ऐ भविष्यवक्तै यशायाह आपणी कताबा न यूहन्नै रै बारै न ऐ लिखू सा:
“सुनसान ज़ैगा न एक पुकारनू आल़ै री आवाज़ शुणिदी लागी सा,
प्रभु री तैंईंयैं बौत त्यार केरात्, तेइरी सड़का सीधी बणात।
हरेक घाटी भौरूई लोड़ी,
होर सैभै ढौग ता धारा निशटी केरिनी,
होर ज़ो डैंगा सा सौ सिधा केरिना होर
ज़ो उथड़ा-निष्टा सा सौ
बराबर केरुआ लोड़ी।
हर ज़ैगा लोका हेरना कि परमेश्वर लोका बै कैण्ढै बच़ा सा।”