मूल्यनमूना
भारत की जरूरतों को समझना
बाइबल योजना के पहले दिन में आपका स्वागत है। इससे पहले कि हम मूल्य आंकने के बारे
में बात करें, आइए भारत में प्रमुख जरूरतों को संबोधित करने पर ध्यान दें।
आइए उन आंकड़ों की गहन खोज करें जो इन ज़रूरतों को प्रकाश में लाते हैं और बदलाव की
अत्यावश्यकता को दर्शाते हैं।
प्रमुख आँकड़े:
1. भारत के 90 प्रतिशत गांवों में चर्च नहीं हैं: ग्रामीण क्षेत्रों में मसीही उपस्थिति की
महत्वपूर्ण कमी और सुसमाचार फैलाने हेतु इसके अर्थ के विषय में सोचें।
2. भारत में 2,279 जनजातियों ने सुसमाचार नहीं सुना है: जोशुआ परियोजना के अनुसार,
भारत में काफी संख्या में लोगों ने सुसमाचार नहीं सुना है और उन्हें सुसमाचार का संदेश
सुनने का अवसर नहीं मिला है। यह जानकर दुख होता है कि तकरीबन 70,000 लोग
प्रतिदिन सुसमाचार सुने बिना ही अनपहुंचे संसार में मर जाते हैं।
3. सीमित बाइबल अनुवाद: 1,600 मातृभाषाओं और 700 बोलियों के साथ भारत में
विशाल भाषाई विविधता के बावजूद, केवल 52 भाषाओं में ही पूरे बाइबल का अनुवाद
उपलब्ध है। लोगों की अपनी भाषाओं में उनके साथ पवित्र शास्त्र को प्रभावी रूप से साझा
करने में आने वाली चुनौती के बारे में सोचें।
4. भारत में संसार के एक-तिहाई ऐसे जन समूह हैं जिनके पास अब तक सुसमाचार नहीं
पहुंचा है। भारत में ऐसे जन समूहों की विशाल संख्या पर और उनको सुसमाचार पहुंचाने के
महत्व के बारे में सोचें।
5. यीशु का दूसरा आगमन - मत्ती 24:14 में वचन पर मनन करें, जो मसीह के आगमन के
लिए योग्यता के रूप में सुसमाचार की वैश्विक घोषणा पर प्रकाश डालता है। इस
भविष्यवाणी को पूरा करने में हमारी भूमिका और उन लोगों तक सुसमाचार पहुंचने की
अत्यावश्यकता के बारे में सोचें।
बदलाव और मूल्य:
संसार में सुसमाचार सुनाने के लिए एक मूल्य चुकाना पड़ता है; और बदलाव वह मूल्य है
जिसे हमें अपनाना चाहिए।
इन ज़रूरतों को प्रभावी रूप से सम्बोधित करने के लिए बदलाव आवश्यक है।
इसके लिए प्राथमिकताएं, संसाधनों, और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता में बदलाव की आवश्यकता
होती है।
यीशु के अनुयायी होने के नाते, हमें बदलाव के अभिकर्ता बनने के लिए और महान आदेश को
पूरा करने हेतु सक्रिय रूप से सहभागी होने के लिए बुलाया गया है।
इसमें संसाधनों को पुनःनिदेशित करना, सेवकाई के तरीकों का पुनःमूल्यांकन करना, हमारी
जीवनशैलियों को फिर से डिज़ाईन करना, त्यागपूर्ण भावना से सुसमाचार साझा करने हेतु
अपना निवेश करना शामिल है।
हम बदलाव लाने और जहां सुसमाचार नहीं पहुंचा है वहां उसे पहुंचाने में हमारी भूमिका
पर चिंतन करें।
एक क्षण प्रार्थना में बिताते हुए परमेश्वर से बिनती करें कि इन ज़रूरतों को समझने में वह
हमारी सहायता करे और उचित कार्यवाही करने हेतु हमारा मार्गदर्शन करे।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
इस बाइबल योजना में आपका स्वागत है जो भारत के उन लोगों तक पहुंचने पर केन्द्रित है जिनके पास सुसमाचार नहीं पहुंचा है।
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हम यह योजना प्रदान करने के लिए Zero को धन्यवाद देना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें: https://www.zerocon.in/