'बाइबल इन वन ईयर' 2022निकी गंबल के साथनमूना

'बाइबल इन वन ईयर' 2022निकी गंबल के साथ

दिन 360 का 365

धन को कैसे सम्भालें

क्रिसमस के एक दिन बाद हम में से बहुत से लोग ऐसा अनुभव करते हैं कि हमारी जेब खाली हो गई है। परंतु, यह समस्या केवल क्रिसमस के समय में नहीं आती है। हम में से कई लोग जीवन में प्रतिदिन ऐसी समस्याओं का सामना करते हैं। किंतु हम इस विषय पर कलीसिया में बात नहीं करते। परंतु यीशु ने धन के विषय में बात की थी। पवित्र शास्त्र इसके बारे में बहुत कुछ कहता है। धन मायने रखता है। यह हमारे लिये मायने रखता है और परमेश्वर के लिये भी। आप धन को कैसे सम्भालेंगे?

नीतिवचन 31:10-20

रिश्तों को धन से ज्यादा प्राथमिक्ता दें

रिश्ते हमारे लिए धन से ज्यादा आवश्यक है। उदाहरण के लिए, धन एक दु:खी वैवाहिक जीवन को बदल नहीं सकता और दूसरी ओर, जिनके पास एक सुखी वैवाहिक जीवन है, 'उसे लाभ की घटी नहीं होती' (व. 11)। 'नेक स्वभाव की पत्नी कौन पा सकता है? क्योंकि उसका मूल्य मणि से भी बहुत अधिक है। उसके पति के मन में उसके प्रति विश्वास है, और उसे लाभ की घटी नहीं होती।' (वव. 10-11)

जैसे नीतिवचन के लेखक एक 'भली स्त्री' के बारे में समझाते हैं। वह इस बात से शुरू करते हैं कि, उस स्त्री का जीवन आर्थिक बातों से जुड़ा है। यह एक बहुत बड़ा उदाहरण है 'धन के प्रति उसके दृष्टिकोण' को लेकर। जैसे जॉन वेस्ली ने कहा है 'जितना कमा सकते हो कमाओ, जितना बचा सकते हो बचाओ और जितना खर्च कर सकते हो करो।'

  1. 'जितना कमा सकते हो कमाओ'

स्त्री बहुत ही मेहनती होती है। अपने कार्य और धन कमाने में वह रात ही को उठ बैठती है और अपने घराने को भोजन खिलाती है।' (व. 12-15अ)। 'वह किसी खेत के विषय में सोच विचार करती और मोल ले लेती है। वह परख लेती है कि उसका व्यापार लाभदायक है या नहीं।' (वव.16-18अ).

  1. 'जितना बचा सकते हो बचाओ'

'वह अपने हाथों से प्रसन्नता से काम करती है' (व. 13)। वह अपनी कमाई में से कुछ किनारे बचा कर रखती है (व. 16)।

  1. 'जितना दे सकते हो और खर्च कर सकते हो करो'

वो उदार मन की होती है। 'वह दिन के लिये मुट्ठी खोलती है और दरिद्रों को संभालने के लिए हाथ बढ़ाती है (व. 20)। उदारता से देना परमेश्वर की उदारता को दर्शाता है और गरीबों के प्रति प्रेम। यह भौतिकवाद को तोड़ने का एक तरीका है।

प्रभु मेरी सहायता कीजिये कि मैं एक अच्छा प्रबंधक बनूँ उन हर बातों के लिए जिसके विषय में आपने मुझ पर भरोसा किया है। ऐसा हो कि मैं हर वक्त उदारता से दे सकूँ, खास तौर पर गरीबों और ज़रूरतमंद लोगों को।

प्रकाशित वाक्य 18:1-17a

अपना भरोसा धन पर मत रखिये

पवित्र शास्त्र में कोई मनाई नहीं है कि आप धन नहीं कमा सकते या इकट्ठा नहीं कर सकते, लेकिन यह सिर्फ इतना कहता है कि अपना भरोसा धन पर मत रखिये। यह आपकी असुरक्षा को लाता है और परमेश्वर से आपको दूर ले जाता है।

धन कोई अदल बदल का तटस्थ औपचारिक माध्यम नहीं है। यीशु ने कहा 'तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते' (मत्ती 6:24) 'मैमन' कार्थेज में धन का ईश्वर था। धन में ईश्वर बनने की सारी योग्यता है। यह सुरक्षा, आज़ादी, सामर्थ, प्रभाव, ओहदा और शौहरत जैसी चीजें प्रदान कर सकता है। यह प्रेरणादायक समर्पण और एकल दिमाग में अन्य मानसिकता के लिए सक्षम है। जैसे डेट्रिच बैहौफर ने कहा है 'हमारा हृदय केवल परमेश्वर की उपासना कर सकता है और एक ही के प्रति समर्पित हो सकता है।'

इस पद में यूहन्ना को एक दर्शन मिलता है 'महान बेबीलोन' के पतन (प्रकाशितवाक्य 18:2) और यह एक भविष्यवाणी के रूप में दिखाई देती है, जो अगले 320 वर्ष तक पूरी नहीं होगी - रोमी साम्राज्य का ढाया जाना AD 410 में।

यूहन्ना लिख रहे थे कि, साम्राज्य तो आनन्द मना रहा है, उसको कुछ चिंता नहीं है और वे सारा लाभ उठा रहे हैं। परंतु फिर भी यूहन्ना देखते हैं कि उनका चरित्र ही उनके ढाए जाने का कारण हुआ।

'बेबीलोन' कुछ चीजों को दर्शाता है जो अपने आपको परमेश्वर से बढ़कर दर्शाते हैं। यूहन्ना कुछ ऐसी बातों को रेखांकित करता है जो एक समाज के पतन का कारण बनती है।

  • सामाजिक बुराई

'क्योंकि उसके व्यभिचार की भयानक मदिरा के कारण सब जातियाँ गिर गई हैं। और पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है' (व. 3अ)।

  • अत्यधिक विलासपूर्ण वस्तुएँ

'और पृथ्वी के व्यापारी उसके सुख-विलास की बहुतायत के कारण धनवान हुए हैं।' (व. 3ब, व. 7, व. 9) 'जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख विलास किया, उतनी उस को पीड़ा, और शोक दो' (व. 7)।

  • मानव तस्करी

'और दास और मनुष्य के प्राण।' (व. 13) यूहन्ना इस बात को समझाना चाहता है कि दास कोई ढ़ांचा नहीं है कि उसे खरीदा और बेचा जा सके बल्कि वह भी एक इंसान है। यह मानव तस्करी पर एक टिप्पणी से भी बढ़कर है। यह एक टिप्पणी है उस सामानों पर जो जहाज़ के खेप में होते हैं। यह अमानवीय क्रूरता को दर्शाता है। जिस पर सम्पूर्ण साम्राज्य की उन्नति निर्भर करती है। आज ऐसा अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में तकरीबन 3 करोड़ दास या गुलाम पाए हैं, यह हमारे समाज की शर्मनाक और घिनौनी बात है।

मानव तस्कती से धन और शौहरत आते हैं और जाते हैं, पर यूहन्ना अपने लोगों से कहते हैं कि बेबीलोन के पाप से दूषित मत हो। 'हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ कि तुम उसके पापों में भागी न हो' (व. 4)। यूहन्ना के वचन जैसे उस समय में प्रासंगिक थे वैसे आज भी हैं।

'हे प्रभु हमारी सहायता करिए कि हम अपने ढीठ स्वभाव को छोड़ें और धन पर भरोसा न रखें। हमारी सहायता करिए कि हम देह व्यापार और दासों की तस्करी पर रोक लगा सकें। धन्यवाद परमेश्वर कि साम्राज्य आता और जाता रहता है, परंतु आपका वचन सदा बना रहेगा।'

नहेमायाह 5:1-7:3

धन को संभालने में आदर्श बनें।

नहेम्याह एक बहुत ही अच्छा उदाहरण रहा है एक अगुवे के रूप में और उसने किस रीति से धन को संभाला। हम में से हरएक जन धन की आर्थिक समस्याओं से गुज़रते हैं। जब हमें घटी होती है, तब हम क्या करते हैं?

नहेम्याह इतनी भयंकर परिस्थिति का सामना कर रहा था। कई लोगों के पास जीवित रहने के लिये पर्याप्त भोजन नहीं था (व 5:2)। कुछ लोगों को अपना खेत और घर गिरवी रखना पड़ा (व. 3) और कुछ लोगों को माँग कर जीना पड़ा (व. 4)। हम नहेम्याह के उदाहरण से क्या सीख सकते हैं?

सबसे पहले उसने अपने मन में ध्यान से सोचा 'मन में सोच विचार किया........' (व. 7)। जब परिस्थितियाँ उलट पुलट हों तब जल्दबाज़ी करने की आवश्यकता नहीं है। शांतिपूर्वक बैठकर मन में सोच विचार करने की आवश्यक्ता है।

दूसरी बात, 'उसने एक सभा बुलाई' (व. 7ब)। कुछ बैठक किसी काम की नहीं होती। सिर्फ समय बरबाद होता है बिना कुछ काम के, परंतु कुछ सभाएँ बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। नहेम्याह को इन प्रकार की सभाओं का फर्क मालूम था। इसलिए 6वे अध्याय में उसने लोगों से बैठक में मिलने से इंकार कर दिया।

इधर नहेम्याह लोगों को बैठक में समझाता है कि वे लोग जो कर रहे हैं, वह गलत है। उन्हें लोगों को उधार के बदले ब्याज नहीं लेना चाहिये और वह उनसे कहता है 'आज ही उनको उनके खेत और दाख और जैतून की बारियाँ और घर फेर दो, और जो रुपया, अन्न, नया दाखमधु और तटका तेल तुम उनसे ले लेते हो, उसका सौवाँ भाग फेर दो।' (व. 11)

सभा सफल हुई। उन लोगों ने कहा 'हम उन्हें फेर देंगे, और उनसे कुछ न लेंगे। जैसा तुम चाहते हो, वैसा ही हम करेंगे।' (व. 12) लोगों ने वैसा ही किया जैसा उन्होंने वायदा किया था (व. 13)।

तीसरी और सबसे मुख्य बात कि उसने अपने जीवन को एक आदर्श उदाहरण के रूप में दिखाया:

  1. व्यक्तिगत परमेश्वर का भय मानने के कारण नहेम्याह 'पिछले अधिपतियों के समान नहीं था, जो प्रजा पर भार डालते थे, वरन उसके सेवक भी प्रजा के ऊपर अधिकार चलाते थे' (व. 15)।

  2. साधारण जीवन शैली

'अर्थात बारह वर्ष तक मैं और मेरे भाई अधिपति के हक का भोजन खाते रहें' (व. 14)।

  1. स्वयं का कोई लाभ नहीं

'और मेरे सब सेवक काम करने के लिये वहाँ इकट्ठे रहते थे, और हम लोगों ने कुछ भूमि मोल न ली...... तब भी मैंने अधिपति के हक का भोजन नहीं लिया, क्योंकि प्रजा पर काम का भार काफी था।' (व. 16-18)

  1. लोगों के प्रति उदारता

'फिर मेरी मेज पर खाने वाले एक सौ पचास यहूदी और हाकिम और वे भी थे, जो चारों ओर की अन्यजातियों में से हमारे पास आए थे' (व. 17)।

  1. एक मन से परिश्रम वे सब लोग यह सोच कर हमें डराना चाहते थे, कि उनके हाथ ढीले पड़ें और काम बन्द हो जाए। परन्तु अब हे परमेश्वर तू मुझे हियाव दे।' (व. 6:9)

नहेम्याह ने जिस कार्य की शुरुआत की, वह कार्य खत्म भी किया" बहुत से लोग काम शुरू तो करना जानते हैं, परंतु जैसे पीपा के पिता ऐसा कहते हैं कि ‘कार्य जारी रखना' यह बहुत कम लोगों में पाया जाता है। नहेम्याह उस कार्य को करता रहा, जब तक कि वह कार्य पूरा नहीं हो गया।

इस कार्य की सफलता ही इसका सही जवाब था, अर्थात बावन दिन के भीतर शहरपनाह बन गई। जब हमारे सब शत्रुओं ने यह सुना, तब हमारे चारों ओर रहने वाली अन्यजाती डर गई और बहुत लज्जित हुई। क्योंकि उन्होंने जान लिया था कि यह काम हमारे परमेश्वर की ओर से हुआ है' (व. 15-16)।

प्रभु मुझे ज्ञान दीजिए कि मैं धन को कैसे सम्भालूँ, मेरी सहायता कीजिये कि मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में एक अच्छा उदाहरण बनूँ कि मैं कोई स्वयं का लाभ न देखूँ बल्कि एक अच्छा जीवन जीऊँ, परिश्रम करने वाला बनूँ और लोगों के प्रति उदार हृदय वाला व्यक्ति बनूँ।

Pippa Adds

नीतिवचन 31:10-20

बल्कि मुझे अपर्याप्त लगता है जब मैं पढ़ती हूँ: ‘सबकुछ करने वाली, ‘सबकुछ रखने वाली’ और ‘सबकुछ बनने वाली’ स्त्री। सबसे ज्यादा महत्व यह नहीं सखता कि हम चीज़ों को किस तरह से करें, पर यह है कि हमारा और परमेश्वर का रिश्ता मजबूत हो।

References

डाइरिच बोनोफर, द कॉस्ट ऑफ डिसाइपलशिप, (एसएमजी, 1959; पॉकेट बुक्स: 1 टचस्टोन संस्करण 1995) पन्ना 176 जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। ([www.Lockman.org](http://www.Lockman.org)) जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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