1
लूक़ा 11:13
किताब-ए मुक़द्दस
जब तुम बुरे होने के बावुजूद इतने समझदार हो कि अपने बच्चों को अच्छी चीज़ें दे सकते हो तो फिर कितनी ज़्यादा यक़ीनी बात है कि आसमानी बाप अपने माँगनेवालों को रूहुल-क़ुद्स देगा।”
ஒப்பீடு
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2
लूक़ा 11:9
चुनाँचे माँगते रहो तो तुमको दिया जाएगा, ढूँडते रहो तो तुमको मिल जाएगा। खटखटाते रहो तो तुम्हारे लिए दरवाज़ा खोल दिया जाएगा।
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3
लूक़ा 11:10
क्योंकि जो भी माँगता है वह पाता है, जो ढूँडता है उसे मिलता है और जो खटखटाता है उसके लिए दरवाज़ा खोल दिया जाता है।
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4
लूक़ा 11:2
ईसा ने कहा, “दुआ करते वक़्त यों कहना, ऐ बाप, तेरा नाम मुक़द्दस माना जाए। तेरी बादशाही आए।
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5
लूक़ा 11:4
हमारे गुनाहों को मुआफ़ कर। क्योंकि हम भी हर एक को मुआफ़ करते हैं जो हमारा गुनाह करता है। और हमें आज़माइश में न पड़ने दे।”
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6
लूक़ा 11:3
हर रोज़ हमें हमारी रोज़ की रोटी दे।
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7
लूक़ा 11:34
तेरी आँख तेरे बदन का चराग़ है। अगर तेरी आँख ठीक हो तो तेरा पूरा जिस्म रौशन होगा। लेकिन अगर आँख ख़राब हो तो पूरा जिस्म अंधेरा ही अंधेरा होगा।
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8
लूक़ा 11:33
जब कोई शख़्स चराग़ जलाता है तो न वह उसे छुपाता, न बरतन के नीचे रखता बल्कि उसे शमादान पर रख देता है ताकि उस की रौशनी अंदर आनेवालों को नज़र आए।
लूक़ा 11:33 ஆராயுங்கள்
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