मती 23:25
मती 23:25 MTH
“महज तु धरमगुरुसब आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! थारी आ बाटी बाहरसे त माजैचिही, महज ओइके भितर लोभ आ स्वारथ भरल रहैछौ।
“महज तु धरमगुरुसब आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! थारी आ बाटी बाहरसे त माजैचिही, महज ओइके भितर लोभ आ स्वारथ भरल रहैछौ।