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शधाणूं 9

9
शाऊलो दिल बदल़णअ
(शधाणूं 22:6-16; 26:12-18)
1शाऊल ज़ुंण नर्दैई हई करै प्रभू ईशू दी विश्वास करनै आल़ै च़ेल्लै मारा त, सह नाठअ माहा परोहिता सेटा लै; 2तेऊ और तेऊए साथी मांगी दमिश्क नगरी आराधना कोठीए नांओंआं दी एऊ कामां लै हक पाणें च़िठी कि कै मर्ध, कै बेटल़ी, ज़ुंण बी ईशू मनणै आल़अ होए, तिंयां आणनैं बान्हीं येरुशलेम नगरी लै।
3पर हांढदी-हांढदी ज़ांऊं सह दमिश्क नगरी नेल़ पुजअ, ता हेरा-हेरी च़मकी सरगा का बिज़ल़ी तेऊ फेर। 4सह बधल़ुअ धरनीं और तेऊ शूणअ इहअ बैण, “ए शाऊल, ए शाऊल, तूह किल्है आसा मुंह दुखी करदअ लागअ द?”
5शाऊलै पुछ़अ, “हे प्रभू, तूह कुंण आसा?”
तेऊ दैनअ मुल्है ज़बाब, “हुंह आसा ईशू नासरी ज़हा तूह दुखी करदअ आसा लागअ द। 6पर ऐबै उझ़ू तूह खल़अ संघा डेऊ नगरी लै और ज़ुंण ताह आजू करनअ, सह हेरनअ ताखा खोज़ी।”
7ज़ुंण शाऊले तिंयां होरी साथी तै तिन्नैं निं किछ़ै बोलअ। किल्हैकि तिंयां बोल ता शूणैं पर तिधी निं तिन्नां का कोहै शुझुअ! 8तेखअ उझ़ुअ शाऊल धरनीं माटै जैंदरा का खल़अ। पर ज़ांऊं आछी घुआल़ी ता तेऊ का निं किछ़ै शुझुअ। तेखअ निंयं तिन्नें होरी सह हाथा ढाकी करै दमिश्क नगरी लै। 9तेखअ रहअ सह चिई धैल़ै तैणीं कांणअ, और तेऊ निं तेतरै धैल़ै किछ़ खाअ-पिअ।
10दमिश्क नगरी आसा त एक हनन्याह नांओं परमेशरे डरा हेठै रहणैं आल़अ च़ेल्लअ। प्रभू ईशू बोलअ तेऊ लै दर्शण दैई करै, “हनन्याह!”
तेऊ दैनअ ज़बाब, “हाँ प्रभू हुंह आसा शूणअ लागअ द।”
11तेखअ बोलअ प्रभू तेऊ लै, “उझ़ू, और तेसा बाता डेऊ, ज़हा लै आज़री बात बोला, और यहूदा नांओंए मणछे घरै आसा शाऊल नांओं एक तरसुस नगरीओ मणछ। पुछ़ी लऐ, किल्हैकि भाल़ सह आसा लागअ द प्राथणां करदअ। 12मंऐं रहैऊअ तेऊ का दर्शणा दी हनन्याह नांओं एक मर्ध भितरा लै एछदअ और तेऊ प्रैंदै हाथा डाहंदअ ताकि तेऊए आछी का भी शुझदअ लागे।”
13हनन्याह दैनअ ज़बाब, “हे प्रभू, मंऐं आसा एऊ मणछे बारै कई लोगा का शूणअ द कि एऊ आसा येरुशलेम नगरी तेरै पबित्र लोगा संघै बडअ उपद्रभ किअ द। 14इधी बी आसा एऊ लै बडै परोहिता का हक भेटअ द कि ज़ुंण लोग तेरअ नांअ लए, तिन्नां बी सह बान्हीं करै येरुशलेम नगरी लै निंए।” 15पर प्रभू बोलअ तेऊ लै, “तूह डेऊ, किल्हैकि अह आसा मंऐं होरी ज़ाती लै राज़ै, माहा राज़ै और इस्राएली सम्हनै मेरै नांओंआं प्रगट करना लै मेरअ छ़ांटअ द भांडअ। 16मुंह खोज़णअ तेऊ का कि मेरै नांओंआं लै ताह किहअ-किहअ दुख लागणअ भुगतणअ।”
17तेखअ नाठअ हनन्याह तिधा का तेऊ घरा लै संघा ज़िधी शाऊल त। तेखअ शाऊला दी हाथ डाही करै तेऊ लै बोलअ, “भाई शाऊल, प्रभू, मतलब ईशू ज़ुंण ताह तेसा बाता, ज़हा बाता तूह आअ, ताखा शुझुअ त, तेऊ ई छ़ाडअ हुंह कि ताखा लोल़ी भी शुझदअ लागअ और तूह लोल़ी पबित्र आत्मां करै भर्हुअ।” 18तेऊए आछी का होथै तेभी ज़िहै तरोल़ै और तेऊ का लागअ शुझदअ और सह उझ़ुअ तेभी खल़अ और तेऊ लई पाणीं दी मना बदल़णें डुबकी। 19तेखअ खाई तेऊ रोटी और तेखअ आअ तेऊए देही बल।
दमिश्क नगरी शाऊलो प्रच़ार
सह रहअ कई धैल़ै तैणीं तिन्नां च़ेल्लै संघै ज़ुंण दमिश्क नगरी तै। 20तेखअ लागअ शाऊल तेभी आराधना कोठी दी प्रभू ईशूए बारै खोज़दअ कि सह ई आसा परमेशरो शोहरू।
21ता तिधी शुणनै आल़ै हुऐ कई मणछ रहैन और तिंयां लागै एही गल्ला करदै, “अह सह ई मणछ निं आथी; ज़ुंण येरुशलेम नगरीए प्रभू ईशूए भगती करनै आल़ै विश्वासी बरैबाद करा त, और इधा लै बी त अह तैही आअ द कि तिंयां निंणै बान्हीं करै बडै परोहिता सेटा लै?”
22पर शाऊल लागअ होर बी खास्सअ ईशूए बारै खोज़दअ और एसा गल्लो सबूत दैई-दैई करै कि ईशू ई आसा मसीहा। ज़ुंण सबूत तेऊ मसीहे बारै दैनै तेते बारै निं दमिश्क रहणैं आल़ै यहूदी तेऊ लै ज़बाब दैई सकै।
23ज़ांऊं खास्सै धैल़ै बितै ता यहूदी किअ आप्पू मांझ़ै एक्कअ कि शाऊल पाणअ हाम्हां मारी। 24तिन्नैं पाअ राची धैल़ी शाऊला मारना लै पहरअ पर शाऊला का गअ एसा गल्लो थोघ लागी। 25तेखअ होरी विश्वासी भाई थुआल़अ शाऊल राची एकी बडै तराणैं दी बशैल़ी करै नगरीए दुआली बाती छ़ड़ाऊई करै उंधै और सह काढअ बागा लै।
येरुशलेम नगरी शाऊल
26येरुशलेम नगरी पुजी करै की च़ेल्लै सेटा मिलणें शाऊलै कोशिश; पर तिंयां सोभै डरा तै तेऊ का, किल्हैकि तिन्नां निं इहअ भरोस्सअ ई हंदअ त कि अह बी आसा ऐबै प्रभू ईशूओ च़ेल्लअ। 27पर बरनबास नांओंए प्रभूए एकी च़ेल्लै निंयं सह आप्पू संघै शधाणूं सेटा लै और तिन्नां का सोभै गल्ला खोज़ी कि किहअ करै शाऊलै बाता प्रभू ईशू मसीहा भाल़अ और एऊ संघै की गल्ला; और तेखअ दमिश्क नगरी केही हिम्मता संघै किअ प्रभूओ प्रच़ार।
28तेखअ रहअ तिन्नां संघै येरुशलेम नगरी एछदअ-डेऊंदअ लागी। 29शाऊलै किअ नधड़क हई करै किअ प्रभूए नांओं प्रच़ार; और यूनानी बोली बोल़णैं आल़ै यहूदी संघै रहअ हठल़दअ लागी, पर तिन्नें ती हर बगत एही सोठ कि शाऊल पाणअ त किहअ करै मारी। 30इहअ थोघ लागी करै आणअ सह होरी भाई कैसरिया नगरी लै और तिधा का छ़ाडअ सह तेऊए आपणीं घर तरसुस नगरी लै।
31इहअ करै हुई सारै यहूदा, गलील और सामरी लाक्कै मंडल़ी दी शांती। विश्वासी रहा तै प्रभूए डरा हेठै। पबित्र आत्मों हैअ भेटी करै लागी विश्वासीए गिणती होर बी खास्सी हंदी।
लुदा और याफा नगरी दी पतरस
32तेखअ हुअ इहअ कि पतरस पुजअ कई ज़ैगा हांढदी-फिरदी तिन्नां पबित्र लोगा सेटा बी ज़ुंण लुदा नगरी रहा तै। 33तिधी भेटअ तेऊ अनिआस नांओं दरंगे बमारी आल़अ मणछ ज़ुंण आठा साला ओर्ही च़ैन्नै त पल़अ द। 34पतरसै तेऊ लै बोलअ, हे अनिआस! ईशू मसीहा किअ तूह ऐबै ठीक, उझ़ू, आपणअ च़ैन च़क। तेखअ सह तेभी खल़अ उझ़ुअ। 35इहअ करै लुदा और शारोने रहणैं आल़ै फिरै कई प्रभू बाखा लै।
36याफा नगरी दी रहा ती तबिता नांओंए एक च़ेल्ली, सह करा ती कई भलै काम और गरीबा लै दान। 37तिन्नां ई धैल़ै हूई सह बमार और मूंईं। तिन्नैं विश्वासी बी डाही सह न्हैऊई धोई करै पांडा। 38लुदा नगरी ती याफा नगरी नेल़ तिन्नैं विश्वासी भाई शूणअ इहअ कि पतरस आसा तिधी आअ द। तिन्नैं छ़ाडै दूई मणछ एही अरज़ करदै, “ज़ेतरअ छ़ेकै हई सका, एभी एछै हाम्हां सेटा लै।”
39तेखअ नाठअ पतरस तिन्नां संघै और ज़ांऊं तिधी पुजअ और तिन्नैं निंयं सह पांडा लै और सोभ बिधबा बेटल़ी ती लेरदी लागी दी और तिंयां खल़्हुई पतरसा सेटा और ज़ुंण झिकल़ै तेसा तिन्नां संघै रहंदी बणांऐं तै तिन्नां रहैऊंदी लागी। 40तेखअ काढै पतरसै तिंयां सोभ बागा लै और ज़ान्हूं दी बेशी करै की प्राथणां और ल्हासा बाखा भाल़ी करै बोलअ, “हे तबिता, उझ़ू।” तेसा घुआल़ी आछी और पतरसा भाल़ी करै उझ़ुई खल़ी। 41पतरसै झ़ैऊई सह हाथ ढाकी करै खल़ी और तिंयां पबित्र लोग और बिधबा शादी करै रहैऊई सह तिन्नां का ज़िऊंदी होशा-बाशा दी।
42अह गल्ल पुजी सारी याफा नगरी और कई लोगै किअ प्रभू ईशू दी विश्वास। 43पतरस रहअ याफा दी कसा शमौन नांओंऐं च़ाम्भल़े बपारा करनै आल़ै सेटा कई धैल़ै तैणीं।

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