हाग्गै 1

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मन्दिर के पुन: निर्माण की आज्ञा
1दारा राजा के दूसरे वर्ष के छठवें महीने के पहले दिन, यहोवा का यह वचन, हाग्गै भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा, शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल के पास, जो यहूदा का अधिपति था, और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक के पास पहुँचा :#एज्रा 4:24—5:2; 6:14 2“सेनाओं का यहोवा यों कहता है : ये लोग कहते हैं कि यहोवा का भवन बनाने का समय नहीं आया है।” 3फिर यहोवा का यह वचन हाग्गै भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा पहुँचा, 4“क्या तुम्हारे लिये अपने छतवाले घरों में रहने का समय है, जबकि यह भवन उजाड़ पड़ा है? 5इसलिये अब सेनाओं का यहोवा यों कहता है, अपनी अपनी चालचलन पर ध्यान करो। 6तुम ने बहुत बोया परन्तु थोड़ा काटा; तुम खाते हो, परन्तु पेट नहीं भरता; तुम पीते हो, परन्तु प्यास नहीं बुझती; तुम कपड़े पहिनते हो, परन्तु गरमाते नहीं; और जो मज़दूरी कमाता है, वह अपनी मज़दूरी की कमाई को छेदवाली थैली में रखता है।
7“सेनाओं का यहोवा तुम से यों कहता है: अपने अपने चालचलन पर सोचो। 8पहाड़ पर चढ़ जाओ और लकड़ी ले आओ और इस भवन को बनाओ; और मैं उसको देखकर प्रसन्न हूँगा, और मेरी महिमा होगी, यहोवा का यही वचन है। 9तुम ने बहुत उपज की आशा रखी, परन्तु देखो थोड़ी ही है; और जब तुम उसे घर ले आए, तब मैं ने उसको उड़ा दिया। सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, ऐसा क्यों हुआ? क्या इसलिये नहीं, कि मेरा भवन उजाड़ पड़ा है और तुम में से प्रत्येक अपने अपने घर को दौड़ा चला जाता है? 10इस कारण आकाश से ओस गिरना और पृथ्वी से अन्न उपजना दोनों बन्द हैं। 11मेरी आज्ञा से पृथ्वी और पहाड़ों पर, और अन्न और नये दाखमधु पर और ताज़े तेल पर, और जो कुछ भूमि से उपजता है उस पर, और मनुष्यों और घरेलू पशुओं पर, और उनके परिश्रम की सारी कमाई पर भी अकाल पड़ा है।”
लोगों द्वारा परमेश्‍वर की आज्ञा मानना
12तब शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक ने सब बचे हुए लोगों समेत अपने परमेश्‍वर यहोवा की बात मानी; और जो वचन उनके परमेश्‍वर यहोवा ने उनसे कहने के लिये हाग्गै भविष्यद्वक्‍ता को भेज दिया था, उसे उन्होंने मान लिया; और लोगों ने यहोवा का भय माना। 13तब यहोवा के दूत हाग्गै ने यहोवा से आज्ञा पाकर उन लोगों से यह कहा, “यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम्हारे संग हूँ।” 14और यहोवा ने शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल को जो यहूदा का अधिपति था, और यहोसादाक के पुत्र यहोशू महायाजक को, और सब बचे हुए लोगों के मन को उभार कर उत्साह से भर दिया कि वे आकर अपने परमेश्‍वर, सेनाओं के यहोवा के भवन को बनाने में लग जाएँ। 15यह दारा राजा के दूसरे वर्ष के छठवें महीने के चौबीसवें दिन हुआ।

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