लूका 6

6
प्रभू यीशू बिषाँव के देसो का भे प्रभू असो
(मत्ती 12:1; मरकुस 2:23-28)
1तबे: कोसी ओकी बिषाँव के देसे प्रभू यीशू सेरी बाटी हाँड्दे लागे थिऐ, अरह् तिन के चैले ऐं कोसी के खेच़ौ बाटी ज़ाँदी बई कल़ाव अरह् शूठे की बाली शी शीमी चूड़ी-चूड़ियों खाऐ लई थी। 2तबे कंई यहूदी भाट-बाँम्ण बुल्दे लागे “तुँऐं ऐजो का करी लो, ऐष्णों बिषाँव के देसे कर्णो यहूदी निंय्म के मुँताबिक शो ठीक ने आथी?” 3प्रभू यीशू ऐ तिन्खे जबाब दिता, “कियो तुँऐं पबित्र-ग्रन्थों दो पढ़ी ने थऐ, के राजा दाऊद अरह् तैस्के साथी जबे भूखी थिऐ, तअ तिन्ऐ का करो। 4राजा दाऊद पंण्मिश्वर के घर दा हुटा, अरह् चढ़ावे के रोटी चूंगी अरह् खाई, अरह् आप्णें साथियों कैई शी भे खियाई; जिनू रोटी खाणों के अज्ञाँ याजकों के सुवाऐ ओकी कोसी खे ने थी।” 5तबे प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “आदमी का बैटा बिषाँव के देसो का भे प्रभू असो।”
प्रभू यीशू ऐ शूक्कै हाथो वाल़ा आदमी चाँग्गा करा
(मत्ती 12:9-14; मरकुस 3:1-6)
6तबे कोसी ओकी बिषाँव के देसे प्रभू यीशू ऐं कोसी ओकी यहूदी लोगो के च़ोंत्रै दे हुटियों लोगो कैई बचन के शिक्क्षा देऐ लऐ थी; तबै तेथै ऐक आदमी थिया, जैस्का सुवाँ हाथ शुक्का अंदा थिया। 7यहूदी-निय्म के शिखाँणों वाल़े, अरह् यहूदी भाट-बाँम्ण ईयों ताक दे थिऐ, के प्रभू यीशू बिशाँव के देसे कोसी आदमी च़ाँग्गा करो, तअ आँमें तैसी दुषी-कसूरबार बाँणियों फशाऐ देंदे। 8परह् प्रभू यीशू तिन के मंन के बिचार आगे ही जाँणों थिऐ; तबे भे तिन्ऐं तैसी शुक्कै अंदे हाथों वाल़े आदमी खे बुलो, “बींऊँज अरह् बीच़ौ ठाँई खड़ा हऐ ज़ा।” से बीऊँजा अरह् बींच़ौ ठाँई खड़ा हुवा। 9प्रभू यीशू ऐ तिन खे बुलो, “हाँव तुओं कैई शो पुछ़ू, के बिषाँव के देसे भलाऐ कर्णी ठीक असो, के बुराऐ कर्णी, पराँण बंचाँणें के नाँष कर्णे?” 10तबे च़ौऊँ ढबै तिनू सोभी गाशी ज़ैठ पाऐयों, प्रभू यीशू ऐं तैसी आदमी खे बुलो, “आप्णा हाथ आगु करह्।” तबे तेने तैष्णों ही करो, अरह् तैस्का सेजा शुक्का अंदा हाथ च़ाँग्गा हुवा। 11परह् सेजो दे:खियों से बादे झुणे घीपियों सोच्दे लागे; अरह् बाईडे हुटियों आपु मुँझी ठाट्दे लागे, के ऐबे ऐस्को का करी?
“बारंह् खास-चैले छाँटे”
(मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19)
12तेसी देसे प्रभू यीशू धारंह् गाशी पंण्मिश्वर शी बिनती कर्दें लागे, अरह् तिन्ऐं बादी रात्त तियों धारंह् गाशी काटी। 13तबे झ़िषों तिन्ऐं आप्णे चैले बईदे अरह् तिनू मुझ्शे किऐ बारंह् चैले छाँटे अरह् तिनखे प्रभू यीशू के खास-चैले बुले गुऐ, 14तिन के नाँव ऐशे थिऐ, शमौन जैस्को नाँव तिन्ऐं (पतरस) थो, अरह् तैस्का भाऐ अन्द्रियास, अरह् याकूब, अरह् यूहन्ना, अरह् फिलिप्पुस, अरह् बरतुल्मै, 15मत्ती, थोमा, हलफई का बैटा याकूब, अरह् शमौन जैस्खे जेलोतेस बुली थिया। 16अरह् याकूब का बैटा यहूदा, अरह् “यूहदा इस्करियोती जुण्जा बिश्वाषघात्ती गरदार निकल़ा।”
शिक्क्षा देणी अरह् चाँग्गै कर्णें
(मत्ती 4:23-25)
17प्रभू यीशू तिनू बारंह् खास-चैले की गईलो तियों धारोह् गाच्छ़ै ऊदे ज़ुब्ड़ी दे आऐयों खड़े हुऐ। अरह् तेथै तिन के बैजाऐ चैले थिऐ, अरह् ऐक बैशुमार लोगो के बड़ी भिड़ थी; सेजै बादे लोग यहूदा प्रदेश, यरूशलेम नंगर, अरह् सूर, सेंदा, के संमुन्द्रो के टिराँव्टी शे भहुते लोग आऐ रूऐ थिऐ, 18सेजै लोग प्रभू यीशू कैई शा बंचन का बखाँण शुण्दें; अरह् आप्णें रोग-बीमारी शे मुक्त्त हंदें आऐ रूऐ थिऐ, अरह् तेथै बीच्की-आत्त्मा के सताऐ अंदें लोग भे आछ़ै करे ज़ाँव थिऐ। 19अरह् बादे लोग प्रभू यीशू छ़ुणों के कोशिष करह् थिऐ, किन्देंखे के तिन शी शक्त्ति निक्ल़ियों बादे लोग चाँग्गै हऐ ज़ाँव थिऐ।
कृपा अरह् दु:खो का बचन
(मत्ती 5:1-12)
20तबे प्रभू यीशू ऐ आप्णें चैले की ढबे दे:खियों बुलो,
तुँऐं “भाग्ईंत असो! जू शरीफ आदमी असो, किन्देंखे के पंण्मिश्वर को राज्य तुवाँरो असो।
21भाग्ईंत असो! तुँऐं जू बचनों के भूखे असो, तुँओं बचन लई छ़कऐं देंई दे, भाग्ईंत असो! तुँऐं जू रूओं ऐ, तुँऐं हस्ले अरह् खुशी हले।
22भाग्ईंत असो! तुँऐं जू आदमी के बैटे के ताँईऐंँ, लोग तुँओं आरी बईर कर्ले, अरह् तुवाँरी नीदया-चुगली लाँव, अरह् तुवाँरो नाँव बुरो जाँणियों काटी देले।
23“तेसी देसे खुशी हऐयों ऊष्टे, किन्देंखे के स्वर्गो दा तुँओं खे बड़ा ईनाँम भेंट्ला किन्दे खे के तिन के पुराँणियाऐं भे, ऋषी लोगो आरी ऐष्णों ही करिया करह् थिऐ।
24परह् नीर्भाग असो, तुँऐं जू सैठ-अमीर असो; किन्देंखे के तुऐं आप्णा सुख-चंऐन भोग्गी पाया।
25नीर्भाग असो, तुँऐं जू आपु आप्खे रजे-पूजे जाँणो, तुँऐं भूखे रंह्ले; नीर्भाग तुँऐं जू हस्दे लागो, तुँऐं रूले, अरह् शोक मनाले।
26नीर्भाग असो, तुँऐं जिन खे लोग शबाशी दियो, किन्देंखे के तिन के पुराँणियाऐं भे झूठे, ऋषी आरी ऐष्णों ही करह् थिऐ।
बईरी आरी पियार
(मत्ती 5:38-48; 7:12)
27“परह् हाँव तुओं शुण्णों आल़े खे बुलू, के आप्णे बईरी आरी पियार करह्, अरह् जुण्जा तुँओं आरी बईर करह् तैस्का भला करह्। 28अरह् जुण्जा तुओं खे श्राप-फिट्कारा दियों; तैस्खे तुऐं आशिर्बाद दियों। अरह् जुण्जा तुँओं आरी बुराबरताव करह्, तैस्खे तुऐ प्रार्थना करह्। 29अरह् जुण्जा तेरे सोऐं खुप्टे दे थापे लाला, तैस्के ढबे डेरा खोप्टा भे फेरे, अरह् जुण्जा ताँव कैई शी दोवड़ आगू करला तैसी आप्णा जह्गा-कुर्ता भे आगु कर्णों दिऐ। 30अरह् जुण्जा कुँऐं ताँव कैई शो किऐ माँगला तैस्खे आगु दिऐ, अरह् जुण्जा कुँऐ तेरी किऐ च़ीज आगू दोड़ो, तैस्कैई शी पाछू ने माँगे। 31अरह् ओकी कैई शा जैष्णा तू बरताव आपु खे चाँऐं, तैसी आरी तू तैष्णा ही बरताव करे।
32“जे तुँऐं तिन्हीं आरी पियार करह्, जुण्जे तुओं आरी पियार करह्, तअ तिन्दा तुऐं का पुन्य करा? पापी भे तअ आपु आरी पियार कर्णों वाल़े, शो पियार करह्। 33जे तुँऐं तिन्हीं की भलाऐ करह्, जुण्जे तुवाँरी भलाऐ करह्, तअ तबे ईन्दा तुवाँरा का पुन्य असो? पापी भे तअ ऐष्णों ही करह्। 34जे तुँऐं तिन्हीं खे उधार दियों, जिन कैई शी तुओं पाछु भेट्णों के आशा हों, तअ ईन्दा तुवाँरा का पुन्य असो? बादो ब्याजी आरी पाछू भेट्णों की आशा दो पापी भे तअ पापियों खे उधार दियों। 35परह् तुऐं आप्णें बईरी आरी पियार करह्, अरह् तिनका भला करह्; अरह् उधार देऐयों पाछ़ू लअणों के आशा ने करे, तबै ही तुवाँरा ईनाँम बड़ा हला, अरह् तबै ही तुऐं परमप्रधान पंण्मिश्वर के अलाद बण्लें, किन्देंखे के पंण्मिश्वर तिनू गाशी भे जुण्जे धन्यबाद ने कर्दे, अरह् बुरे लोगो गाशी भे दया-कृपा करह्।
36“दयाबाँन बंणों, जैष्णाँ तुवाँरा स्वर्गों का बाबा भे दयाबाँन असो; ओकी गाशी दोष-ईल़्जाँम ने लाऐ।
दोष-ईल़्जाँम ने लाऐ
(मत्ती 7:1-4)
37“दोष-ईल़्जाँम ने लाऐ, तअ तुँओं दा भे दोष-ईल़्जाँम ने लागो: दोषी-कसुरबार ने बाँणें, तअ तुओं भे दोषी-कसुरबार ने बाँणें ज़ाँव: माफ करह्, तअ तुओं खे भे माँफ करो ज़ालो। 38दियो, तअ तुँओं खे भे देईलो, लोग दाबे-दाबियों अरह् शियों लाऐयों जाके-जाकियों तुँवारी हगाल़ी दो देले, किन्देंखे के जैसी पाथै सुल़्ल़ै लई तुँऐं मिंणों-तुलो, तैसी ही नाँप-तोल लई तुओं खे भे दियो ज़ालो।” 39प्रभू यीशू ऐ तिनखे ऐक अनाँणों दितो: “कियों शैड़ा शैड़े कैई शी बाट दे:खाऐ सको? कियो से धुईन्नै कोसी गाड्डै दे ऊदे ज़ाँदी ने? 40चैला आप्णे गुरू शा बड़ा ने हंदा, परह् बादी शिक्क्षा भेट्णों गाशी से आप्णें गुरू जैष्णा बंणी ज़ाँव। 41तू आप्णे भाई की आँ:खी दो साँट कैई दे:खे, जबे तेरे आप्णी आँ:खी का लेक्ड़ा भे दे:खिदा ने? 42जबे तुवाँरे आप्णी आ:खी का लेक्ड़ा ने दे:खिदा, तअ तबे तू आप्णें भाई खे कैशो बुली सकै के हे ‘भाऐ! ऊडा आ हाँव तेरी आ:खी को साँट ऊडो गाड़ू?’ ओ कऊट्ल़ी! आगे तू आप्णी आ:खी का लेक्ड़ा तअ ऊडा गाड़। तबे ही तू आप्णें भाई की आ:खी को साँट सुओं करियों गाड़ी सकै।
जैष्णी डाल़ी, बाल, तैष्णा ही फल़
(मत्ती 7:16-20; 12:33-35)
43“आच्छ़ी डाल़ी अरह् आच्छ़ी बैलो दा बूरा फल़ ने लागदा; अरह् तैष्णा ही बुरी डाल़ी अरह् बुरी बैलो दा आछा फल़ लागदा। 44बादे डाल़ तैस्के ही फ़ल़ शे पंछ़्याणें ज़ाँव, लोग ना तअ काँडै-झालो शे तैर्मोंल़ो च़ूड़्दे; अरह् ना तैर्मोंल़ी की डाल़ी शे अंगूर च़ूड़्दी। लागदे। 45भला आदमी आप्णे सासो के आच्छै भंडार शी आच्छ़ी बातो नीकाल़ो; परह् जुण्जा बुरा असो, से भे आप्णें मंन की बुरे भंडार शी बुरी बातो नीकाल़ो; किन्देंखे के जुण्जो आप्णें मंन के भंडार दो भरो हों सैजो ही तअ आप्णी मुँह-ज़ात्ती शो बाँईडो आँव।
घर बाँण्णो वाल़े दो आदमी
(मत्ती 7:24-27)
46“जबे तुँऐं मेरा कऐणाँ ने माँन्दे। तअ मुँखे ‘हे प्रभू, हे प्रभू’ किन्दें खे बुलो? 47जुण्जा कुँऐं आदमी मुँह कैई आँव, अरह् से मेरी बातो शुणियों तिन्दा चालो ऐं, से कोसी ओनरा असो? हाँव तुओं कैई बुलू। 48से तैसी आदमी ओनरा असो, जेने आप्णो घोर बाणों, अरह् तिन्दे के पौ-नींव नींगुऐ खुँणी, अरह् तिन्दें के पौ-नींव पाक्की कंऐड़ी-ऐकोऊँरी जींन गाशी पाऐ दिती। बाढ़ आऐ, अरह् नंदी की फालो तैसी घर दी लागी, परह् तैसी घर को किऐ ने ज़ाई किन्देंखे के से पाक्की जींन गाशी बंणी रूओ थियो। 49परह् जुण्जा मेरी बातो शुणों ऐं, अरह् तिन्दा चाल्दा ने आथी, से तैसी आदमी जैष्णाँ असो, जेने आप्णो घोर बिना पौ-नीव बाँणी काची माटी गाशी बाँणों, जैई दाँणिक छीड़के लागे अरह् बागूर फिरी तैई तैसी घर का किऐ पता ही ने लागी के सैजो घर कैथे थियो, थियो के कैथी थी ने तिन्दें का किऐ नाँम निशाँण ने रंई।”

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