असाधारण उपासकनमूना

असाधारण उपासक

दिन 1 का 5

यशायाह 6:1

जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया।


चाहे हमारी परिस्थिति कैसी भी हो, हमें प्रभु के साथ एक नई मुलाकात की आवश्यकता है। ऐसा होने से हमारा जीवन पूरी तरह से परिवर्तित हो जायेगा ।

 

यशायाह परमेश्वर का एक भविष्यद्वक्ता था और इसलिए वह परमेश्वर के लोगों की सेवा कर रहा होगा और उन्हें बता रहा होगा की परमेश्वर क्या कह रहा है। परन्तु हमारा  अध्याय  कहता है कि जिस वर्ष राजा उज्जिय्याह की मृत्यु हुई उस वर्ष  यशायाह ने  यहोवा का दर्शन दे्खा था । इस राजा का स्वाभाव इतना प्रभावशाली था की उसके चलते यशायाह भविष्यवक्ता परमेश्वर के दर्शन को न देख सका । उसकी मृत्यु ने यशायाह के परमेश्वर को देखने में आने वाली बाधा को दूर कर दिया।

परमेश्वर के दर्शन को मेरे जीवन मे क्या रोक रहा है? क्या मेरे जीवन में कुछ इतना बड़ा है कि यह परमेश्वर के बारे में मेरे दृष्टिकोण को अवरुद्ध कर देता है? मैं उन चीजों के कारण नए सिरे से परमेश्वर का अनुभव करने में असमर्थ हूं जो मेरा ध्यान दूसरी ओर ले जा रही हैं। यह मेरे परिवार, काम, दोस्त, सोशल मीडिया, मनोरंजन आदि जैसी अच्छी चीजें हो सकती हैं। मैं गहन विचार करके सोच सकता हूँ की क्या चीज़ें मुझे घेरे रहती है।  


परमेश्वर के जन होने के नाते हमें नियमित रूप से उसके साथ समय बिताने, उसकी आवाज सुनने, उसकी शांति का अनुभव करने और उसकी उपस्थिति में स्थिर रहने की ज़रुरत है। इसके लिए हमें अपने अन्दर के उज्जिय्याह को 'मार' डालना होगा।  हम एक सच्चे उपासक तभी बन सक्ते है,  जब  हम किसी भी चीज को हमारे और परमेश्वर  के बीच का रोड़ा न बनने देंगे ।


पवित्र शास्त्र

दिन 2

इस योजना के बारें में

असाधारण उपासक

यशायाह 6:1-8 पर 5 दिन का अध्याय जो उसके एक भविष्यवक्ता से असाधारण उपासक होने की यात्रा को दर्शाती है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.churchnewlife.in/