क्लेशों में परमेश्वर की वाणी सुनना नमूना
सुसमाचार प्रचार करने की पुकार
आपकी प्राथमिकताओं की सूची में,मिशन और सुसमाचार प्रचार करना - अर्थात दूसरों के बीच में यीशु का सुसमाचार प्रचार करना कहां है?यदि उसे आपकी सूची में ऊंचा स्थान प्राप्त नहीं है तो,आपके विचार से ऐसा क्यों है,और इसे आपकी सूची में प्राथमिकता बनने के लिए क्या करने की ज़रूरत पड़ेगी।
जब भी कभी कोई मुझसे पूछता है कि मैं सर्वदा सुसमाचार प्रचार को लेकर क्यों लालायित रहता हूँतो मेरा जवाब होता है कि इसका कारण यीशु का वह प्रभाव है जो 18 वर्ष की आयु में मेरे जीवन पर पड़ा था। यीशु की मृत्यु और उसका पुनरूत्थान मानव जाति के सबसे महत्वपूर्ण क्षण हैं। यीशु वास्तव में जी उठे हैं। उसकी मृत्यु और उसका गाड़ा जाना ही कहानी का अन्त नहीं है। मसीह में,आप भी एक दिन मृतकों में से जी उठेगें। यह दुनिया की सबसे अच्छी खबर है जो आप किसी भी व्यक्ति को सुना सकते हैं,और मैं भी यही खुशखबरी प्रत्येक जन को सुनाना चाहता हूं।
लोग प्रेम के भूखे हैं। आपको कोई बहुतायत से प्रेम करता है आप इस बात से जान सकते हैं कि यीशु आपके लिए मरे। जैसा कि पौलुस कहता है,परमेश्वर के पुत्र ने मुझ से प्रेम किया और अपने प्राणों को मेरे लिए दे दिया (गलातियों 2:20)। जब आपको पता चलता है कि यीशु ने आपसे इतना प्रेम किया कि अपने प्राण आपके लिए दे दिये,तब आपका जीवन बदल जाता है।
लोगों को आज अपने जीवन में मकसद की तलाश है,और अन्त में,जब तक कि आपका परमेश्वर के साथ कोई सम्बन्ध नहीं होता है तब तक जीवन का कोई औचित्य नहीं होता,इस काम को सम्भव करने के लिए यीशु आए। जब लोगों का सम्बन्ध परमेश्वर के साथ जुड़ जाता है,तो उन्हें उनके जीवन का मकसद मिल जाता है।
अतः,संसार के लोग बुरी तरह से भूखे हैं,और यही कारण है कि हम हमेशा कलीसियाओं को सुसमाचार प्रचार करने और मिशन के कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बल्कि,जब कलीसिया में यीशु के सुसमाचार को प्रचार करने को प्राथमिकता दी जाती है तो उसमें बढ़ोतरी होती है। यदि आप सुसमाचार प्रचार को प्राथमिकता देते हैं,तो बाकि के काम अपने आप हो जाएंगे। कलीसिया में एकता अति महत्वपूर्ण भाग है,लेकिन यदि आप इसको अपने प्रमुख लक्ष्य बनाएं,तो आप अपने अन्तरों पर चर्चा करेगें। लेकिन यदि आप सुसमाचार को अपना प्रमुख लक्ष्य बनाते हैं तो आपके लिए एकता के सूत्र में होना अनिवार्य है,क्योंकि यीशु ने एकता के लिए इसीलिए प्रार्थना की थी ताकि संसार विश्वास कर सके। अधिकतर मसीही लोग संसार भर में अलग स्थान,अलग भाषा और अलग परम्परा होने के बाद भी यीशु के सुसमाचार को साझा करने के लिए एक ही जुनून से भरे हुए हैं।
यदि आप सुसमाचार प्रचार को प्राथमिकता देते हैं,तो आपको स्वयं एक चेले के रूप में बढ़ना होगा क्योंकि आप तब तक किसी व्यक्ति की विश्वास में अगुवाई नहीं कर सकते जब तक कि आपके जीवन में आत्मा के फल न लगे हों। आपको अधिक प्रेम करने वाला, अधिक आनन्दित और अधिक शान्तिप्रिय बनना होगा। पवित्र आत्मा में भरे होने का मुख्य कारण यह है कि हम यीशु के गवाह बन सकें। हम इसे प्रेरितों के काम 1:8 में देखते हैं जब यीशु ने कहा,"पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा और तुम सामर्थ्य पाओगे और तुम मेरे गवाह ठहरोगे..."। बल्कि इस योजना को खत्म करते हुए कल हम पवित्र पर निर्भर होने के महत्व पर चर्चा करेगें।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आप परमेश्वर की वाणी कैसे सुनते हैं? परमेश्वर विश्वव्यापी क्लेश में क्या कहते हैं? 4 दिवसीय योजना में,अल्फा के संस्थापक निक्की गम्बल सरल तरीके बताकर प्रारम्भ करते हैं जिससे उन्हें परमेश्वर की वाणी सुनने में मदद मिली।वह तीन मुख्य चुनौतियों को सामने रखते हैं जिनके सन्दर्भ में उन्हें लगा कि परमेश्वर हम से प्रतिक्रिया चाहते हैंः कलीसिया में अधिक एकता,सुसमाचार प्रसार को प्राथमिकता, और प्रतिदिन पवित्र आत्मा पर निर्भरता।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए अल्फा को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.leadershipconference.org.uk/