क्रुसित हुआनमूना
स्वीकारा जाना
तिरस्कार, आसान शब्दों में यह एक ऐसी भावना है, की किसी को मेरी जरूरत नही है, या कोई मुझसे प्यार नही करता। आम तौर पर यह टूटे हुए रिश्तों का या प्रेम और अपनापन दिखाने में असफल होने का रूप है। यह शा यद गर्भ से, बचपन से, बालिग उम्र से, शादी से या फिर बुढ़ापे में भी शुरू हो सकता है।
तिरस्कार हमारे प्राण में गहरे घाव, हमारी सोच में, हमारे बर्ताव और रिश्तों में नकारात्मक प्रभाव लाता है । परमेश्वर ने तिरस्कार के घावों के लिए चंगाई का प्रयोजन कर दिया है।
मत्ती 27:46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
पूरे ब्रम्हांड के इतिहास में पहली बार बेटे ने पिता को पुकारा और कोई प्रतिउत्तर नही पाया। यीशु के ऊपर पूरी तरह से मनुश्य के अधर्म को देखा गया और परमेश्वर की समझौता न करने वाली पवित्रता के कारण उसे अपने पुत्र को देखने से इनकार करने पर मजबूर किया। इस तरह से यीशु ने तिरस्कार के दर्दनाक रूप को सह लिया। उसके बाद तुरंत, क्रुसित होने के घाव से नही, पर उसका हृदय तिरस्कार के कारण टूटने की वजह से उसने अपना प्राण त्याग दिया।
मत्ती 27:51 और देखो मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया।
जिस क्षण यीशु मरा तुरंत उसके बाद, मंदिर का वो परदा जो पापी व्यक्ति को परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश करने नही देता था दो टुकड़ों में फट गया। परमेश्वर के पापरहित मेमने का लहु बहा और उसके द्वारा एक मार्ग बन गया।
इफिसियो 1:6 उसने हमें प्रिय में अपनाया है।
यीशु का तिरस्कार किया गया ताकि हम जैसे अयोग्य पापियों को परमेश्वर के द्वारा अपनाया जाए। जो कोई भी परमेश्वर के प्रिय पुत्र में है, उनके लिए परमेश्वर अपने अपनेपन को बढ़ाता है।
घोषणा करें
- प्रभु मेरे जीवन के हर एक क्षेत्र के लिए सेहत और दवाई को ले और मुझे बहुतायत से शांती दे।
- मैं हर तिरस्कार और शोषण के श्राप से छुड़ाया गया हुँ।
- अब से आगे मैं तिरस्कृत होने से डरूंगा नही क्योंकि प्रिय में मुझे अपनाया गया है। इफिसियो 1:6
- होने दे हर एक कड़वाहट की जड़ मेरे जीवन से काट दी जाए। इब्रानियों 12:15
- होने दे हर एक आत्माए जो तिरस्कार में जड़ पकड़ी हुई है यीशु के नाम मे बाहर निकल जाए।
- मैं हर एक एक ईश्वररहित गुस्से का इनकार करता हुँ, और शैतान को कोई जगह नही देता। इफिसियो 4:27
- मैं हर एक तिरस्कार, तिरस्कार का डर और खुद पर तिरस्कार लानेवाली हर एक आत्माओं को यीशु के नाम में बांधता और निकालता हुँ।
- प्रभु, अगर मैंने डर, तिरस्कार, अक्षमा, कड़वाहट, नफरत, घमंड या विद्रोह के द्वारा मेरे जीवन मे किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए दरवाजा खोला है, तो प्रभु मुझे क्षमा कर। मैं इन हर एक बातों का यीशु के नाम मे इनकार करता हुँ।
- होने दे विश्वास के द्वारा मसीह मेरे हृदय में वास करें, और मैं प्रेम में रोपा जाकर जड़ पकड़ लू। और होने दे कि सारे संतों के साथ मैं तेरे प्यार की चैड़ाई, लंबाई, गहराई और ऊंचाई को समझ सकू। इफिसियो 3:17,18
- मेरे प्राण मे शक्ति के द्वारा मुझे सामर्थ्यवान बना। भजनसंहिता 138:3
प्रार्थना करें
- कलीसिया की हर एक जरूरतों के लिए प्रार्थना करे, नए प्रार्थना घर के लिए प्रार्थना करे।
- परमेश्वर की आराधना करने के लिए हमारी खुद की जगह को माँगे।
- और भी ज्यादा अगुवों और मजदूरों के लिए प्रार्थना करे। प्रार्थना करे कि परमेश्वर फसल की खेत मे मजदूरों को भेज दे।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/