एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना!नमूना
"स्वर्णिम नियम"
चाहे एक राजनेता हो, एक व्यापारी अगुवा हो, एक उत्साहवर्धक वक्ता हो, या केवल एक आम व्यक्ति हो, जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग कभी-कभी स्वर्णिम नियम के गुणों का संदर्भ देते हैं। यहाँ तक कि, लगभग हर किसी ने इसके बारे में सुना होता है और इसका अर्थ जानते हैं।
अधिकतर लोग इस बात से सहमत होंगे कि "दूसरों के साथ वैसा ही करना जो आप अपने साथ करते" समाज का एक आवश्यक हिस्सा है। कई मामलों में, यह वह आवरण होता है जो हमारी संस्कृति, परिवार और मित्रता को एक साथ बनाए रखता है। स्वर्णिम नियम दूसरों की सेवा करने, उदारता दिखाने और ज़रूरतमंदों की सहायता करने की योग्यता को दर्शाता है।
यीशु ही स्वर्णिम नियम का रचियता था, जो सफल मसीही जीवन के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है।
मसीही होने के नाते, परमेश्वर हममें से प्रत्येक को उस स्तर पर अपने विश्वास को ले जाने के लिए कहते हैं जो केवल परमेश्वर में विश्वास करने से परे है। उनकी इच्छा यह है कि हम में से प्रत्येक दूसरों के जीवन को छूकर अपने विश्वास को क्रियान्वित करें, और इस प्रकार उनके प्रति प्रेम और करुणा को दिखाकर परमेश्वर की महिमा करें। यही वास्तव में स्वर्णिम नियम द्वारा जीना है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आनंददायक और उद्देश्य से भरा जीवन, संबंधों, प्रेम और विश्वास पर आधारित होता है। यदि आप अपने जीवन के लिए परमेश्वर की योजना पर अधिक स्पष्टता की तलाश में हैं, तो इस योजना को अपने लक्ष्य और खोज पर ध्यान केंद्रित करने में मदद के लिए शामिल करें। डेविड जे. स्वांत द्वारा लिखी गयी पुस्तक, "आउट ऑफ़ दिस वर्ल्ड: ए क्रिश्चियन्स गाइड टू ग्रोथ एंड पर्पस" से लिया गया।
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हम इस योजना को उपलब्ध कराने के लिए ट्वेंटी 20 फेथ, इंक का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.twenty20faith.org/youversionlanding |