बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथनमूना

बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथ

दिन 21 का 365

परमेश्वर के साथ ईमानदार रहें

सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध टी.ई.डी बातचीत कार्यक्रम में, *लाइस्पॉटिंग* की लेखक पामेला मेयर, ने दावा किया है कि किसी भी दिन में हम 10 से 200 बार झूठ बोलते हैं! ‘चेक डाक में है’। ‘कल सुबह सबसे पहले आपके बॉयलर की मरम्मत करने के लिए कोई न कोई पहुँच जाएगा।’ ‘मैं ठीक हूँ!’ कभी-कभी ये खाली शब्द होते हैं। दिल होंठों का साथ नहीं देता। हमें धोखा दिया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि लोग हम से सच कहें। हम आज के अपने पद्यांशों में देखते हैं कि परमेश्वर झूठ और कपट से नफरत करते हैं दाऊद कहते हैं, ‘उन में से प्रत्येक अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे *चापलूसी* के होठों से दो रंगी बातें करते हैं। (पद - 12:2)। यीशु ने यशायाह का वर्णन किया, ‘ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है’ (पद - 15:8)। हमने देखा कि यूसुफ के भाइयों ने अपने पिता से यूसुफ के भविष्य के बारे में कैसे झूठ बोला (उत्पत्ति 37:31-35)। मगर, आज हम यह भी देखते हैं कि वे अपने दिल में जानते थे कि वे परमेश्वर को धोखा नहीं दे सकते, ‘इसी कारण हम अब भी इस संकट में पड़े हैं’ (पद - 42:21)। परमेश्वर चाहते हैं कि आप उनके साथ ईमानदार रहें। उन्हें खरापन पसंद है। वह सुनना चाहते हैं कि आज आपके मन में क्या है।

भजन संहिता 12:1-8

परमेश्वर से मदद मांगिये

दाऊद के दिल की यह पुकार है, ‘हे प्रभु, मेरी मदद कर’ (पद - 1)। वह अपने दिनों में समाज की अवस्था पर शोक मनाता है – एक ऐसा समाज जो हमारे आज के समाज से अलग था। वह झूठ, छल, घमंड, लालच और स्वार्थीपन का उल्लेख करता है। वह परमेश्वर से याचना करता है।

||लोग अपने ‘होठों’ से ऐसी बातें करते हैं जो उनके ‘मन’ को नहीं दर्शातीं:

||‘सभी लोग झूठ बोलते हैं;

||वे चापलूसी के होठों से दो रंगी बातें करते हैं’ (पद - 2)।

परमेश्वर उन लोगों से प्रभावित नहीं होते जो बोलने में चालाक हैं। मदद के लिए दाऊद की आरंभिक पुकार के उत्तर में परमेश्वर उससे कमज़ोरों और ज़रूरत मंद लोगों की मदद करने का वायदा करते हैं: ‘अब मैं उठूंगा, जिस पर वे फुंकारते हैं उसे मैं चैन और विश्राम दूंगा’ (पद - 5)।

फिर दाऊद परमेश्वर की विश्वसनीयता की तुलना अपने आस - पास के लोगों के झूठ और खोखलेपन से करता है: ‘परमेश्वर का वचन पवित्र है, उस चाँदी के समान जो भट्टी में मिट्टी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो’ (पद - 6)। यह उसे विश्वास दिलाता है कि उसके चारों तरफ छल और कपट के बावजूद भी परमेश्वर उन्हें बचाएंगे और उनकी रक्षा करेंगे। ' तू ही हे परमेश्वर उनकी रक्षा करेगा, उन को इस काल के लोगों से सर्वदा के लिये बचाए रखेगा ' (पद - 7)।

‘हे प्रभु, मदद कर’ दिन के आरंभ में यह एक उत्तम प्रार्थना है जब आप परमेश्वर से कहते हैं कि आप जिन बातों में शामिल हैं उसमें वह आपका मार्गदर्शन करें।

प्रभु, मेरी मदद कर…. (यह परमेश्वर को उन सारी बातों में लाता है जिसमें आज आप शामिल होंगे।)

मत्ती 14:22-15:9

तूफान में परमेश्वर से बात करते रहें

यीशु को प्रार्थना करने के लिए दूर, एकांत में जाना अच्छा लगता था – ‘वह प्रार्थना करने के लिए अलग पहाड़ पर चढ़ गया; ’(14:23)। जब आप परमेश्वर के साथ अकेले होते हैं, तो आप उनसे ईमानदारी से और अपने दिल की गहराई से बात कर सकते हैं।

परमेश्वर के साथ यीशु की घनिष्ठता के कारण वह पानी पर चल सके। उन्होंने पतरस को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन जब पतरस ने आँधी को देखा, तो वह घबरा गया। मैं जानता हूँ उसे कैसा लगा होगा। कभी - कभी, जब चीज़ें गलत हो जाती हैं, तो हम अपना ध्यान यीशु पर से हटा लेते हैं। जब मैं अपनी आस - पास की स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करता हूँ, तो मैं ‘डूबने’ लगता हूँ। इन सब के बीच, पतरस ने घबराकर प्रार्थना की: ‘हे प्रभु, मुझे बचा’ (पद - 30)।

हालाँकि यह घबराहट में की गई प्रार्थना है, पर यह दिल की पुकार भी है। ‘यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया, ’ (पद - 31)। जब मैं घबराहट में की गई प्रार्थना को फिर से देखता हूँ, जो मैंने की थी, तो उनमें से किसी प्रार्थना का उत्तर देखकर आश्चर्य होता है।

जब यीशु और पतरस नाव में फिर से चढ़े, तो आँधी थम गई और ‘जब वे नाव पर चढ़ गए, तो हवा थम गई। इस पर जो नाव पर थे, उन्होंने उसे [यीशु को] दण्डवत करके कहा; “सचमुच तू परमेश्वर का पुत्र है,” ’ (पद - 33)।

इस घटना के अंत में सभी शिष्यों ने दिल से आराधना की। यह असाधारण है। अद्वैतवादी यहूदी, जो आज्ञाओं को जानते थे कि उन्हें केवल परमेश्वर की आराधना करनी है, उन्होंने यीशु की आराधना की। वे जान गए कि यीशु ही ‘परमेश्वर के पुत्र हैं।’

वास्तव में, जब यीशु पानी पर चल रहे थे तो शिष्यों के लिए उनके पहले शब्द यह थे, ‘ढाढ़स बान्धो; मैं हूं; डरो मत’ (पद - 27)। ‘मैं हूँ, यह पुराने नियम में परमेश्वर का नाम है’ (निर्गमन 3:14)। यीशु शिष्यों को और हमें कह रहे हैं कि वही महान ‘मैं हूँ’ परमेश्वर हैं, इसलिए डरने की ज़रूरत नहीं है। आज आप चाहें किसी भी परिस्थिति में हैं, यह सबसे बड़ा आश्वासन है कि सब कुछ यीशु के नियंत्रण में है।

शायद आपको इस बात से शांति नहीं मिल रही होगी कि यीशु आपके जीवन में क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं, लेकिन आपको इस बात से अवश्य शांति मिलेगी कि उनका नियंत्रण कायम है।

वे बीमारों को यीशु के पास लाए और उनसे चंगाई के लिए विनती की। ‘वे उस से बिनती करने लगे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आंचल ही को छूने दे: और जितनों ने उसे छूआ, वे चंगे हो गए’ (मत्ती 14:36)।

अगले भाग में (15:1-9) यीशु ने फरीसियों को बताया कि वास्तव में ‘उनके दिलों’ में क्या चल रहा है (पद - 8)। यह उनके शिष्यों द्वारा चली आ रही प्रथा को तोड़ने से शुरू होता है। लेकिन यीशु स्थिति ही बदल देते हैं।

वचन स्पष्ट रूप से कहता है कि हमें अपने परिवार की देखभाल करने को ज़्यादा प्राथमिकता देनी चाहिये – खासकर अपने माता-पिता की। फरीसियों ने गलत कारण बताया था कि वे क्यों अपने माता - पिता की देखभाल नहीं करते, वे कहते थे कि उनके माता - पिता को उनसे जो कुछ लाभ पहुंच सकता था, वह परमेश्वर को भेंट चढ़ाई जा चुकी है (पद - 5)।

यीशु उन पर कपटी होने का दोष लगाते हैं। ‘कपटी’ शब्द का अर्थ है ‘जो नाटक में मुखौटा लगाता है’। वे होठों से तो परमेश्वर का आदर करते थे, लेकिन वास्तव में, ‘उन का मन मुझ से दूर रहता है’ (पद - 8)। परमेश्वर आपके होठों के बजाय आपके दिल को ज़्यादा महत्त्व देते हैं।

प्रभु, आज मैं आपकी आराधना परमेश्वर के पुत्र के रूप में करता हूँ। धन्यवाद कि मुझे डरने की ज़रूरत नहीं है – जब चीज़ें गलत हो रही हों, तब मैं आपसे बात कर सकता हूँ और आप मेरी प्रार्थनाओं को सुनेंगे।

उत्पत्ति 41:41-42:38

अपने दिल की गहराई से परमेश्वर से कहें

यूसुफ का अंत अच्छा हुआ - परंतु शुरुवात बुरी थी। वह एक ‘गढ्ढे’ में (37:24), और ‘कैद’ में था (39:20), लेकिन अंत में वह एक ‘राज - महल’ में पहुँचा (45:16)।

बाइबल में अन्य लोगों की तरह (यीशु, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला, यहेजकेल, और याजक और मंदिर में सेवा करने वाले लैवीय – गिनतियों 4 देखें) यूसुफ ने अपने जीवन में 38 की उम्र से काम करना शुरू किया (41:46)। उस समय तक यूसुफ प्रशिक्षण में था। अब उसे पूरे ‘मिस्र देश का अधिकारी बनाया गया है’ (पद - 41)।

इन सब परेशानियों के बीच परमेश्वर ने यूसुफ के दिल को देखा। सत्रह और तीस साल के बीच तेरह सालों तक यूसुफ को आश्चर्य हो रहा होगा कि परमेश्वर उसके साथ क्या कर रहे हैं। उसे बहुत तिरस्कार, परेशानी, अन्याय, कैद, निराशा और अन्य परीक्षाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन इन सबके द्वारा परमेश्वर उसे ‘पूरे मिस्र का अधिकारी’ बनने के लिए तैयार कर रहे थे (पद - 41)।

परमेश्वर जानते थे कि उस पर भरोसा किया जा सकता है क्योंकि उसका दिल सही था। यह ज़्यादा मायने रखता है – इसलिए नहीं कि आप संघर्ष के दौर में हैं या आशीष के दौर में हैं, लेकिन क्या आप प्रभु के करीब रहकर उनके साथ अपने दिल से बात कर रहे हैं ?

यूसुफ ने अपने दो बच्चों का नाम मनश्शे (‘परमेश्वर ने मेरा सारा क्लेश भुला दिया है ’, पद - 51) और एप्रैम (‘परमेश्वर ने फुलाया - फलाया है’, पद - 52)। ‘मनश्शे’ और ‘एप्रैम’ इन दोनों नामों में सामानता यह है कि ‘परमेश्वर ने मुझे बनाया है’। कष्ट (मनश्शे) और सफलता (एप्रैम) दोनों समयों में यूसुफ मानता है कि परमेश्वर का संपूर्ण नियंत्रण है।

क्लेश के समय में अपने दिल को कड़वा न होने दें, ना ही सफलता के समय में घमंडी। जान लीजिये कि परमेश्वर आपके जीवन और आपकी स्थिति से भी श्रेष्ठ हैं।

यूसुफ की तुलना में, उसके भाइयों को अपने कपट और दुष्टता में जीना पड़ा (42:21 से आगे)। ‘क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ा के विनती की, तौभी हम ने यह देखकर, कि उसका जीवन कैसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम अब भी इस संकट में पड़े हैं’ (पद - 21)। ' तब उनके जी में जी न रहा ' (पद - 28), लेकिन तब उन्होंने अपने होठों से कहा, ‘हम सीधे लोग हैं’ (पद - 31)।

इन सबके बीच यूसुफ का सपना पूरा हो रहा था। उस पर जो कुछ गुज़रा था इसके बावजूद, वह परमेश्वर पर भरोसा करता रहा और उनके प्रति विश्वासयोग्य बना रहा। इसकी शुरुवात बुरी थी लेकिन इसका अंत अच्छा हुआ।

परमेश्वर द्वारा दिये गए स्वप्न को कभी जाने न दें। भले ही यूसुफ के समान आपको एक ‘गढ्ढे’ या ‘कैद’ से शुरुवात करनी पड़े, लेकिन अंत में आप एक ‘महल’ में पहुँच सकते हैं। जैसा कि जॉयस मेयर लिखती हैं, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कहाँ से शुरू किया है, लेकिन आपका अंत अच्छा हो सकता है….. ’। भले ही आज आप एक गढ्ढे में हैं, लेकिन परमेश्वर अब भी आपको ऊँचा उठा सकते हैं और आप में और आपके द्वारा महान चीज़ों को कर सकते हैं!’

प्रभु, मुझे अपना जीवन पूरी ईमानदारी से जीने में मेरी मदद कीजिये। कि मैं अपना जीवन। आपसे प्रार्थनाओं में और अपने दिल की गहराई और ईमानदारी से बातें करने में बिताऊँ। धन्यवाद कि आप मेरे दिल की पुकार सुनते हैं।

Pippa Adds

विश्वास का उतार-चढ़ाव

यूसुफ अपने समय के सबसे शक्तिशाली देश में माफी प्राप्त कैदी से लेकर उस देश का अधिकारी बना। पतरस विश्वास के साहसी कार्य – पानी पर चलने – से लेकर डर के कारण डूबने लगा।

यूसुफ अचानक हुकूमत में आने के लिए तैयार था। उसने हज़ारों जीवनों को भुखमरी और आर्थिक नुकसान से बचाया। हमें यूसुफ के जैसे और भी लोगों को उठाना है, जो बचाव योजना में कुशलता प्राप्त नेता हों।

References

नोट्स: जॉयसॅ मेयर, *एवरीडे लाइफ बाइबल,* (फेथवर्ड्स, 2013) पन्ना 72**.** पामेला मेयर, ‘हाउ टू स्पॉट ए लायर’, टीइडी जुलाई 2011: [https://www.ted.com/talks/pamela\_meyer\_how\_to\_spot\_a\_liar?language=en](https://www.ted.com/talks/pamela_meyer_how_to_spot_a_liar?language=en) \[Last accessed December 2015\] जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है। कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। ([www.Lockman.org](http://www.lockman.org)) जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
दिन 20दिन 22

इस योजना के बारें में

बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथ

क्लासिक: "बाइबल को समझना कठिन हो सकता है। अल्फा पायनियर्स, निकी और पिप्पा गमबल की टिप्पणियों के साथ इसे हर रोज़ पढ़ें या सुनें। आज ही शुरू करें!

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nicky Gumbel को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://bibleinoneyear.org/hi/