परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )नमूना
अय्यूब - आग के नीचे विश्वास
अय्यूब की पुस्तक
जब संसार शैतान की बेड़ियों में फिर से फंस जाता है, तब एक और चमकदार रोशनी खड़ी होती है। अय्यूब ने परमेश्वर के साथ घनिष्ठ संगति का आनन्द लिया। संभवतः अब्राहम के पिता या अब्राहम के समकालीन मानव युग और पुस्तक में वर्णित जीवों को देखते हुए, अय्यूब लिखी गई संभवत सबसे पुरानी पुस्तक है, हालाँकि बाइबल में इसे कविताओं की पुस्तकों के बीच रखा गया है।
एक अलौकिक चुनौती में, जब परमेश्वर शैतान के सामने अय्यूब की धार्मिकता की चर्चा करते हैं, तब शैतान प्रत्युत्तर देता है, कि यदि अय्यूब दुर्भाग्य का सामना करे, तो वह परमेश्वर को कोसेगा। शैतान को परमेश्वर की अनुमति मिलती है कि वह अय्यूब पर अपना कहर बरसाए।
शैतान एक झटके में उसके परिवार और सारी सम्पत्ति को नष्ट कर देता है। अय्यूब का शानदार प्रत्युत्तर था ‘‘यहोवा ने दिया और यहोवा ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।’’ अय्यूब 1:21। बहुतायत और कंगालपन दोनों में अय्यूब परमेश्वर का सम्मान करता है।
अय्यूब के पास बहुतायत से निम्न्लिखित चीज़ें हैं:
- परमेश्वर की उपस्थिति - वह उन दिनों को याद करता है, ‘‘जब परमेश्वर की मित्रता मेरे डेरे पर प्रगट होती थी।’’ अय्यूब 29:3,4
- शुद्धता और खराई - मन, शब्दों और कामों में। ‘‘क्या मेरे वचनों में कुटिलता है? (अय्यूब 6:30) ‘‘मैं ने अपनी आँखों के विषय वाचा बान्धी है, फिर मैं किसी कुंवारी पर क्यों आँखें लगाऊँ?’’ (अय्यूब 31:1)
- परमेश्वर का संरक्षण - वह दर्शाता है कि कैसे उसका मार्ग ‘‘मलाई से भीगा हुआ था।’’ (अय्यूब 29:6)
सूनेपन में, वह व्यस्त निन्लिखित बातों में व्यस्त हैः
§विश्वास की प्रार्थनाओं में - इस पुस्तक में विश्वास के अनेक रत्न हैं। उदा. ‘‘जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूँगा।’’ (अय्यूब 23:10)
- प्रतिवाद में - अय्यूब अपनी धार्मिकता पर ज़ोर देता है और परमेश्वर से प्रतिवाद करता है, यह जानते हुए कि वह परमेश्वर को चुनौती देने के लिए बहुत छोटा है। ‘‘हम दोनों के बीच कोई बिचवई नहीं है, जो हम दोनों पर अपना हाथ रखे।’’ (अय्यूब 9:33)
अय्यूब के तीन मित्र उसे उन पापों को स्वीकार करने के लिए मज़बूर करने का प्रयास करते हैं जो उसने किए होंगे। चौथा मित्र एलीहू, छोटा और बुद्धिमान, इस बात पर प्रकाश डालता है कि परमेश्वर समझ से परे है।
- परमेश्वर की बड़ी तस्वीर
एक शानदार प्रतिक्रिया में, परमेश्वर ने अपनी रचना का प्रबंध करने वाले अपने विस्तृत कार्य और पृथ्वी पर दो सबसे भव्य प्राणियों - लिब्यातान और जलगज का वर्णन किया- जो क्रमशः आग उगलने वाले समुद्री दैत्य और विशाल डायनासोर जैसे कुछ थे।
अय्यूब चुप रहा। उसने अपनी आज्ञानता के लिए क्षमा मांगी । ‘‘जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिए प्रार्थना की, तब यहोवा ने उसका सारा दुःख दूर किया।’’ (अय्यूब 42:10)।
जब परिस्थितियाँ हमें परेशान करती हैं, तो परमेश्वर पर अपने ध्यान को वापस लगाना सबसे अच्छा उपाय है। जब परमेश्वर बड़ा और समस्याओं के विपरीत दिखाई पड़ता है, तब हमारी समस्याएँ छोटी दिखाई पड़ती हैं । क्या हम परमेश्वर की महानता का पता लगाने के लिए तैयार हैं?
इस योजना के बारें में
पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए बेला पिल्लई को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.bibletransforms.com/