यूहन्‍ना यूहन्‍ना रचित सुसमाचार

यूहन्‍ना रचित सुसमाचार
कलीसिया में प्रचलित परंपरा के अनुसार प्रेरित यूहन्‍ना को यूहन्‍ना रचित सुसमाचार का लेखक माना जाता है जो ज़ब्दी का पुत्र और याकूब का भाई था। इस सुसमाचार वृत्तांत में यूहन्‍ना अपनी पहचान ऐसे शिष्य के रूप में कराता है “जिससे यीशु प्रेम रखता था” (13:23; 19:26; 20:2; 21:7, 20)।
इस सुसमाचार वृत्तांत के अंत में लेखक इसे लिखने के उद्देश्य को स्पष्‍ट रूप से बताता है : “परंतु ये इसलिए लिखे गए हैं, ताकि तुम विश्‍वास करो कि यीशु ही परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है, और विश्‍वास करके उसके नाम से जीवन पाओ” (यूहन्‍ना 20:31)।
यूहन्‍ना ने अपनी पुस्तक में यीशु के वृत्तांत को लूका के समान क्रमानुसार नहीं बल्कि विषयों के अनुसार व्यवस्थित किया है। यूहन्‍ना यीशु के परमेश्‍वरत्व को प्रस्तुत करता है, जो “देहधारी हुआ और हमारे बीच में डेरा किया” (1:14)। यीशु के परमेश्‍वरत्व को उसके सात “मैं हूँ” कथनों में देखा जा सकता है (6:35, 48; 8:12; 9:5; 10:7, 9; 10:11, 14; 11:25; 14:6, 15:1)। यह सुसमाचार वृत्तांत यीशु के सात चिह्नों के इर्द-गिर्द घूमता है, जो यीशु के ईश्‍वरीय अधिकार को प्रकट करते हैं। इस सुसमाचार वृत्तांत में यीशु कई बार अपने को पुराने नियम के यहोवा के समतुल्य दर्शाता है (देखें 4:25-26; 8:24, 28, 58; 13:19; 18:5, 6, 8)। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे कुछ लोग तो यीशु पर विश्‍वास करते हैं परंतु बाकी उसका विरोध करते हैं।
यीशु अपने पकड़वाए जानेवाली रात को अपने शिष्यों के साथ सहभागिता करता है, और उन्हें आनेवाले क्लेश के लिए तैयार करता है, तथा उनके लिए महायाजकीय प्रार्थना करता है (यूहन्‍ना 13—17)। इसके बाद यूहन्‍ना यीशु के दुःखभोग और मृत्यु का वर्णन करते हुए उसके पुनरुत्थान पर अपना ध्यान केंद्रित करता है और इस बात को प्रमाणित करता है कि यीशु वही है जिसका उसने दावा किया था अर्थात् परमेश्‍वर का पुत्र।
यूहन्‍ना आत्मिक बातों को दर्शाने के लिए दिन प्रतिदिन की साधारण वस्तुओं का प्रयोग करता है, जैसे जल, रोटी, ज्योति, मार्ग, द्वार, चरवाहा, भेड़ें तथा दाखलता।
रूपरेखा
1. भूमिका 1:1–18
2. यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाला और यीशु के प्रथम शिष्य 1:19–51
3. यीशु का सेवाकार्य और विरोध 2:1—12:50
4. यरूशलेम में यीशु के अंतिम कुछ दिन 13:1—19:16
5. यीशु की मृत्यु और उसका पुनरुत्थान 19:17—20:10
6. जी उठे यीशु का दिखाई देना 21:1–23
7. उपसंहार 21:24–25

Позначайте

Поділитись

Копіювати

None

Хочете, щоб ваші позначення зберігалися на всіх ваших пристроях? Зареєструйтеся або увійдіть