BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन नमूना
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जब यीशु से पूछा गया की पुराने नियम, अर्थात इब्रानी बाइबिल में, सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है, तो उसने शेमा नाम की प्राचीन प्रार्थना का हवाला देते हुए उत्तर दिया, “तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन से प्रेम रख|” परन्तु इतना ही नहीं| इसके तुरंत बाद यीशु ने कहा की इब्रानी बाइबिल की एक दूसरी आज्ञा भी बहुत महत्वपूर्ण है, “अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख|” तो इनमें से कौन सी अधिक महत्वपूर्ण है? यीशु के लिए दोनों ही अत्यावश्यक हैं क्यूंकि दूसरी आज्ञा पर ध्यान दिए बग़ैर, पहली आज्ञा का पालन संभव नहीं है| दोनों अभिन्न हैं| किसी व्यक्ति का परमेश्वर के लिए प्रेम, दूसरों के प्रति उसके प्रेम के माध्यम से ही व्यक्त होता है|
पढ़ें: मरकुस १२:२९-३१, व्यवस्थाविवरण ६:५, लैव्यव्यवस्था १९:१८
चिंतन करें: इब्रानी बाइबिल में से हवाला देने के बाद, ध्यान दीजिये की यीशु क्या कहता है| जब आप उसके शब्दों पर चिंतन करते हैं तो कौन से प्रश्न, विचार या भावनाएं उभर कर, आपके सामने आती हैं? व्यवस्थाविवरण और लैव्यव्यवस्था से लिए हुए अंशों का पुनरावलोकन कीजिए| आप क्या देखते हैं? यह आज आपको, कैसे प्रभावित करते हैं?
अपने चिंतन को परमेश्वर के लिए ह्रदय से निकलने वाली एक प्रार्थना बनाइये|
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए BibleProject को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://bibleproject.com