भजन संहिता 78:29-32
भजन संहिता 78:29-32 पवित्र बाइबल (HERV)
उनके पास खाने को भरपूर हो गया, किन्तु उनकी भूख ने उनसे पाप करवाये। उन्होंने अपनी भूख पर लगाम नहीं लगायी। सो उन्होंने उन पक्षियों को बिना ही रक्त निकाले, बटेरो को खा लिया। सो उन लोगों पर परमेश्वर अति कुपीत हुआ और उनमें से बहुतों को मार दिया। उसने बलशाली युवकों तो मृत्यु का ग्रास बना दिया। फिर भी लोग पाप करते रहे! वे उन अदूभुत कर्मो के भरोसा नहीं रहे, जिनको परमेश्वर कर सकता है।
भजन संहिता 78:29-32 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
वे उन्हें खाकर तृप्त हुए; यों परमेश्वर ने उन्हें उनकी लालसा के अनुसार भोजन दिया। अभी वे अपनी लालसा को तृप्त करने भी न पाए थे, उनका भोजन अभी उनके मुंह में ही था, कि परमेश्वर का कोप उनके विरुद्ध भड़क उठा; उसने उनके बलवान पुरुषों को मार डाला, इस्राएल के युवकों को उसने बिछा डाला। यह होने पर भी वे पाप करते रहे; उन्होंने परमेश्वर के आश्चर्यपूर्ण कार्यों पर विश्वास नहीं किया।
भजन संहिता 78:29-32 Hindi Holy Bible (HHBD)
और वे खाकर अति तृप्त हुए, और उसने उनकी कामना पूरी की। उनकी कामना बनी ही रही, उनका भोजन उनके मुंह ही में था, कि परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़का, और उसने उनके हृष्टपुष्टों को घात किया, और इस्त्राएल के जवानों को गिरा दिया॥ इतने पर भी वे और अधिक पाप करते गए; और परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की प्रतीति न की।
भजन संहिता 78:29-32 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
वे खाकर अति तृप्त हुए, और उसने उनकी कामना पूरी की। उनकी कामना बनी ही रही, उनका भोजन उनके मुँह ही में था, कि परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़का, और उसने उनके हृष्टपुष्टों को घात किया, और इस्राएल के जवानों को गिरा दिया। इतने पर भी वे और अधिक पाप करते गए; और परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की प्रतीति न की।
भजन संहिता 78:29-32 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और वे खाकर अति तृप्त हुए, और उसने उनकी कामना पूरी की। उनकी कामना बनी ही रही, उनका भोजन उनके मुँह ही में था, कि परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़का, और उसने उनके हष्टपुष्टों को घात किया, और इस्राएल के जवानों को गिरा दिया। (1 कुरि. 10:5) इतने पर भी वे और अधिक पाप करते गए; और परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों पर विश्वास न किया।
भजन संहिता 78:29-32 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
उन्होंने तृप्त होने के बाद भी इन्हें खाया. परमेश्वर ने उन्हें वही प्रदान कर दिया था, जिसकी उन्होंने कामना की थी. किंतु इसके पूर्व कि वे अपने कामना किए भोजन से तृप्त होते, जब भोजन उनके मुख में ही था, परमेश्वर का रोष उन पर भड़क उठा; परमेश्वर ने उनके सबसे सशक्तों को मिटा डाला, उन्होंने इस्राएल के युवाओं को मिटा डाला. इतना सब होने पर भी वे पाप से दूर न हुए; समस्त आश्चर्य कार्यों को देखने के बाद भी उन्होंने विश्वास नहीं किया.