यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनूननमूना

यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनून

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आप किस चीज को इतना अधिक पसंद करते हैं कि उसके लिए अपनी जान भी दे सकते हैं?

जुनून बाइबल के मुद्दे को संबोधित करता है किआपने अपना मन,अपना प्रेम,अपना भरोसा और अपनी पर्याप्तता को कहां लगा रखा है।आप किसी व्यक्ति के जुनून को यह देखकर निर्धारित कर सकते हैं कि वह किस चीज के लिए मरने को तैयार है।आप जिसके लिए मरने को तैयार हैं,उसके लिए ही आप जी रहे हैं। यह आपके जीवन का जुनून है।एक सर्वोच्च उद्देश्य का पीछा करने वाला साशय जीवन जुनून से शुरू होता है। जुनून एक घर की नींव की तरह है। किसी भी चीज को स्थायी बनाने के लिए आपकी नींव मजबूत होनी चाहिए।मसीहियों को उनका जुनून,उनकी मजबूत नींव कहां से प्राप्त करनी चाहिए?नए जीवन के दाता से,नए आचरण के नमूने,नई प्रेरणाओं के ऊर्जावर्धक,नए कार्य के सशक्तिकरण-प्रभु यीशु मसीह से।

बाइबल स्पष्ट रूप से एक व्यक्ति के जीवन की नींव के रूप में,परमेश्वर के एकमात्र पुत्र,यीशु मसीह की प्रशंसा करती है। परमेश्वर होने के नैतिक गुण के कारण प्रभु यीशु नींव के रूप में योग्य हैं। परमेश्वर में जो भी खुबियां होती हैं,वह सब यीशु में हैं। वह सभी चीजों से पहले था। उसने सभी चीजें बनाईं। बाइबल कहती है कि न केवल यीशु परमेश्वर है,वास्तविकता के पहले व्यक्ति (आरंभकर्ता) के रूप में,वह वर्तमान,चल रही यथार्थ के पहले व्यक्ति हैं—“सब कुछ उसी में स्थिर रहता है” (कुलु. १:१७)—वर्तमान यथार्थ का निर्देशक और निर्धारक।

यीशु आपके जीवन का आधार कैसे बन सकते हैं?यदि आपने यीशु को ग्रहण नहीं किया है,तो आपको तुरंत उनमहत्वपूर्ण मामले से निपट लेना चाहिए जो आपको परमेश्वर से अलग करता है—पाप।

पाप आपको ईश्वर से अलग करता है। इसलिए,परमेश्वर ने दरार को दूर करने के लिए एक पुल का निर्माण किया। प्रभु यीशु,पूरी तरह से परमेश्वर और पूरी तरह से मानव होने के नाते,परमेश्वर और आपके बीच के खाली स्थान को आर-पार जोड़ते हैं ।

जब आप अपने जीवन के उद्धारकर्ता के रूप में यीशु पर भरोसा करते हैं,तो आपने जीवन के अंतिम उद्देश्य को खोजने में पहली बात को पकड़ लिया है। पश्चाताप और विश्वास के द्वारा मसीह आपके जीवन में नई नींव बन जाते हैं (इब्रानियों ६:१)। अपना हृदय प्रभु यीशु मसीह पर लगाएं। उससे प्रभावित हों। और फिर उसकी सेवा करने के लिए तैयार रहें,चाहे कोई भी कीमत क्यों न हो।

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इस योजना के बारें में

यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनून

पांच दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, वह पासबान के दृष्टिकोण से बताएंगे कि जीवन में अपनी आत्मा के जुनून को कैसे खोजा जाए एक सर्वोच्च उद्देश्य का पीछा करने वाला इच्छानुरूप जीवन जुनून से शुरू होता है। आप इसके साथ संगी योजना,"एक साशय जीवन का निर्माण करनाः अभी प्रारम्भ करें" का भी आनंद ले सकते हैं।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/