केवल यीशुनमूना
केवल यीशु - वह विश्वासयोग्य है
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है किसी ने आप से कोई वायदा किया हो लेकिन उसे कभी पूरा नहीं कर पाया हो । हो सकता है कि आपने भी किसी से कोई वायदा किया हो और आपने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की कि उसे पूरा करें लेकिन हालात अनुकूल नहीं होने के कारण लोगों को आपकी ओर से निराश होना पड़ा। चाहे जैसे देखें लेकिन प्रतिज्ञाएं पूरी करने के लिए ही की जाती हैं, लेकिन मनुष्य होने के नाते, हम चाहे जितना भी प्रयास करें, हम अपनी प्रतिबद्धताओं में चूक जाते हैं । लेकिन इसके विपरीत, स्वर्ग और पृथ्वी का बनाने वाले परमेश्वर, अर्थात हमारे स्वर्गीय पिता, कैसी भी परिस्थितियों में अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करते हैं ।यीशु को एक विश्वासयोग्य जन के रूप में जानने के लिए हमें उसके पिता को नज़दीकी से देखना चाहिए जो कि सारी विश्वासयोग्यता के स्रोत हैं । विश्वासयोग्यता के लिए इब्रानी शब्द “इमुनाह” है- जिसका अर्थ है, स्थिर, अटल, दृढ़ । अगर कोई विशेषता जो परमेश्वर को बाकि देवी देवताओं से अलग बनाती है तो वह उसकी - विश्वासयोग्यता है ।
वह अपने वचनों अर्थात अपने वायदों के प्रति विश्वासयोग्य है। वह अपने लोगों के प्रति विश्वासयोग्य है । वह उन लोगों के लिए विश्वासयोग्य है जिन्होंने उसके पीछे चलने का फैसला कर लिया है। हमारा परमेश्वर ऐसा ही है।
यदि आपको परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर सन्देह है- तो आप अपने चारों ओर देख लें। यह उसकी विश्वासयोग्यता ही है कि हम अभी तक नाश नहीं हुए हैं।
आज का वचन पठन हमें यीशु के रूपान्तरण के बारे में बताता है । इस घटना ने यीशु मसीह की मृत्यु और उसके पुनरूत्थान से पहले महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, क्योंकि यह यीशु की पहिचान, व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और परमेश्वर द्वारा कही गयी बातों के यीशु द्वारा पूरे किये जाने को प्रमाणित करती है।
जब हम बाइबल को ध्यान से उत्पत्ति से लेकर मलाकी तक पढ़ते हैं तो हम वहां पर बार बार एक ही चक्र को दोहराते हुए देखते हैं । इस चक्र के अनुसार- एक विश्वासयोग्य परमेश्वर अपने लोगों को जीवन के आधार के तौर पर अपनी आज्ञाओं को देते हैं, अविश्वासयोग्य लोग परमेश्वर का विरोध करते हैं, जिसके कारण परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़कता है, उन्हें कष्ट उठाना पड़ता है, फिर वे मन फिराकर पश्चाताप करते हैं, और परमेश्वर उन पर दया करके अपने लोगों को फिर से बहाल कर देते हैं । मनुष्य द्वारा परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने में अनियमितता और उसके पापी स्वभाव के बीच में परमेश्वर सदैव विश्वास योग्य बने रहते हैं।
पुराने नियम में यीशु मसीह के बारे में लगभग 55 भविष्यद्वाणियां की गयी हैं । उसके जीवन, उसके जन्म, उसकी जवानी, उसके कार्य, उसके राज्य वगैरह के बारे में । यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है कि यीशु में एक या दो नहीं वरन उसके बारे में कहीं गयी सारी भविष्यद्वाणियां उसमें पूरी हुईं । हमारा पिता संसार की हर परिस्थिति में अपनी बात को पूरा करने वाला है । उसने मसीह को भेजने की प्रतिज्ञा की थी और उसने हमें मायूस नहीं किया । और उससे भी बढ़कर उसने हम से अपने रिश्ते को बहाल करने और हमारा उद्धार करने के लिए अपने इकलौते पुत्र को भेज दिया । केवल परमेश्वर ही हमारी ऐसी देखभाल कर सकते थे कि मानव जाति को अपने परिवार में पुनः जोड़ने और अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने की खातिर यदि उस अपने पुत्र की भी कुर्बान देनी पड़ी तो उसने दी।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, हम प्रार्थना करते हैं कि हमें अपने जीवन के हर एक काल में आपकी विश्वासयोग्यता को याद रखने में मदद करें । होने दें प्रभु कि हम आपके द्वारा हमारे लिए किये गये कामों को न भूलें और अपने आने वाले दिनों में निरन्तर आप पर भरोसा करें । पिता मैं आपसे प्रेम करता हूं, क्योंकि आपकी विश्वासयोग्यता सभी पीढ़ियों में बनी रहती है । यीशु के नाम में,आमीन।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
इस दुविधाजनक समय में मसीह को और गहराई से जानने और इस अनिश्चित समय में भय से बढ़कर भरोसा करने का चुनाव करें। हम विश्वास करते हैं जब आप इस योजनाबद्ध अध्ययन का अनुपालन करेगें तो आप भविष्य में एक नये आत्म विश्वास के साथ प्रवेष करेगें, फिर चाहे रोज़मर्रा की परिस्थितियां जैसी भी हों।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.wearezion.in