मत्ती 24
24
येशूद्वारा परमेश्वरके मन्दिरके विनाशके भविष्यवाणी
(मर्कू १३:१-१३; लूक २१:५-१९)
1तकरबाद येशू परमेश्वरके मन्दिरसे निक्लीके जैबेरियाँ ओकर चेलासब ओकरा परमेश्वरके मन्दिरके इमारतके सुन्दरता देखाबैले ओकर नज्दिक ऐलै। 2मगर येशू ओकरा कहैल्कै, “तुहेंसब यी सभे देखैछैं? यी सुन्दर छै, मगर हमे तोरासिके एकर विषयमे कुछु कहैछियौ। दुश्मन यी परमेश्वरके मन्दिरके एकटा भी पत्थलके आपन जगहमे नैछोड्तै। उटा सभेटा नाश कैल जैतै।”
3येशू जैतुन पहाडमे बैठ्ल बेरियाँ चेलासब सुनसानमे आबिके पुछल्कै, “हमरासिके कह, यी घटनासब कहिया हैतै? आर तोर आगमन आर यी युगके अन्त हुऐले कि कि चिन्ह हैतै?” 4तब येशू ओकरासिके जबाब देल्कै, “होशियार र, कोय तोरासिके मूर्ख नैबनाबौ। 5बहुते आदमीसब हमर अधिकार प्रयोग करैले हमर नाम ल्याके ऐतौ। ऊसब कहतौ, ‘हमे ख्रीष्ट छियै’ आर ऊसब बहुते आदमीसिके आपन अनुसरण करवाबैके लिए भर्मित कर्तै। 6जब तुहेंसब लडाई आर लडाईके हल्लासब सुन्भैं, तब नैडर। एरं घटनासब होना जरुरी छै। मगर एकरा दुनियाँके अन्त नैसमझिहैं। 7कहिनेकी जात-जातके आदमी एक दोसरपर हमला कर्तै आर एकटा देशके आदमीसब दोसर देशके आदमीसिके खिलाफमे लड्तै। जगह जगहमे भूकम्प जैतै, भुखमरी पड्तै। 8यी कष्ट बच्चा जनमैसे पहेलाके दरदके जुगुर छै। 9उटा समयमे तोरसिके विरोध करेवाला आदमीसब तोरासिके गिरफ्तार करिके सजाय दियैले ल्याजैतौ आर तोरसिके जान मार्तौ। हमर चेला हुऐके कारणसे जात-जातके आदमीसब तोरासिके घृणा कर्तौ। 10तब बहुते झन हमरपर विश्वास करैले छोडी देतै, आर एक दोसरके विश्वासघात आर घृणा कर्तै। 11बहुते झुट्ठा परमेश्वरके वक्तासब ऐतै, आर बहुते आदमीसिके धोखा देतै। 12दुष्ट काम बढैके कारणसे ऊसब एक दोसरके प्रेम नैकर्तै। 13मगर जे यी धर्तीपर आपन जीवनके अन्ततक हमर पाछु चल्ते रहैछै, परमेश्वर ओकरासिके बचैतै। 14आर परमेश्वरके राज्यके बारेमे खुश-खबरी सारा संसारमे प्रचार कैल जैतै, ताकी जात-जातके आदमीसिके यी स्वीकार करैके अवसर मिलै। तकरबाद संसारके अन्त हैतै।”
महासंकटके शुरुवात
(मर्कू १३:१४-२३; लूक २१:२०-२४)
15“पढेवालाके यी बुझे दहैं कि हमे कि लिखेवाला छियै: परमेश्वरके वक्ता दानिएलके द्वारा कहेल जुगुर एक दिन तुहेंसब एकटा खराब आदमीके यरूशलेम सहरके मन्दिरमे खडा भेल देख्भैं। 16तब यहूदिया प्रदेशके आदमीसिके बचैके लिए पहाड महर भागे पड्तै ताकी ऊसब मार्ल नैजै। 17अगर तुहें आपन घरके बरण्डामे छैं ते, आपन चीज बीख लियैके लिए घरके भितरमे नैजैहैं। तोरासिके भागी जाना चाही। 18खेतमे भेल आदमी आपन ओढना लियैले वापस आपन घर नैजैहैं।
19यी ऊसब जनानीसिके लिए एकटा भयानक समय हैतै जेसब गर्भवती छै आर ओकरसिके लिए जे बच्चासिके दूध पियाबैछै! ओकरसिके लिए भागना बहुते मुश्किल हैतै। 20सेल्याके प्रार्थना कर कि यी दर्दनाक दिन जाडके समयमे आर यहूदी आदमीसिके विश्रामके दिनमे नैहै, जब यात्रा करैले मुश्किल हैतै। 21उटा समयमे आदमीसब बहुते गम्भीर रुपसे पीडित हैतै। आदमीसब कहियो ओरंको पिडाके सामना नैकैल्कै छे जबसे पहेला बेर परमेश्वर संसार बनैल्कै रहे; आर आदमीसब फेर ओरंके कहियो पीडित नैहैतै। 22परमेश्वर उटा भयानक समयके घटाबैके निर्णय लेल्कै छे, नैते कोय भी जिन्दा नै बच्तियै। मगर ओकर चुन्ल आदमीसिके कारण, जकरा ऊ चुन्लकै छे, परमेश्वर समय घट्या देतै। 23उटा समयमे कोय तोरासिके, ‘देख, ख्रीष्ट एत्ते छै या ओत्ते छै’ कहिके कहतौ ते विश्वास नैकरिहैं।
24कहिनेकी झुट्ठा ख्रीष्टसब आर झुट्ठा परमेश्वरके वक्तासब ऐतै, अगर सम्भव हुए ते उटा आदमीसिके धोखा दियैके लिए जकरा परमेश्वर चुन्लकै छे, ऊसब चिन्ह आर झुट्ठा चमत्कार कर्तै। 25घटना हुऐसे पहलहै, हमे तोरासिके यी सभे घटनासिके बारेमे बतैलियौ छे। 26अगर ऊसब तोरासिके ‘देख्, ऊ सुनसान जगहमे छै’ कहिके कहतौ ते बाहार निक्लीके नैजो। आर ‘देख्, ऊ ते भितरके कोठामे छै’ कहिके कहतौ ते विश्वास नैकर।
27कहिनेकी जेरंके आकाशमे बिजली पुरुबसे चम्कैछै ते पच्छिमतक उजेत हैछै, ओहिने करिके हमे, आदमीके बेटाके आगमन हैतै। 28जेरंके गिद्धा जमा हैछै लास ओत्ते छै कहिके आदमीसिके मालुम हैछै, ओहिने करिके यीसब बात कते हैतै कहिके सभैके मालुम हैतै।”
येशू ख्रीष्ट फेर वापस ऐतै
(मर्कू १३:२४-२७; लूक २१:२५-२८)
29“मगर उटा दिनमे भयानक दुःखके समय खतम भेलके बाद तुरन्ते
‘सुरुज आर चान दोनो रोशनी दियैले बन्द करि देतै,
तारासब आकाशसे खस्तै, आर आकाशमे भेल शक्तिसब डगमगैतै।’
30तब हमे, आदमीके बेटाके अदभुद चिन्ह आकाशमे देखा पड्तै, आर धर्तीके सभे जातसब विलाप कर्तै, आर ऊसब मनुष्यके पुत्रके आकाशके बादलमे बडका शक्ति आर बडका महिमामे ऐतै देख्तै। 31ऊ आपन स्वर्गदूतसिके धुतहुकके बडका आवाजके साथ पठैतै, आर ऊसब ओकरासिके सभे जगहसे जमा कर्तै, धर्ती आर आकाश सभे जगहसे आपन चुन्लसिके जमा कर्तै।”
अन्जीरके गाछसे शिक्षा
(मर्कू १३:२८-३१; लूक २१:२९-३३)
32“अन्जीरके गाछसे पाठ सिख: जब एकर ठ्यारीसिमे नया टुसा अंकुरित हुए लागैछै, गर्मीके मौसम शुरु हुएवाला छै कहिके तुहेंसब जानी लैछैं। 33अहिने करिके, जब तुहेंसब यी चीजसिके हैते देखैछैं ते, तोरासिके पता होना चाही कि यी दुनियाँके अन्त लगभग आबी गेलै छे। यी जल्दीये हुएवाला छै। 34सच्चे हमे तोरासिके कहैछियौ, यी पिढीके कुछु आदमीसब तखनिहौं भी जिन्दा रहतै जब यीसब घटनासब हैतै। 35आकाश आर धर्ती खतम हैतै, सभे दिनके लिए नैरहतै, मगर हमे जे कहैलियै छे उटा सभे दिनके लिए रहतै।”
जग्गा र
(मर्कू १३:३२-३७; लूक १७:२६-३०,३४-३६)
36“यी बातसब कोन घडी आर कोन दिन हैतै यी कोय नैजानैछै, नैते स्वर्गमे भेल स्वर्गदूतसब, नैते हमे पुत्र जानैछै। खाली परमेश्वर पिता ही उटा दिन या घडी जानैछै। 37हमे, आदमीके बेटाके आगमनके दिनमे आपनसिके बाप-पुर्खा नूहके समयमे जेरं भेलै रहे ओहिने हैतै। 38कहिनेकी नूह जहाजके भितर नैजैतक आदमीसब खैते रहै, पिते रहै, बिहाशादी कर्ते रहै। 39आर जलप्रलय आबिके, ऊ सभे आदमीसिके बहाके नैलजाबै तक ओकरासिके कुछु मालुमे नैभेलै। हमे, आदमीके बेटाके आगमन भी ओहिने हैतै। 40उटा समयमे खेतमे काम करि रहल दीटा आदमीसिमेसे एकटा आदमी लजैल जैतै, आर दोसर आदमी छोड्ल जैतै। 41दीटा जनानीसब जाँत पिस्ते रहतै, एकटा लजैल जैतै, दोसर छोड्ल जैतै। 42सेल्याके तुहेंसब चौकन्ना र, कहिनेकी कोन दिन तोरसिके प्रभु वापस ऐतौ, से तुहेंसब नैजानैछैं। 43मगर यी जान कि, अगर चोर आबैके ठीक समय मालुम हैतियै ते ऊ जग्गा रहतियै आर घरके मालिक आपन घरमे चोरी हुऐले नैदेतियै। 44तुहेंसब हमर लौटैके लिए तैय्यार र, कहिनेकी हमे, आदमीके बेटा एरंको समयमे स्वर्गसे ऐबौ जब तुहेंसब हमर आबैके उम्मीद नैकर्ते हैभैं।”
विश्वासयोग्य नोकर आर दुष्ट नोकर
(लूक १२:४१-४८)
45“एकटा विश्वासयोग्य आर बुद्धिमान नोकर ऊ हैछै, जकरा ओकर मालिक आपन घरके नोकरसिके सम्हारैले आर ओकरासिके खियाबैके जिम्मेदारी दिये सकैछै। 46ऊ नोकर धन्य छै जकर मालिक वापस आबैतक ओहिने करैछै। 47हमे तोरासिके सच कहैछियौ, मालिक ओकरा आपन सभे धन-दौलतके जिम्मेदारी देतै। 48अगर ऊ दुष्ट नोकर आपन मालिकके आबैले देर हैतै कहिके आपन मनमे सोचैछै। 49आर आपनसंगे काम करेवाला नोकरसिके मारपिट आर दारुपियासिके संगे ख्या आर पिए लाग्तै, 50ते ऊ नोकरके मालिक एरंको दिनमे वापस घुमिके ऐतै, जे दिनमे ऊ आशा भी नैकैल्कै रहे, आर एरंको घडीमे जकर बारेमे ऊ जान्ते भी नैरहै। 51आर मालिक ओकरा कठोर सजाय देतै आर ओकरा ढोंगीसिके बीचमे फेकि देतै, जते आदमीसब पिडासे कान्तै आर दाँत किट्तै।”
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मत्ती 24: KYVNT
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