क्रुसित हुआनमूना
आशीषों से आगे निकल जाना
एक श्राप किसी व्यक्ति पर परछाई के समान रहता है, जो परमेश्वर के आशीषों की रौशनी को रोकता है। इससे कोई फरक नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं। श्राप उस दीवार के समान होता है जो आपके विकास में रुकावट लाता है।
निरादर, बांजपन, मानसिक और शारीरिक बीमारी, शादी और परिवार का टूटना, गरीबी, हार, लगातार उत्पीडन इन सबको बाइबिल में शाप का चिन्ह बताया गया है, जो किसी व्यक्ति पे आता है। (व्यवस्थाविवरण 28:15-68)
और हम सभी इन शब्दों से परिचित है पर प्रभु का धन्यवाद हो क्रूस के लिए।
गलातियों 3:13,14 मसीह ने जो हमारे लिये श्रापित बना, हमें मोल लेकर व्यवस्था के श्राप से छुड़ाया (क्योंकि लिखा है, जो कोई काठ पर लटकाया जाता है वह श्रापित है)। यह इसलिये हुआ, कि इब्राहिम की आषीश मसीह यीशु में अन्य जातियों तक पहुँचे...तो अब्राहम कितना आशीषित था? बाईबिल बताती है कि परमेश्वर ने अब्राहम को सब बातों में हर प्रकार से आषीशित किया था। (उत्पत्ति 24:1) कितना उदार है हमारा परमेश्वर! वो हर मार्ग खोजता है, ताकि अपने बच्चों को आशीषित करे।
अब जैसे हमने मसीह के आज्ञाकारिता में प्रवेश किया है, देखो बाइबिल क्या कहती है, व्यवस्थाविवरण 28:2 फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे और आप से आगे निकल जाएँगी....
इसका मतलब पहले तो, आषीशें आपका पीछा कर रही हैं। हम आशीषों के पीछे नहीं दौड़ते, परन्तु उसके पीछे दौड़ते हैं, जो सब आशीषों का देने वाला है। जैसे हम यीशु में जीते हैं और उसे आदर देना सीखते हैं और उसके लिए आनंद का कारण बनते हैं, इसका नतीजा ये है कि हमारे जीवनों पर परमेश्वर कि कृपा स्वतंत्र होती है। हर सुबह प्रभु की ओर से उसकी बहुतायत की आषीशों में से आष्चर्य की बातें लाती है जो अब हमारी है यीशु मसीह के कारण!
घोषणा करेः
- मैं अब्राहम की बीज हूँ और उसकी आशीषे मेरी है। (गलातियों 3:14)
- यीशु के द्वारा मेरा परिवार आशीषित है। (उत्पत्ति 12:3)
- प्रभु मुझे पर दया दिखाओ और मुझे कृपा दो। (उत्पत्ति 39:21)
- प्रभु मुझे आपकी ओर से और मनुष्यों की ओर से कृपा मिले। (1शमूएल 16:22)
- मेरी कृपा का निर्धारित समय आ गया है। (भजन संहिता 102:13)
- प्रभु आप वो परमेश्वर हो जो उन्हें आशीषित करता और पुरस्कार देता है, जो आपको लगन से ढूँढ़ते है। (इब्रानियों 11:6)
- होने दे कि मैं अधिकार से आशीषित हो जाऊँ। (उत्पत्ति 49:10)
- प्रभु होने दे की में कृपा से संतुष्ट हो जाऊँ और नप्ताली के समान तेरी आषीशों से भरा हुआ रहुं। (व्यवस्थाविवरण 33:23)
- अपने उत्तम खजाने को मुझ पर खोल दे और स्वर्ग की बारिश मेरे जीवन पे होने दे और मेरे हाथों के कामों को तू आशीषित कर। (व्यवस्थाविवरण 28:12)
- होने दे कि सब लोग देखे कि मैं तेरे नाम से बुलाया गया हूँ। (व्यवस्थाविवरण 28:10)
प्रार्थना करे
- कलीसिया के जवान और उनकी जरुरतें परिक्षाएं, करियर, मार्गदर्षन, शादी, प्रार्थना करे की हर एक के जीवन पर अनुग्रह आये ताकि वो उनके जीवन के बहकावे पर जय पा सके और प्रभु के लिए पवित्र जीवन जी सके।
- प्रार्थना करे अकेली माता और पिताओं के लिए, विधवा और विधुरों के लिए कि वो परमेश्वर के हाथ को खास तरीके से अनुभव करे। उसका अनुग्रह उनके जीवन में विपुल मात्रा में रहे जैसे कि उसने कहा है, मेरा अनुग्रह तेरे लिए काफी है।
- उन हर एक लोगों के लिए प्रार्थना करे जो शादी के लिए रूके हुए है। प्रार्थना करे की वो उनके शादी के प्रति परमेश्वर की ईच्छा को खोजे।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/