तब ओमन मन दुख देहे बर तुमन ला पकड़वाही, अउ तुमन मन ला माएर डालही, अउ मोर नाव के कारन सबेच जाएत के लोग मन तुमन मन ले बैर रखही। तब बहुतेच झन मन ठोकर खाही, अउ एक दूसर झन ला पकड़वाही, अउ एक दूसर ले बैर रखही। ढेरेच झूठा अगमजानी मन उईठ ठड़होही, अउ बहुतेच झन मन ला भरमाही।