लूका 4

4
यीशु कर परीक्षा
(मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12-13)
1फिर यीशु पवित्र आत्मा ले भईर के, यरदन ले फिरिस; अउ चालीस दिन तक आत्मा कर सिखाल जंगल मे फिरत रहिस; 2अउ शैतान हर ओकर परीक्षा करत रहिस। ओ दिन मन मे यीशु हर कुछ नी खईस, अउ जब ओ दिन मन पूरा होईस, त यीशु ला भूख लागिस। 3अउ शैतान हर ओकर ले कहिस, “अगर तय परमेश्वर कर बेटा हस, त ये पखना ले कह, कि रोटी बईन जाए।” 4यीशु हर शैतान ला जवाब देहिस, “लिखल आहे: मैनसे हर केबल रोटी ले जीवित नी रही।” 5तब शैतान हर यीशु ला ले गईस अउ ओला पल भर मे जगत कर सबेच राएज देखाए के, 6ओकर ले कहिस, “मैहर ये सबेच अधिकार, अउ एकर बैभव तोला देहू, काबर कि ओहर मोला देहल गईस है: अउ जेला चाहथो ओला दे देथो। 7एकरे बर अगर तय मोला जोहारबे, त ये सबेच हर तोर होए जाही।” 8यीशु हर ओला उत्तर देहिस, “लिखल आहे: तय प्रभु अपन परमेश्वर ला जोहार; अउ केबल ओकरेच उपासना कर।” 9तब ओहर यीशु ला यरूशलेम शहर मे ले जाए के मन्दिर कर कंगूरा पर ले जाए के ठड़वईस, अउ ओकर ले कहिस, “अगर तय परमेश्वर कर बेटा हस, त अपन आप ला हिया ले खाल्हे गिराए दे। 10काबर कि लिखल आहे: ओहर तोर बिषय मे अपन स्वर्गदूत मन ला हुकूम देही, कि ओहर तोर रक्षा करही, 11अउ ओमन मन तोला हाथो हाथ उठाए लेही, एसन नी हो कि तोर गोड़ मे पखना ले चोट लगही।” 12यीशु हर ओके उत्तर देहिस, “ये भी कहल गईस है: ‘तय प्रभु अपन परमेश्वर कर परीक्षा झिन करबे।’” 13जब शैतान हर सबेच परीक्षा कईर दारिस, त कुछ समय बर ओकर लिघे ले चईल गईस।
गलील मे यीशु के सेवा कर शुरू
(मत्ती 4:12-17; मरकुस 1:14-15)
14फिर यीशु हर पवित्र आत्मा कर सामर्थ ले भईर के गलील परदेस ले फिरिस, अउ ओकर चर्चा आस-पास कर सबेच देश मे बगेर गिस। 15अउ ओहर ओमन मन कर अराधनालय मन मे उपदेश करत रहिस, अउ सबेच यीशु कर बड़ाई करत रहिस।
नासरत मे यीशु ला गरहन नी करिन
(मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6)
16फिर यीशु हर नासरत नगर मे अईस, जिहा ओकर पालल-पोसल गए रहिस; अउ अपन रीति कर अनुसार सब्त कर दिन अराधनालय मे जाए के पड़हे बर ठड़होईस। 17यशायाह अगमजानी कर पुस्तक ओला देहल गईस, अउ यीशु हर पुस्तक ला खोएल के ओ जगहा ला हिकालिस जिहा ये लिखल रहिस:
18“प्रभु कर आत्मा मोर मे है,
एकरे बर कि ओहर कंगाल मन ला सुसमाचार
सुनाए बर मोर अभिषेक करिस है,
अउ मोला एकरे बर भेजिस है,
कि बंधुवा मन ला छोड़ाए बर
अउ अन्धवा मन ला देखे बर
सुसमाचार प्रचार करहू अउ
कुचल मन ला छोड़ाहु,
19अउ प्रभु कर खुश रहे कर बरस कर प्रचार करहू।”
20तब यीशु हर पुस्तक ला बंद कईर के सेवक कर हाथ मे दे देहिस अउ बईठ गिस; अउ अराधनालय कर सबेच लोग मन कर आएख ओकर पर लगल रहिस। 21तब ओहर ओमन मन ले कहे लागिस, “आएज ही ये लेख हर तुमन मन कर आगू मे पूरा होवत आहे।” 22सबेच झन मन ओला सराहिन, अउ जे अनुग्रह कर गोएठ ओकर मुंह ले हिकलत रहिस, ओमन मन ले अचम्भित होईन; अउ कहे लागिन, “का एहर यूसुफ कर बेटा नी है?” 23ओहर ओमन मन ले कहिस, “तुमन मन मोर पर ये कहानी ला जरूरेच कईहा, कि हे बैध, अपन आप ला ठीक कर! जे कुछ हमन मन सुने हा कि कफरनहूम नगर मे तय करे हस, ओला हिया अपन देश मे भी करा।” 24अउ ओहर कहिस, “मैहर तुमन मन ले सहिच कहथो कोनो अगमजानी हर अपन देश मे मान-सम्मान नी पाए। 25मैहर तुमन मन ला सहिच कहथो कि एलिय्याह कर दिन मन मे जब साड़हे तीन बरस तक ले अकाश हर बंद रहिस, हिया तक कि सबेच देश मे बड़खा अकाल पड़िस, त इस्राएल मे ढेरेच बिधवा मन रहिन। 26पर एलिय्याह ओमन मन ले कोनो कर लिघे नी भेजल गईस, केबल सैदा कर सारफत कर एक बिधवा कर लिघे। 27अउ एलिशा अगमजानी कर समय इस्राएल मे ढेरेच कोड़ही मन रहिन, पर सीरिया वासी नामान ला छोएड़ ओमन मन ले कोनो हर शुद्ध नी करल गईस।” 28ये गोएठ मन ला सुनत जेतेक झन अराधनालय मे रहिन, सबेच झन क्रोध ले भईर गिन, 29अउ उईठ के यीशु ला नगर ले बाहर कती हिकालिन, अउ जे पहार मे ओमन मन कर नगर बसे रहिस, ओकर टीला पर ले गईन कि ओला हुवा ले खाल्हे गिराए दे। 30लेकिन ओहर ओमन मन कर मांझा मे ले हिकेल के चईल गईस।
दुष्ट आत्मा ले ग्रस्त मैनसे ला बाहरी हिकलई
(मरकुस 1:21-28)
31फिर ओहर गलील परदेस कर कफरनहूम नगर मे गईस; अउ सब्त कर दिन लोग मन ला उपदेश देहत रहिस। 32ओमन मन ओकर उपदेश ले अकचकाए गिन काबर कि ओकर बचन हर अधिकार सहित रहिस। 33अराधनालय मे एक आदमी रहिस, जेमे अशुद्ध आत्मा रहिस। ओहर ढेरेच ऊचा गोएठ ले किरलईस 34“हे यीशु नासरी, हमन मन ला तोर ले का बुता? का तय हमन मन ला नाश करे बर आए हस? मैहर तोला जानत हो तय कोन हस? तय हर परमेश्वर कर पवित्र जन हस!” 35यीशु हर ओला घुड़ेक के कहिस, “चुप रह, अउ ओमे ले हिकेल जा!” तब अशुद्ध आत्मा ओला मांझा मे पटेक के बिन हानी पहुचाए ओमे ले हिकेल गईस। 36एकरे बर सबेच झन ला अचम्भा होईस, अउ ओमन मन अपन मे गोठियाए के कहे लागिन, “ये कईसन बचन है? काबर कि ओहर अधिकार अउ सामर्थ कर संग मे अशुद्ध आत्मा मन ला हुकूम देहत रहिस, अउ ओमन मन हिकेल जात रहिस।” 37ये नियर चाएरो कती अउ सबेच जगहा यीशु कर चर्चा होए लागिस।
पतरस कर सास अउ दूसर लोग मन ला चंगा करई
(मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34)
38यीशु हर अराधनालय मे ले उईठ के शमौन कर घर मे गईस। शमौन कर सास ला तेज जर रहिस, अउ ओमन मन ओकर बर यीशु ले बिनती करिस। 39यीशु हर ओकर लिघे ठड़होए के जर ला डाटिस अउ जर हर उतेर गईस, अउ ओहर तुरतेच उईठ के ओमन मन कर सेवा करे लागिस।
40बेर कर डूबत समय मे जे-जेमन मन कर हिया लोग मन कई मंधे कर बिमार मन मे पड़े रहिन, ओमन मन सबेच झन मन ला यीशु कर लिघे ले लानिन, अउ ओहर एक-एक झन पर हाथ रईख के ओमन मन ला चंगा करिस। 41अउ अशुद्ध आत्मा किरलात अउ ये कहत रहिन, कि “तय परमेश्वर कर बेटा हस,” ढेरेच झन मे ले हिकेल गईन। पर यीशु हर ओमन मन ला डाटत अउ गोठियाए बर नी देहत रहिस, काबर कि ओमन मन जानत रहिन कि ओहर मसीह है।
गलील मे प्रचार
(मरकुस 1:35-39)
42जब दिन होईस त ओहर हिकेल के एक सुनसान जगहा मे गईस, अउ भीड़ कर भीड़ ओला खोजत ओकर लिघे मे अईन, अउ ओला रोके लागिन कि हमर लिघे ले झिन जाए। 43लेकिन ओहर ओमन मन ले कहिस, “मोला अउ नगर मन मे भी परमेश्वर कर राएज कर सुसमाचार सुनाए बर जरूरेच है, काबर कि मैहर एकरे बर भेजे गए हो।”
44अउ यीशु हर गलील परदेस कर अराधनालय मन मे प्रचार करत रहिस।

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