मिशन का जीवननमूना
दोस्ती को प्यार से जीतें बहस से नहीं
मिशन पर जीवन होने का अर्थ है वास्तविक बनें और खुद से प्रश्न पूछें की आप की बातचीत कैसी है, शब्दों में और हाव भाव दोनों में । क्या कभी ऐसा समय आया जब आप परमेश्वर के बारे में बात कर रहे थे, अपने विश्वास के सफ़र के बारे में और बात बेकार की बहस में बदल गयी? हो सकता है आपने सब सही तर्क रखे हों या व्यक्तिगत गवाही भी बांटी हो, लेकिन उस व्यक्ति ने दूसरा (वैकल्पिक) विचार अपनाने को इनकार वकार दिया। बल्कि इससे आपको लगा की आपको इनके लिए हार मान जाएँ। क्या आपको महसूस हुआ कभी की और भी कुछ महत्वपूर्ण दाव पर लगा है?
हर बहस जो आप जीतते हैं, उसका अर्थ यह नहीं है की आपने उस व्यक्ति को भी जीत लिया है। लेकिन इसका विपरीत होने की आशंका ज्यादा है। बहस और खींच तान वाली बातचीत एक बाधा या दूरियों को उत्पन्न कर सकते हैं और परमेश्वर और विश्वास के विषय में आगे की चर्चा को रोक सकते हैं। 1 पतरस 3:15 में लिखा है की अपने विश्वास की गवाही दो लेकिन नम्रता और आदर के साथ।
जब एक बातचीत बहस में बदल जाती है, तो यह 'उन्हें और हमें' प्रस्तुत करता है और लोगों को रक्षात्मक बना देते है। उस बिंदु से, जो भी आप कहते हैं, वह एक विवाद की आवश्यकता है| बहस में, ज्यादातर लोग वास्तव में सही होने के बजाय, सही के रूप में देखा जाना पसंद करते हैं। यह कुछ भी कहने को कठिन कर देता है जो उनके रक्ष्नात्मकता को काट दे।
तो, रणनीति बदलें और बहस से बचें। एक दूसरे के साथ अनुभव बांटना एक अच्छा तरीका है। इसका मतलब है कि एक दूसरे की कहानियों को सुनना। आप उन परिस्थितियों के बारे में बात कर सकते हैं जहां परमेश्वर ने आपकी मदद की है और उनको जानने के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आये हैं। उन्हें कुछ बताएं जो आपके साथ हुआ हैं और फिर पूछें कि क्या वे इसका अनुभव करना चाहते हैं। आप उनके लिए प्रार्थना भी कर सकते हैं। भले ही वे ना भी कहते हैं, तो आप बातचीत छोड़कर दोस्ती जीत सकते हैं बजाये बातचीत जीतने के।
एक बातचीत जीतने से दोस्ती में तनाव पैदा हो सकता है और भविष्य में अवसरों को और अधिक सकारात्मक तरीके से बाँटने के लिए दरवाजा बंद हो सकता है। जब आप व्यक्ति को जीतते हैं, तो उनको अपना शिष्य बनाने के लिए आपके पास कई अवसर होंगे क्योंकि आप उनके साथ अपना जीवन बाँटना जारी रखते हैं। लेकिन आपको उस समय की याद आती है जब किसी के साथ यह अवसर इतना अच्छा नहीं होता। आज वह दिन हो सकता है जहां आप इसके बारे में परमेश्वर से बात कर सकते थे। क्या वापस लौट सकते हैं यह देखने के लिए की आप उस व्यक्ति के साथ आपने रिश्ते को पुनर्स्थापित कर सकते हैं और पुनः संपर्क कर सकते हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
मिशन का जीवन जीना कैसा होता है ? यीशु के प्रति जीवन को आत्मसमर्पण करने की संभावनाओं और साहस की , और पवित्र आत्मा के द्वारा चलना कैसा होता है इन सब बातों के लिए खोज करें। इस मिशन को , क्या आप इसे स्वीकार करने का चुनाव करते हैं, यह आपके जीवन जीने के तरीके को बदल देगा। यह उद्देश्य और जीवन से भरा है। इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर के लिए आपकी व्यक्तिगत बुलाहट को समझें और जियें है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हां का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.yesheis.com/