जकर्याह 6

6
आठवां दर्शन : चार रथ
1मैंने अपनी आंखें ऊपर कीं, तो यह देखा: चार रथ दो पहाड़ों के बीच से निकल रहे हैं। ये पहाड़ पीतल के हैं। 2पहले रथ में लाल घोड़े जुते हैं, और दूसरे रथ में काले घोड़े।#प्रक 6:4 3तीसरे रथ में सफेद घोड़े और चौथे रथ में बादामी चितकबरे घोड़े जुते हैं। 4जो दूत मुझसे बात कर रहा था, उससे मैंने पूछा, ‘मेरे स्‍वामी, इनका क्‍या अर्थ है?’
5दूत ने मुझे उत्तर दिया, ‘ये आकाश के चार पवन हैं। ये समस्‍त पृथ्‍वी के स्‍वामी के सम्‍मुख उपस्‍थित रहते हैं और इस समय वहाँ से निकल रहे हैं।#प्रक 7:1 6काले घोड़ोंवाला रथ उत्तरी देश को जा रहा है, और सफेद घोड़ोंवाला रथ पश्‍चिमी देश को#6:6 मूल में ‘उसके पीछे’। इस पद का अन्‍तिम वाक्‍यांश मूल में अस्‍पष्‍ट है। । बादामी चितकबरे घोड़ोंवाला रथ दक्षिणी देश को जा रहा है और लाल घोड़ोंवाला रथ पूर्वी देश को।’ 7रथ बाहर आए। घोड़े पृथ्‍वी पर गश्‍त लगाने के लिए बेचैन थे। प्रभु ने कहा, ‘जाओ, पृथ्‍वी पर गश्‍त लगाओ।’ अत: उन्‍होंने ऐसा ही किया।
8दूत ने मुझे पुकार कर कहा, ‘देखो, जो उत्तरी देश की ओर गए, उन्‍होंने वहां प्रभु की क्रोधाग्‍नि शान्‍त की।’
राजतिलक
9प्रभु का यह सन्‍देश मुझे प्राप्‍त हुआ: 10‘हेल्‍दई, तोबियाह और यदायाह के हाथ से भेंट ग्रहण कर। ये बेबीलोन देश में निष्‍कासित थे और अब वहां से आए हैं। और उसी दिन योशियाह बेन-सफन्‍याह के घर जा। 11उनसे सोना और चांदी ले और एक मुकुट बना और यह मुकुट महापुरोहित यहोशुअ बेन-योसादाक#6:11 संभवत: पहले यहां दाऊद वंशज का नाम था: जरूब्‍बाबेल बेन-शालतीएल के सिर पर रख, 12और उससे यह कह : “स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, उस पुरुष को देख जिसका नाम ‘शाखा’ है। जिस स्‍थान पर वह है, वहां से वह उगेगा और प्रभु के मन्‍दिर का निर्माण करेगा।#यश 4:2; यिर 23:5; जक 3:8 13केवल वही मुझ-प्रभु के मन्‍दिर का निर्माण करेगा और वही राजसी गौरव को प्राप्‍त करेगा। वह सिंहासन पर बैठेगा और शासन करेगा। उसके सिंहासन की दाहिनी ओर पुरोहित बैठेगा और उन दोनों के मध्‍य विचारों में तालमेल होगा।” ’ 14प्रभु के मन्‍दिर में यह मुकुट रहेगा और यह हेल्‍दई, तोबियाह, यदायाह और योशियाह बेन-सफन्‍याह की यादगार होगा।
15‘जो मेरे निज लोग दूर-दूर के देशों में तितर-बितर हैं, वे भी आएंगे और प्रभु के मन्‍दिर का निर्माण करने में सहायता करेंगे।’ तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्‍हारे पास भेजा है। यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का तत्‍परतापूर्वक पालन करोगे, तो यह कार्य निश्‍चय ही पूरा होगा।

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