एक वर्ष 2019 में बाइबलनमूना
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परमेश्वर की कृपा
अठ्ठारह साल की उम्र में मैं विश्वविद्यालय के पहले वर्ष में था, तब मैंने एक ही सप्ताह में पूरा नया नियम पढ़ लिया था – मत्ती से प्रकाशित वाक्य तक – और मुझे यकीन हो गया था कि 'यह सत्य है'. लेकिन मैं यीशु का अनुसरण करने में हिचकिचा रहा था, क्योंकि मैंने सोचा कि मेरा जीवन बहुत ही नीरस हो जाएगा और मुझे अपनी सारी मौज मस्ती छोड़नी पड़ेगी. परंतु वास्तव में यह इसके बिल्कुल विपरीत था. बल्कि मुझे खुशियों से भी बहुत ज्यादा मिला.
हम सब खुशी से जीना चाहते हैं. ऐरिस्टोटल ने लिखा है, 'खुशियाँ, जीवन का अर्थ और उद्देश्य हैं, मानव अस्तित्व का संपूर्ण उद्देश्य और अंत.' लेकिन कुछ इससे भी बेहतर, महान और गहरी खुशियाँ हैं. खुशियाँ उस पर निर्भर है जो हमारी परिस्थितियों में होता है. आनंद कुछ और गहरा है तथा यह बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं होता. यह परमेश्वर की ओर से आशीष है. बल्कि आनंद, माँ के गर्भ में भी यीशु से मुलाकात का विशिष्ट अनुभव था.
आज के नये नियम का लेखांश ग्रीक शब्द का उपयोग करता है जिसका अनुवाद 'आशीषित' के रूप में किया गया है. इसका अर्थ है परमेश्वर की कृपा का सौभाग्य प्राप्त करना और इसके कारण सौभाग्यशाली और सुखी होना. एम्पलीफाइड बाइबल इसका वर्णन 'ईर्ष्या रखने योग्य सुखी होने और आत्मिक रूप से समृद्ध होने – और जीवन में आनंदित होने और परमेश्वर की कृपा और उद्धार में संतुष्ट होने' के रूप में करती है, फिर चाहें उनकी बाहरी परिस्थिति कैसे भी क्यों न हो.
भजन संहिता 34:1-10
उनकी कृपा के लिए परमेश्वर की स्तुती करें
पिछले बीस सालों में पीपा और मैंने पूरी दुनिया में यात्रा की है. कभी-कभी हमारे सामने असामान्य दिखने वाले खाद्य पदार्थ रखे जाते थे जिसे हमने पहले कभी नहीं खाया था. अक्सर यह स्वादिष्ट होते थे. इसे परखने का केवल एक ही तरीका है – 'चखकर देखो.'
दाऊद कहते हैं, 'परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है' (व.8). जब मैं यीशु का अनुसरण करने लगा तो मैंने यही अनुभव किया. तब से मेरी यह इच्छा रही है कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह संदेश पहुँचाऊँ और उनसे कहूँ कि, 'मेरे साथ परमेश्वर की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।' (व.3).
इस भजन में दाऊद परमेश्वर के साथ अपने संबंध के कारण उनके जीवन में आई परमेश्वर की सभी भलाई के लिए उनकी स्तुती करते हैं. वह निरंतर परमेश्वर की स्तुती करते हैं (व.1). केवल तब नहीं जब चीजें अच्छी हो रही हों या जब ऐसा करना सुविधाजनक हो: 'मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी। मैं परमेश्वर पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे' (वव.1-2).
वह खासकर इन कारणों से परमेश्वर की स्तुती करते हैं:
प्रार्थना का उत्तर मिलने के कारण
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दाऊद लिखते हैं, 'इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया' (व.6).
डर से मुक्ति पाने के कारण
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दाऊद आगे लिखते हैं कि किस तरह से परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया: ' और उसने मुझे पूरी रीति से निर्भय किया' (व.4ब).
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जो परमेश्वर पर भरोसा करते हैं उन्हें पूरी रीति से भय से मुक्ति मिलती है. 'परमेश्वर का भय मानो' (व.9अ) यह प्रभु को खोजने के बराबर है (वचन 9ब 'उसके डरवैयों को किसी भी बात की घटी नहीं होती' की तुलना 10ब 'प्रभु के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी नहीं होगी' से करें).
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दाऊद ऐसा नहीं कहते कि हमें कभी कमी नहीं होगी, बल्कि वह कहते हैं कि, 'प्रभु के खोजियों को किसी भी भली वस्तु की घटी नहीं होगी' या जैसा कि मैसेज अनुवाद इसे लिखता है, 'आराधना सभी कृपा के द्वार खोलती है' (व.9ब).
दीप्तिमान चेहरे
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जब मैं मसीही बना इससे भी पहले मैंने एक बात पर गौर किया कि, कई मसीही लोगों के चेहरे दीप्तिमान थे. 'जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका चेहरा दीप्तिमान हो गया' (व.5, एमएसजी).
स्वर्गदूतों की सुरक्षा
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' परमेश्वर के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है' (व.7). यह एक अद्भुत विचार है, जब हम प्रार्थना करते हैं और परमेश्वर की आराधना करते हैं तो दूतों की सुरक्षा का अनुभव करते हैं.
स्तुती में सभी आनंद एक साथ प्रवाहित होने लगते हैं, ऐसा सी.एस. लेविस लिखते हैं. '..... जब तक व्यक्त न की जाए तक तक प्रसन्नता अधूरी है.'
प्रभु, आपको धन्यवाद कि आपने मुझे सभी डर से मुक्त करने का वायदा किया है. जब मैं प्रार्थना करता हूँ तब मेरे चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाने के लिए धन्यवाद. प्रभु आज मैं आपको धन्यवाद करता हूँ और आपकी स्तुती करता हूँ.
लूका 1:39-56
परमेश्वर के अनुग्रह के वायदे पर भरोसा रखें
मरियम पर अत्यधिक अनुग्रह हुआ (1:28). स्वर्गदूत ने उनसे कहा, 'मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है' (व.30).
यह लेखांश आनंद मनाने से भरा हुआ है, क्योंकि इलीशिबा और मरियम वह तरीका जान जाती हैं जिसमें परमेश्वर ने उन पर अनुग्रह किया था.
इलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गईं और उन्होंने पुकार कर कहा: 'तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है। और यह अनुग्रह मुझे कहां से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?.... और धन्य है, वह जिस ने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उस से कही गईं, वे पूरी होंगी' (वव.42-45).
मरियम के विश्वास पर जोर देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि बहुत से लोगों ने ऐसी परिस्थिति में अलग अलग प्रतिक्रियाएं की हैं. परमेश्वर की कृपा का यह मतलब नहीं है कि मरियम की सारी परेशानी दूर हो गई थीं – वह गर्भवती और अविवाहित थी, जहाँ ऐसी संस्कृति में हर तरह की परेशानियाँ हो सकती थी.
फिर भी उसने प्रभु का मार्ग चुना जिससे परमेश्वर ने उसे आशीषित किया. वह इलीशिबा का शुभकामनाएं स्वीकार करती हैं और गाना गाती हैं जो मरियम के भजन से जाना जाता है (व.47). 'क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं' (व.49).
कुछ तरीकों से मरियम पर असाधारण अनुग्रह हुआ था: 'तू स्त्रियों में धन्य है,' (व.42अ). मरियम :
प्रभु की माँ हैं
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मरियम ने अपने गर्भ में परमेश्वर के पुत्र, आशीषित यीशु को धारण किया था (व.42ब). जब इलीशिबा भ्रूणीय यीशु के संपर्क में आती हैं, तो वह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाती हैं (व.41). 'आनंद' यीशु की प्रतिक्रिया में किया गया एक विशिष्ट गुण है – 'त्योंही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा' (व.44).
युग युग के लोग मरियम को धन्य कहेंगे
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' अब से सब युग युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे' (व.48). तब से मरियम युगानुयुग तक 'आशीषित कुमारी मरियम' कहलाने लगीं.
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यीशु का डीएनए मरियम और पवित्र आत्मा के संयोजन से आया है. वह अनुवांशिक रूप से मरियम के पुत्र थे. वह मरियम के जैसे दिखते होंगे. उनमें मरियम के शारीरिक गुण भी होंगे. उन्होंने यीशु को बड़ा किया था. उन्होंने यीशु को शिक्षा और प्रशिक्षण दिया था. यीशु के जीवन पर तीस साल तक किसी महिला का प्रभाव बना हुआ था.
विश्वास की पराकाष्ठा
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'धन्य है, वह जिस ने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उस से कही गईं, वे पूरी होंगी!' (व.45). मरियम ने विश्वास किया कि प्रभु ने उससे जो कुछ कहा है – कुछ असाधारण और मानवीय रूप से असाधारण - बातें पूरी होंगी. जैसा कि स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था, 'परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है' (व.37).
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मरियम के लिए, परमेश्वर ने जो भी वायदा किया था वह पूरा होकर ही रहेगा: 'क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े बड़े काम किए हैं' (व.49).
अवश्य ही अनेक रीति से, मरियम असाधारण थीं. फिर भी कुछ तरीकों से वह अनुग्रह के बारे में कहती हैं जो आपके लिए और मेरे लिए पूरी हो सकती है. हमारी आत्मा हमारे उद्धार करने वाले परमेश्वर से आनन्दित हुई ('परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता हैं, व. 47). भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त करने का वायदा (व.53). हमारी आत्मिक भूख अपने प्रावधान से तृप्त करने का वायदा – आप पर और मुझ पर लागू होता है.
प्रभु, मरियम के असाधारण विश्वास के लिए आपको धन्यवाद, कि उसने विश्वास किया कि आप वह सब कर सकते हैं जो मनुष्य के लिए असंभव है. मरियम की तरह, मैं आपसे अनुग्रह चाहता हूँ कि आपकी सेवा करने में आराधना में आप मेरी अगुवाई करें.
गिनती 2:10-3:51
अब परमेश्वर की उपस्थिति का अनुभव करें
बहुत ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है क्योंकि बहुत बड़ी जिम्मेदारी और परमेश्वर की उपस्थिति की महान आशीष उनके लोगों के बीच में है. मिलाप वाला तंबू (जहाँ परमेश्वर की उपस्थिति बनी रहती थी) छावनियों के बीचोंबीच हुआ करे' (2:17). हरएक को जिम्मेदारी और भूमिका दी गई थी, खासकर कुछ लोगों (लेवियों) के दल को पूर्ण कालिक सेविकाई के लिए नियुक्त किया गया था. उन्हें सेवा के लिए नियुक्त किया गया था (3:3); और 'वे पूरी तरह से परमेश्वर को समर्पित थे' (व.9).
परमेश्वर के लोगों का जीवन सचमुच परमेश्वर की उपस्थिति के आसपास बना रहता था. यह उनकी पहचान, सफलता और उनके आशीषित होने की कुंजी थी.
इस लेखांश में हम देखते हैं कि यद्यपि उनके लोगों के साथ परमेश्वर की उपस्थिति सीमित थी. फिर भी लोगों को पवित्र स्थान – परमेश्वर की उपस्थिति के केन्द्र – में जाने के लिए मनाई थी. नये नियम का अनूठा संदेश यह है कि अब यह दूरी हटा दी गई है.
अब आप अपने साथ परमेश्वर की उपस्थिति की संपूर्ण आशीषों का अनुभव कर सकते हैं. परमेश्वर की आशीष का यह विषय पूरे पवित्र शास्त्र में बारबार दोहराया गया. यीशु हमारे लिए परमेश्वर की उपस्थिति लेकर आए हैं (यूहन्ना 1:14अ). यीशु ने आपको पवित्र आत्मा दी है, जो कि परमेश्वर की शक्ति प्रदान करने वाली उपस्थिति आपके अंदर है (1 कुरिंथिंयों 6:19). हम परमेश्वर की उपस्थिति का अनुभव करते हैं खासकर जब हम इकठ्ठा होते हैं (मत्ती 18:20). एक दिन आप परमेश्वर की उपस्थिति को आमने सामने जानेंगे (प्रकाशितवाक्य 21:3. 22:4).
प्रभु, आपकी उपस्थिति की आशीष के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. आपको धन्यवाद कि आपकी उपस्थिति मेरी आत्मिक भूख को तृप्त करती है. आपको धन्यवाद कि यीशु ने क्रूस के द्वारा परमेश्वर की उपस्थिति में पहुँचना संभव बनाया. हम आपकी उपस्थित को कभी भी कम न समझें, बल्कि ऐसा जीवन जीएं जो उन लोगों के लिए उचित हो जिनके बीच में परमेश्वर रहते हों
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
लूका 1:39-56
हमारे साथ ऐसा कोई होना जरूरी है जो यात्रा में हम से थोड़ा आगे हो. परमेश्वर ने इस प्रकाशन को ले जाने के लिए मरियम को अकेला नहीं छोड़ा. परमेश्वर ने उन्हें इलीशिबा दिया. वे एक दूसरे के लिए बहुत प्रोत्साहन रहे होंगे, यह जानते हुए कि उनके बेटे परमेश्वर के कुछ आश्चर्यजन मिशन को पूरा करने के लिए इस दुनिया में आने वाले हैं (और उनमें से एक परमेश्वर था!).
References
नोट्स:
सी.एस. लेविस, रिफ्लेक्शन ऑन द साल्म्स, (फाउन्ट, 1993) पन्ने 94-95.
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
संपादकीय नोट
जैसा कि सी.एस. लेविस ने लिखा है, 'सभी आनंद एक साथ स्तुती में प्रवाहित होते हैं..... दुनिया स्तुती से भर गई है – प्रेमी अपनी प्रेमिका की तारीफ करते हैं, पाठक अपने कवि की, राहगीर अपने गांव की, खिलाड़ी अपने मनपसंद खेल की.... मैंने ध्यान नहीं दिया कि किस तरह से सबसे नम्र और इसके साथ साथ सबसे संतुलित.... मन सबसे ज्यादा स्तुती करता है.... स्तुती करने से हमें खुशी मिलती है जिसका हम आनंद उठाते हैं, क्योंकि स्तुती ज्यादा व्यक्त नहीं करती, लेकिन यह आनंद को पूरा करती है.... प्रेमी एक दसरे से कहते रहते हैअं कि वे कितने सुंदर हैं; जब तक कि व्यक्त न किया जाए हर खुशी अधूरी है.' (सी.एस. लेविस, रिफ्लेक्शन्स ऑन द साल्म्स, पन्ने 94-95).
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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दुनिया भर में 20 लाख से अधिक अनुमानित प्रयोक्ताओं के साथ, Bible in One Year, एक प्रमुख दैनिक बाइबल पठन की योजना है। प्रत्येक दिन आपको, एक प्साल्म या नीतिवचन पाठ, एक न्यूटेस्टामेंट पाठ और एक ओल्ड टेस्टामेंट पाठ प्राप्त होगा। फिर निकी और पिप्पा गंबेल, अंतर्दृष्टिपूर्ण कमेंटरी प्रदान करते हैं, जो कि बाइबल के साथ-साथ पाठों के बारे में ताज़ा समझ प्रदान करने के लिएपढ़े या सुने जाने के लिए है। निकी लंदन में HTB चर्च के पादरी और Alpha के अग्रदूत हैं।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।.हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.bibleinoneyear.org/