भजन संहिता 4

4
तारवाद्यों वाले संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक गीत।
1मेरे उत्तम परमेश्वर,
जब मैं तुझे पुकारुँ, मुझे उत्तर दे।
मेरी विनती को सुन और मुझ पर कृपा कर।
जब कभी विपत्तियाँ मुझको घेरें तू मुझ को छुड़ा ले।
2अरे लोगों, कब तक तुम मेरे बारे में अपशब्द कहोगे?
तुम लोग मेरे बारे में कहने के लिये नये झूठ ढूँढते रहते हो।
उन झूठों को कहने से तुम लोग प्रीति रखते हो।
3तुम जानते हो कि अपने नेक जनों की यहोवा सुनता है!
जब भी मैं यहोवा को पुकारता हूँ, वह मेरी पुकार को सुनता है।
4यदि कोई वस्तु तुझे झमेले में डाले, तू क्रोध कर सकता है, किन्तु पाप कभी मत करना।
जब तू अपने बिस्तर में जाये तो सोने से पहले उन बातों पर विचार कर और चुप रह।
5समुचित बलियाँ परमेश्वर को अर्पित कर
और तू यहोवा पर भरोसा बनाये रख।
6बहुत से लोग कहते हैं, “परमेश्वर की नेकी हमें कौन दिखायेगा?
हे यहोवा, अपने प्रकाशमान मुख का प्रकाश मुझ पर चमका।”
7हे यहोवा, तुने मुझे बहुत प्रसन्न बना दिया। कटनी के समय भरपूर फसल और दाखमधु पाकर जब हम आन्नद और उल्लास मनाते हैं उससे भी कहीं अधिक प्रसन्न मैं अब हूँ।
8मैं बिस्तर में जाता हूँ और शांति से सोता हूँ।
क्योंकि यहोवा, तू ही मुझको सुरक्षित सोने को लिटाता है।

वर्तमान में चयनित:

भजन संहिता 4: HERV

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in