1 इतिहास 23:26-32

1 इतिहास 23:26-32 पवित्र बाइबल (HERV)

इसलिये लेवीवंशियों को पवित्र तम्बू या इसकी सेवा में काम आने वाली किसी चीज़ को भविष्य में ढोने की आवश्यकता नहीं है।” दाऊद के अन्तिम निर्देश इस्राएल के लोगों के लिये, लेवी के परिवार समूह के वंशजों को गिनना था। उन्होंने लेवीवंशियों के बीस वर्ष और उससे ऊपर के व्यक्तियों को गिना। लेवीवंशियों का काम हारून के वंशजों को यहोवा के मन्दिर में सेवा कार्य करने में सहायता करना था। लेवीवंशी मन्दिर के आँगन और बगल के कमरों की भी देखभाल करते थे। उनका काम सभी पवित्र चीजों को शुद्ध करने का था। उनका काम यह भी था कि परमेश्वर के मन्दिर में सेवा करें। मन्दिर में विशेष रोटी को मेज पर रखने का उत्तरदायित्व उनका ही था। वे आटा, अन्नबलि और अखमीरी रोटी के लिये भी उत्तरदायी थे। वे पकाने की कढ़ाईयों और मिश्रित भेंटों के लिये भी उत्तरदायी थे। वे सारा नाप तौल का काम करते थे। लेवीवंशी हर एक प्रातः खड़े होते थे और यहोवा का धन्यवाद और स्तुति करते थे। वे इसे हर सन्ध्या को भी करते थे। लेवीवंशी यहोवा को सभी होमबलियाँ विश्राम के विशेष दिनों, नवचन्द्र उत्सवों और सभी अन्य विशेष पर्व के दिनों, पर तैयार करते थे। वे यहोवा के सामने प्रतिदिन सेवा करते थे। कितने लेवीवंशी हर बार सेवा करेंगे उसके लिये विशेष नियम थे। अतः लेवीवंशी वे सब काम करते थे। जिनकी आशा उनसे की जाती थी। वे पवित्र तम्बू की देखभाल करते थे वे पवित्र स्थान की देखभाल करते थे और वे अपने सम्बन्धियों हारून के वंशज याजकों को सहायता देते थे। लेवीवंशी यहोवा के मन्दिर में सेवा करके याजकों की सेवा करते थे।

1 इतिहास 23:26-32 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

अत: अब लेवीय उप-पुरोहितों को प्रभु के शिविर, तथा उसकी आराधना में प्रयुक्‍त होने वाली वस्‍तुओं को ढोने की आवश्‍यकता नहीं रही।’ ( दाऊद के अन्‍तिम आदेश से बीस वर्ष तथा उससे अधिक आयु के लेवी कुल के पुरुषों की गणना की गई।) ‘अब ये मन्‍दिर में प्रभु की आराधना के लिए हारून के वंशजों−पुरोहितों−की सहायता करेंगे। ये भवन के आंगनों और कक्षों का दायित्‍व संभालेंगे। पवित्र पात्रों को धोएंगे। वस्‍तुत: ये परमेश्‍वर के भवन के सब सेवा-कार्य करेंगे। ये इन कार्यों में भी सहायता करेंगे: भेंट की रोटी तैयार करना; अन्न-बलि का आटा पीसना; बेखमीर रोटी की पपड़ियां, भुंजे हुए अन्न की भेंट, तेल मिश्रित भेंट, आदि की देख-भाल करना। इनके अतिरिक्‍त लेवीय उपपुरोहित मन्‍दिर की वस्‍तुओं को नापने और तोलने का कार्य करेंगे। वे प्रतिदिन प्रात: और संध्‍या समय प्रभु के सम्‍मुख खड़े होकर प्रभु की सराहना और स्‍तुति करेंगे। इसके अतिरिक्‍त जब विश्राम-दिवस पर, नवचन्‍द्र पर्व पर तथा अन्‍य पर्वों पर अन्न-बलि चढ़ाई जाएगी, तब जितने उप-पुरोहितों की आवश्‍यकता पड़ेगी उतने उप-पुरोहित प्रभु के सम्‍मुख नियमित रूप से उपस्‍थित होंगे। ‘इस प्रकार वे मिलन-शिविर तथा पवित्र-स्‍थान का दायित्‍व संभालेंगे। वे मन्‍दिर में प्रभु की आराधना में पुरोहितों की, अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं, हारून के वंशजों की सहायता करेंगे।’

1 इतिहास 23:26-32 Hindi Holy Bible (HHBD)

और लेवियों को निवास और उस की उपासना का सामान फिर उठाना न पड़ेगा। क्योंकि दाऊद की पिछली आज्ञाओं के अनुसार बीस वर्ष वा उस से अधिक अवस्था के लेवीय गिने गए। क्योंकि उनका काम तो हारून की सन्तान की सेवा टहल करना था, अर्थात यह कि वे आंगनों और कोठरियों में, और सब पवित्र वस्तुओं के शुद्ध करने में और परमेश्वर के भवन की उपासना के सब कामों में सेवा टहल करें। और भेंट की रोटी का, अन्नबलियों के मैदे का, और अखमीरी पपडिय़ों का, और तवे पर बनाए हुए और सने हुए का, और मापने और तौलने के सब प्रकार का काम करें। और प्रति भोर और प्रति सांझ को यहोवा का धन्यवाद और उसकी स्तुति करने के लिये खड़े रहा करें। और विश्राम दिनोंऔर नये चान्द के दिनों, और नियत पर्व्वों में गिनती के नियम के अनुसार नित्य यहोवा के सब होमबलियों को चढ़ाएं। और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले नम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियोंके सौंपे हुए काम को चौकसी से करें।

1 इतिहास 23:26-32 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

और लेवियों को निवास और उसकी उपासना का सामान फिर उठाना न पड़ेगा।” क्योंकि दाऊद की पिछली आज्ञाओं के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक अवस्था के लेवीय गिने गए। क्योंकि उनका काम तो हारून की सन्तान की सेवा टहल करना था, अर्थात् यह कि वे आँगनों और कोठरियों में, और सब पवित्र वस्तुओं के शुद्ध करने में और परमेश्‍वर के भवन की उपासना के सब कामों में सेवा टहल करें; और भेंट की रोटी का, अन्नबलियों के मैदे का, और अखमीरी पपड़ियों का, और तवे पर बनाए हुए और सने हुए का, और मापने और तौलने के सब प्रकार का काम करें। प्रतिदिन भोर और साँझ को यहोवा का धन्यवाद और उसकी स्तुति करने के लिये खड़े रहा करें; और विश्रामदिनों और नये चाँद के दिनों, और नियत पर्वों में गिनती के नियम के अनुसार नित्य यहोवा के सब होमबलियों को चढ़ाएँ। इस प्रकार वे यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें।

1 इतिहास 23:26-32 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

और लेवियों को निवास और उसकी उपासना का सामान फिर उठाना न पड़ेगा।” क्योंकि दाऊद की पिछली आज्ञाओं के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक अवस्था के लेवीय गिने गए। क्योंकि उनका काम तो हारून की सन्तान की सेवा टहल करना था, अर्थात् यह कि वे आँगनों और कोठरियों में, और सब पवित्र वस्तुओं के शुद्ध करने में और परमेश्वर के भवन की उपासना के सब कामों में सेवा टहल करें; और भेंट की रोटी का, अन्नबलियों के मैदे का, और अख़मीरी पपड़ियों का, और तवे पर बनाए हुए और सने हुए का, और मापने और तौलने के सब प्रकार का काम करें। और प्रति भोर और प्रति साँझ को यहोवा का धन्यवाद और उसकी स्तुति करने के लिये खड़े रहा करें। और विश्रामदिनों और नये चाँद के दिनों, और नियत पर्वों में गिनती के नियम के अनुसार नित्य यहोवा के सब होमबलियों को चढ़ाएँ; और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें।

1 इतिहास 23:26-32 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

यह भी सच है कि अब वह स्थिति नहीं आएगी, जब लेवियों को मिलनवाले तंबू और इसमें की जा रही सेवा से संबंधित बर्तन इधर-उधर करने होंगे.” क्योंकि दावीद के पिछले आदेश के अनुसार बीस साल और इससे ऊपर के लेवियों का नाम लिखा गया था. उनका काम था अहरोन के पुत्रों की याहवेह के भवन के विभिन्‍न कामों में सहायता करना. आंगन की देखरेख में, कमरों की देखरेख में, पवित्र बर्तनों और वस्तुओं की साफ़-सफाई का ध्यान रखने में और परमेश्वर के भवन से संबंधित विभिन्‍न कामों में उनकी सहायता करना. इनके अलावा उनकी जवाबदारी भेंट की रोटियों, अन्‍नबलि के मैदे, खमीर रहित पपड़ियां, गोल रोटी की टिकियां, इन सबका विशेष ध्यान रखना, सबको तोलना और मिश्रण तैयार करना. उनका काम था कि वे सुबह और शाम खड़े रहकर याहवेह को धन्यवाद देते हुए उनकी स्तुति करें, याहवेह को शब्बाथों, नए चांद उत्सवों और सम्मेलनों में इनके बारे में दिए गए आदेशों के अनुसार लगातार होमबलि चढ़ाते रहना. इस प्रकार याहवेह के भवन की सेवा के लिए उनकी जवाबदारी थी, मिलनवाले तंबू, पवित्र स्थान और उनके संबंधी अहरोन के पुत्रों की अगुवाई.