से स्तुति गीत फूट पड़े
क्योंकि तूने मुझको अपना विधान सिखाया है।
172मुझको सहायता दे कि मैं तेरे वचनों के अनुसार कार्य कर सकूँ, और मुझे तू अपना गीत गाने दे।
हे यहोवा, तेरे सभी नियम उत्तम हैं।
173तू मेरे पास आ, और मुझको सहारा दे
क्योंकि मैंने तेरे आदेशों पर चलना चुन लिया है।
174हे यहोवा, मैं यह चाहता हूँ कि तू मेरा उद्धार करे,
तेरी शिक्षाएँ मुझे प्रसन्न करती है।
175हे यहोवा, मेरा जीवन बना रहे और मैं तेरी स्तुति करूँ।
अपने विधान से तू मुझे सहारा मिलने दे।
176एक भटकी हुई भेड़ सा, मैं इधर-उधर भटका हूँ।
हे यहोवा, मुझे ढूँढते आ।
मैं तेरा दास हूँ,
और मैं तेरे आदेशों को भूला नहीं हूँ।

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भजन संहिता 119: HERV

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