जकर्याह 5
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छठवां दर्शन : उड़ता हुआ कुंडलपत्र
1मैंने अपनी आंखें ऊपर कीं, तो यह देखा : एक कुंडलपत्र हवा में उड़ रहा है।
2उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?’
मैंने यह उत्तर दिया, ‘एक कुंडलपत्र, जो हवा में उड़ रहा है। उसकी लम्बाई लगभग नौ मीटर और चौड़ाई साढ़े चार मीटर#5:2 मूल में ‘बीस हाथ’ और ‘दस हाथ’। है।’#यहेज 2:9-10; प्रक 10:9-11
3तब उसने मुझे यह बताया, ‘इस पर उस श्राप के विषय में लिखा है, जो सारे देश पर पड़ने वाला है। इसकी एक ओर लिखे विवरण के अनुसार वह व्यक्ति जो चोरी करता है, दूध की मक्खी के समान निकाल कर फेंक दिया जाएगा। इसकी दूसरी ओर लिखे हुए विवरण के अनुसार वह व्यक्ति जो झूठी शपथ खाता है, वह भी दूध की मक्खी के समान निकाल कर फेंक दिया जाएगा। 4स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: मैं यह कुंडलपत्र प्रेषित करूंगा। यह चोर के घर में तथा मेरे नाम से झूठी शपथ खाने वाले व्यक्ति के घर में प्रवेश करेगा। यह उनके घर में ठहरेगा और लकड़ी तथा पत्थर सहित घर को भस्म कर देगा।’
सातवां दर्शन : एपा माप के भीतर एक स्त्री
5जो दूत मुझसे बात कर रहा था, वह बाहर आया। उसने मुझे यह कहा, ‘अपनी आंखें ऊपर उठाओ और देखो, तुम्हारे सामने क्या जा रहा है।’
6मैंने कहा, ‘वह क्या है?’
उसने बताया, ‘जो जा रहा है, वह एपा माप#5:6 प्राय: पैंतालीस लिटर की माप है।’ उसने फिर कहा, ‘यह इस देश के अधर्म का प्रतीक है।’
7उसी समय एपा माप का ढक्कन खोला गया। वह सीसे का बना था। मैंने देखा कि उसके भीतर एक स्त्री बैठी है। 8दूत ने मुझसे कहा, ‘यह स्त्री दुष्कर्म का प्रतीक है।’ दूत ने स्त्री को एपा के भीतर दबा दिया और सीसे के ढक्कन से एपा का मुंह बन्द कर दिया।
9मैंने अपनी आंखें ऊपर कीं तो यह देखा : दो स्त्रियां बाहर निकल रही हैं। लगलग के पंखों के समान उनके भी पंख हैं। वे हवा में फैले हुए हैं। उन्होंने अपने पंखों से एपा को आकाश और पृथ्वी के मध्य अधर में उठा दिया। 10मैंने दूत से, जो मुझसे बात कर रहा था, पूछा, ‘ये एपा को कहाँ ले जा रही हैं?’
11उसने मुझे बताया, ‘शिनार देश को। वे उसके लिए वहाँ एक मन्दिर बनाएंगी। जब मन्दिर तैयार हो जाएगा, तब वे एपा को उसके मंच पर प्रतिष्ठित कर देंगी।’
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