बदलाव लाने के लिए बदल जायें नमूना

बदलाव लाने के लिए बदल जायें

दिन 1 का 3

परमेश्वर की बुलाहट और हमारा व्यक्तिगत बदलाव 

“पौलुस, जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित होने के लिए बुलाया गया…”  (1 पद)

परमेश्वर के द्वारा बुलाये जाने से पहले, पौलुस की ज़िन्दगी का मकसद कलीसिया - परमेश्वर लोगों को सताना था | यरूशलेम के यहूदी महापरिषद, उसे यीशु मसीह  के चेलों को सताने का अधिकार देते हैं| लेकिन जब वो दमिश्क की और जा रहा था, रास्ते में उसकी भेंट परमेश्वर से होती है और परमेश्वर उसे दिखाते हैं कि पौलुस कौन है और क्या बनेगा| परमेश्वर के साथ हुए उस भेंट से उसके जीवन में व्यक्तिगत बदलाव आया | यह अनुभव उसे परमेश्वर की आवाज़ के प्रति आज्ञाकारी बना देता है और वो दूसरों को महत्त्व देना सीखता है| अब वो पुराना मनुष्य नहीं रहा|        

बदला हुआ पौलुस, अपने कुरिन्थियों की पत्री में पौलुस उन्ही लोगों को जिन्हें वो सताया करता था, संबोधित कर के कहता है, “मसीह में पवित्र किये गए, संत”| कई विभिन्नताओं के बावजुद, वो कलीसिया को परमेश्वर के लिए समर्पित मसीह की देह के रूप में देखने लगता है और देखता है कि यहूदी और अन्यजाति एक समान परमेश्वर के ही हैं | वो कलीसिया की सहराना करता है कि वहां परमेश्वर के लोग परमेश्वर के अनुग्रह और शांति का अनुभव करते हैं - मसीह के चेले के रूप में | वर्त्तमान समय की कलीसिया आज भी वही प्रार्थना करती है |  

कलीसिया को सताने वाले से कलीसिया के प्रेमी के रूप में पौलुस का जीवन एक मिसाली परिवर्तन से होकर गुजरता है क्योंकि परमेश्वर से उसकी मुलाक़ात हुई | ऐसी  भेंट के  लिए कभी सोचा  भी नहीं गया था, खासतौर पर इसलिए क्योंकि वो परमेश्वर को ही सताने जा रहा था| उसी जगह पर वो हम से भी मिलता है! वहीँ  पर वह हमें दर्शाते हैं कि हम कौन हैं और हमें क्या होना चाहिए | वे हमें अपने अनुग्रह से योग्य बनाते हैं और हमें बदलते हैं| यदि हम परमेश्वर को अपने जीवन में अगुवाई की अनुमति दें तो वह  हमारे पुराने व्यक्तित्व को हटाकर, एक नयी शुरुआत देने के लिए विश्वास योग्य है | जो न सिर्फ हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आशीष का कारण  होगा|       

पवित्र शास्त्र

दिन 2

इस योजना के बारें में

बदलाव लाने के लिए बदल जायें

परमेश्वर की बुलाहट, और हमारे लिए उनके उद्देश्य को समझने का अनुभव| गवाही से भरा जीवन जीना, दूसरों को उनके उद्धार भरे अनुग्रह के बारे में बताना| वर्तमान समय को भविष्य की आशा से जीतना| परमेश्वर के द्वारा चुने एक पात्र के रूप में एक योग्य जीवन जीना| मात्र मसीह को सिर मानते हुए, कलीसिया में एकता को बढ़ावा देना| परमेश्वर के वचन की घोषणा करना और उसे सिखाना|

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए सी जेबराज को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://jebaraj1.blogspot.com/