यशायाह 55:10-11
यशायाह 55:10-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ ऐसे ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, (2 कुरि. 9:10) उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैंने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।
यशायाह 55:10-11 पवित्र बाइबल (HERV)
“आकाश से वर्षा और हिम गिरा करते हैं और वे फिर वहीं नहीं लौट जाते जब तक वे धरती को नहीं छू लेते हैं और धरती को गीला नहीं कर देते हैं। फिर धरती पौधों को अंकुरित करती है और उनको बढ़ाती है और वे पौधे किसानों के लिये बीज को उपजाते हैं और लोग उन बीजों से खाने के लिये रोटियाँ बनाते हैं। ऐसे ही मेरे मुख में से मेरे शब्द निकलते हैं और जब तक घटनाओं को घटा नहीं लेते, वे वापस नहीं आते हैं। मेरे शब्द ऐसी घटनाओं को घटाते हैं जिन्हें मैं घटवाना चाहता हूँ। मेरे शब्द वे सभी बातें पूरी करा लेते हैं जिनको करवाने को मैं उनको भेजता हूँ।
यशायाह 55:10-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘आकाश से हिम गिरता है, और वर्षा की बूंदे टपकती हैं; वे लौटकर आकाश को नहीं जातीं, वरन् पृथ्वी पर भूमि को सींचती हैं। वे अन्न को उपजाती हैं; और बोनेवाले को बीज और खानेवाले को भोजन प्राप्त होता है। ऐसे ही जो शब्द मेरे मुंह से निकलता है, वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा; वरन् जिस उद्देश्य से मैंने उसको उच्चारा था, वह उसको पूरा करेगा; जिसके लिए मैंने उसको भेजा था, वह उसको सफल करेगा।’
यशायाह 55:10-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा॥
यशायाह 55:10-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ यों ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।