सच्चा प्यार क्या है?नमूना
सच्चे प्रेम का नतीजा! ( ज.ऑ. य.)(J.O.Y.)
किसी भी दिन, हमारे प्राण पाप मे रहने के प्रभाव से पीड़ित हो सकते हैं, और हमारा ह्रदय कमज़ोरी से दुखी हो सकता है। जॉन ओवेन यह कह सकते हैं, कि वे पानी के समान कमज़ोर महसूस करते हैं। कुछ दिन, बाकी दिनों से ज़्यादा कठिन हो सकते है। हवा बदलती है और आजमाइशों के तूफान हमारे जीवन में आते जाते रहते हैं। शत्रु हम पर दोष लगाता रहता है। हमारी आशा कहाँ है?मसीह में! जब परीक्षाएँ महिनों, वर्षों, यहाँ तक की दस वर्षों से अधिक समय तक बनी रहती है, तब प्रेम कहाँ होता है? कहाँ होती है हमारी आशा?
परमेश्वर की ओर हमारा समर्पण आज़माया और परखा जाता है। हमारी आज्ञाकारिता कहाँ है? केवल मसीह में!
एक परीक्षण के झुंड में, हमारे मन-मस्तिष्क में, बहुत सारे विचार और भावनाएँ टकराते, भिड़ते और झुक जाते हैं। हमारी ऊर्जा, हमारी ताकत, हमारा युवा उत्साह कहां है? मसीह में!
'ज' (J)
यीशु ही आपकी संपूर्णता है; अर्थात आपका सब कुछ। उनके वचन के अनुसार उनको ले और उनके कहे अनुसार उन पर विश्वास रखें न कि आप क्या सोचते हैं, न ही कोई और क्या कहता है, या आप क्या महसूस करते हैं। वह ही केंद्र, आधार, मूल, सब कुछ, प्रमुख- अर्थात सब है। मसीही! उनका जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान, मैं और आप जैसे अयोग्य, विद्रोह से भरे पापियों के लिए था। उन्होंने अपना स्थान और अपना मुकुट छोड़कर, अपने जीवन को दे दिया।
हमें भी उसी प्रकार से मसीह और दूसरों के लिए, स्वयं की उसी मृत्यु के लिए बुलाया जाता है।
'ऑ' (O)
आज्ञाकारिता। परमेश्वर के वचन का पालन करें, और अपने विचारों, शब्दों और कार्यो द्वारा उस पर भरोसा रखें। मसीह और उनके प्रेम को पकड़े रहे। अपनी सोच और पुराने विचारधाराओं से अलग होने को चुने और विश्वास को पहन लें, इस बात को मानते हुए की जो कुछ परमेश्वर का वचन कहता है वह सत्य है।
हम सच्चे प्रेम के स्रोत की ओर किस प्रकार बढ़े, और उसके प्रेम को अपने अंदर और अपने जीवन में बहने कि कैसे अनुमति दें? हम किस प्रकार उसमें बने रहना सीखें और उनके आत्मा के साथ कदम मिलाकर और उनकी लालसाओं का अनुसरण करें, न कि खुद के?
सबसे पहले, हमें यह देखना आवश्यक है कि कहीं हम उसके प्रेम के झण्डे से बाहर तो नहीं निकल गए। पूछें कि:"क्या मैं ठीक से देख पा रहा हूँ? हे प्रभु, क्या मै आपके कदमों पर चल पा रहा हूं?" हम दिनभर में मदद के लिए यह प्रार्थना कर सकते हैं: "हे प्रभु! मुझे आपके प्रेम पर विश्वास करने और उसमें चलने के लिए सहायता करें! मैं आपसे प्रेम करना चाहता/ चाहती हूँ। मेरी सहायता करें कि मैं आपसे अपने पूरे मन, प्राण, समझ और ताकत से प्रेम रख सकूं और दूसरों से भी प्रेम रखने में सहायता करें।
'य' (Y)
आपकी जवानी उकाब कि नाई नई हो जाएगी! आप प्रभु में आनंद को प्राप्त कर सकेंगे और उस आनंद से शक्ति!
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
सब जानना चाहतें हैं कि वास्तव में प्रेम क्या है। लेकिन बाइबिल प्रेम के विषय में क्या बताती है, कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं। प्रेम, बाइबिल के मुख्य विषयों में से एक तथा मसीह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सदगुण है। थीस्लबेण्ड मिनिस्ट्रीज़ की ओर से यह पठन योजना, बाइबिल आधारित प्रेम के मायने तथा परमेश्वर और सब लोगों से कैसे बेहतर तरीके से प्रेम करें, इन बातों की खोज करती है।
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यह योजना हमें उपलब्ध कराने के लिए हम थिसलबेंड मिनिस्ट्री का शुक्रिया अदा करते हैं ! अधिक जानकारी के लिए कृप्या देखे: www.thistlebendministries.org