जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Mananनमूना

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

दिन 4 का 18

 

  दिन 4 कटनी से बेहतर छटनी है 

हर वो डाली जो फल लाती है उसे वह छांटता है 

यह काटे जाने से अलग कैसे है? आप मरी हुई डालियों को काट देते हैं। स्वस्थ डालियों को छांटा जाता है ताकि वे और फलवंत हों। आप डाली को थोड़ा काटते हैं ताकि पत्ते और फुल घने हों और इस तरह अधिक फल आए। आप लम्बी बढ़ी हुई डालियों को भी थोड़ा काटते हैं ताकि वे बेवजह अधिक पोषक तत्व न लें। 

छांटना सज़ा देना नहीं है जैसे की कुछ लोग सोच सकते हैं। जब हम बढ़ रहे होते हैं तो हमें अपने जीवन में, अपने स्वभाव में, उसूलों इत्यादि में जोड़तोड़ करने की ज़रूरत होती है। जब उस डाली को थोड़ा काटा जाता है तो पौधे का सारा रस इकठ्ठा होकर सही दिशा में बहने लगता है। 

जब हम फलवंत होने लगते हैं तो कुछ बातें दिखाई देने लगेंगी - कुछ अंदरूनी मुद्दे जिन्हें जोड़तोड़ की ज़रूरत होगी। परमेश्वर को वह जोड़तोड़ करने दें। छांटने से परिपक्वता आती है। छांटने का एक कारण होता है ताकि बढौतरी का मौसम बढ़िया फल लाए और वह साफ़ दिखाई देगा। 

क्या हमारे जीवन में अनुपजाऊ क्षेत्र हैं या ऐसे छेत्र हैं जो हमारी बढ़ोत्तरी में बाधा डाल रहे हैं? क्या ऐसे क्षेत्र हैं जो हमारी ऊर्जा चुरा रहे और हमारा ध्यान भटका रहे हैं? क्या इसके कारण हमारी मसीही बुलाहट की बढ़ोतरी कमजोर रही है? परमेश्वर हमेशा वृद्धि देखना चाहता है। 

हम अपना असर खो देते हैं जब हम अपने जीवन में मरी हुई चीजें लेकर चलते हैं या जब हम अपना समय बेकार लक्ष्य का पीछा करने में बिताते हैं। आज पवित्र आत्मा को आपके दिल की जांच करने दे। क्या वह एक आदत, एक बर्ताव, सोचने का तरीका, गुप्त पाप, और बेकार दोस्तियाँ हैं? कभी-कभी यह चीजें अपने आप में बुरी भी नहीं होंगी। 

कभी-कभी एक डाली पत्तों से भरी होगी पर बिना फल के। वह स्वस्थ और फलवंत दिखाई देती है पर है नहीं। वह सिर्फ एक सजावट है। यहीं पर छाँटने की जरूरत होती है। परमेश्वर बाहरी रूप में दिलचस्पी नहीं रखता। वह ऐसा सच्चा पल चाहता है जो दिल के बदलने से आता है। 

हम एक सम्मेलन से दूसरे सम्मेलन, एक मीटिंग से दूसरी मीटिंग में जा सकते हैं बिना अपने जीवन को चुनौती दिए, बदले, या बढ़े हुए। 

परमेश्वर हमसे कहेगा, “यह अच्छा है कि तुम हर रविवार चर्च में आए, कैसा रहेगा यदि तुम कोई शास्त्र पढ़ो और किसी को आशीष दो?” वह तुम्हारी समझ को छांट रहा है कि तुम चर्च क्यों आते हो। 

या वह कहे अच्छा होगा अगर तुम कहो कि तुम अपनी पत्नी से प्रेम करते हो और तुम उसके लिए प्रबंध करते हो। वह एक पति के रूप में तुम्हारी समझ और तुम्हारी पत्नी के लिए तुम्हारे प्रेम की अभिव्यक्ति को छांट रहा है। मैं और कह सकती हूं। 

परमेश्वर किस बात पर अपनी उंगली रख रहा? क्या आप उसे आपको छाँटने देंगे? क्या कुछ ऐसा है जिसे थोड़ा काटने की जरूरत है?

वचन उल्लेख

यूहन्ना 15:2 

मत्ती 25:23,29

दिन 3दिन 5

इस योजना के बारें में

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

कुछ समय से परमेश्वर मुझे दोबारा यूहन्ना 15 के पास ले आ रहा है। इन हालातों में यह मेरे पावों के लिए दीपक और रास्ते के लिए ज्योति बन गया है। मैं आपको आमंत्रित करती हूं इन वचनों के कुछ मुख्य विषयों पर मनन करने; जानने, बढ़ने, और प्रेम करने के लिए। English Title: Know, Grow, Show - Reflections on John 15 by Navaz DCruz

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वर्ड ऑफ ग्रेस चर्च को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://somequietthoughts.blogspot.com/