बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथनमूना

बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथ

दिन 12 का 365

डर से कैसे लड़ें

एक स्तर तक डर लाभदायक है। ‘डर’ एक भावना है जिसे संभावित एक खतरे द्वारा प्रेरित किया जाता है। यह एक स्वाभाविक मानव भावना है। यह परमेश्वर द्वारा दिया गया है। यह मूलभूत जीवन रक्षा तंत्र है। यह हमें जीवित रखता है। यह हमें खतरे से बचाता है। हालाँकि, हानिकारक डर जैसी चीज़ भी है। नये नियम में सामान्य रूप से प्रयोग किया गया ग्रीक शब्द *फोबोस* है – जो हमें ‘फोबिया’ से मिलता है। यह हानिकारक डर है। यह आनेवाले खतरे के असमानुपाती होता है। यह ‘गलत प्रमाण है जो सही दिखाई देता है’। यह तब होता है जब मैं ज़्यादा खतरे का अनुमान लगाता हूँ और इससे लड़ने की क्षमता को कम समझने लगता हूँ। सामान्य डर में बीमारी, धन, असफलता, बूढ़ा होना, मृत्यु, अकेलापन, तिरस्कार, गड़बड़ी, लोगों में बोलना, उड़ान, ऊँचाई, सांप, और मकड़ी आदि से सबंधित डर शामिल हैं। इनमें ये चीज़ें भी शामिल हैं जिसे आजकल FOMO बुलाया जाता है – चूकने का डर, कोई खास न होने का डर। मेरे खुद के जीवन में मैंने कई डरों को अनुभव किया है – ऊँचाई के डर से लेकर दु:खदायी दौरा और अन्य अनजान डर, प्रचार करने के बारे में डर और कोई ऐसी चीज़ें करने का डर जो यीशु के नाम को अपमानित करे। जबकि परमेश्वर का आत्मा नकारात्मक डर पैदा नहीं करता, यह एक तरह से लाभकारी डर है – *परमेश्वर का भय* *।* इसका मतलब परमेश्वर से डरना नहीं है। वास्तव में, इसका मतलब ठीक उल्टा है। इसका मतलब परमेश्वर को समझना है जो हमसे संबंधित हैं। इसका मतलब आदर, प्रमाणिकता, श्रद्धायुक्त भय, सम्मान, गहरा प्रेम और आराधना है, बल्कि इसे *परमेश्वर के प्रति प्रेम* के रूप में भी अनुवादित किया जा सकता है। इसकी पहचान परमप्रधान परमेश्वर की सामर्थ, महिमा और पवित्रता से है। यह हमें परमेश्वर का आदर करने में मदद करता है और यह बाकी के सभी डर और भय का प्रतिकार है जिसका अनुभव हम जीवन में करते हैं। परमेश्वर का भय मानो और आपको कभी भी किसी से भी डरने की ज़रूरत नहीं है। यह संयोग नहीं है कि हमारे समाज में परमेश्वर का भय कम हो गया है, और बाकी के सभी डर बढ़ गए हैं। हमें परमेश्वर के साथ सही संबंध की ओर वापस आना है। अभिव्यक्ति ‘मत डर’, यह आज्ञा बाइबल में सबसे ज़्यादा दी गई है। हमारे आज के पद्यांश में चार घटनाएं बताई गई हैं।

नीतिवचन 1:20-33

कोई डर नहीं, कोई नुकसान नहीं

यह पद्यांश आपको ‘आतंक और घबराहट’ हटाने के लिए एक कुंजी है (पद - 26, ए.एम.पी.) और ‘वह निडर बसा रहेगा, और बेखटके सुख से रहेगा’ (पद - 33, ए.एम.पी.)।

‘परमेश्वर का भय’ मानना नीतिवचन के विषय की कुंजी है और यह इस पुस्तक में 21 बार दिखाई देता है। यह एक चुनाव है जो आप करते हैं। यदि आप बुद्धिमान हैं, तो आप ‘परमेश्वर का भय मानना चुनेंगे ’ (पद - 29) और उनकी सुनेंगे। और वह वादा करते हैं कि आप ‘ सुरक्षित और सुख से रहेंगे’ (पद - 33)।

नीतिवचन की पुस्तक में बुद्धि पर ज़ोर दिया गया है (पद - 20)। जब हम इसे नये नियम की दृष्टि से पढ़ते हैं, तो हम जान जाते हैं कि यीशु ही ‘परमेश्वर की बुद्धि हैं’ (1 कुरिंथियों 1:24)।

यह पद्यांश (नीतिवचन 1:20-30) हमें प्रभु की आवाज़ की अवहेलना और ‘स्वच्छंदता’ तथा ‘परितोष’ के मार्ग पर चलने के विरूद्ध चेतावनी देता है (पद - 32)।

इसके बजाय परमेश्वर का भय मानने, उनकी सुनने और जब वह आपको सही करें तो मन फिराने के लिए कहता है। यदि आप ऐसा करेंगे, तो परमेश्वर आपको आपकी कल्पना से ज़्यादा प्रकाशन देंगे। ‘मैं [बुद्धि] अपनी आत्मा तुम्हारे लिये उण्डेल दूंगी; मैं तुम को अपने वचन बताऊंगी।’ (पद - 23अ, ए.एम.पी.)। वह अपने वचनों में बुद्धि के छिपे ख़ज़ाने को आपको प्रकट करेंगे। परमेश्वर का भय मानो और आप ‘अच्छे हाथों में होंगे’ (पद – 33, एम.एस.जी.) और डर के नुकसान से मुक्ति पाएंगे।

प्रभु, मैं परमेश्वर का भय मानने और एक ऐसा जीवन जीने का चुनाव करता हूँ जो आपकी सामर्थ, महिमा और पवित्रता के सम्मान और आदर में हो। केवल आपका भय मानते हुए जीने के लिए मेरी मदद कीजिये।

मत्ती 10:1-31

लोगों का कोई डर नहीं

इस पद्यांश में यीशु ने तीन बार कहा है, ‘मत डरो’ (पद - 26,28,31)।

प्रकरण यह है कि यीशु अपने शिष्यों को सुसमाचार सुनाने और बीमारों को चंगा करने के लिए भेजते हैं। जैसे ही यीशु अपने बारह शिष्यों को बुलाते हैं, तब वह उन्हें मिशन पर भेजते हैं (सैद्धांतिक प्रशिक्षण तुरंत व्यवहार में लाना चाहिये!)।

अपने आदर्श का अनुसरण करने के लिए वह उन्हें (और हमें) भेजते हैं:

  • प्रचार करो: ‘स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है’ (पद - 7)

  • दिखाओ : ‘बीमारों को चंगा करो’ (पद - 8)।

जब यीशु उन्हें बाहर भेजते हैं तो उन्हें चेतावनी देते हैं कि उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा: ‘मैं तुम्हें भेड़ों की नाईं भेडिय़ों के बीच में भेजता हूं’ उन्हें शुद्ध - बुद्धि की ज़रूरत है (‘सो सांपों की नाईं बुद्धिमान और कबूतरों की नाईं भोले बनो ’, पद - 16ब)।

‘स्थानीय महासभाओं’ में उनका विरोध होगा (पद - 17), और उनसे नफरत की जाएगी (पद - 22), उन्हें सताया जाएगा (पद - 23), और उन्हें शैतान कहेंगे (पद - 25)। इस प्रकरण में यीशु तीन बार कहते हैं ‘मत डरना’ (पद - 26,28,31)।

  1. मत डरो कि तुम्हें क्या कहना है

  2. वह कहते हैं, ‘उनसे मत डरना ’ (पद - 26)। आपको दूसरों से डरने की जरूरत नहीं है, चाहें वे कितने भी ताकतवर क्यों न हों (उदाहरण के लिए स्थानीय महासभाएं, शासक और राजा, (पद - 17-18) : ‘तुम मेरे लिये हाकिमों और राजाओं के सामने उन पर, और अन्यजातियों पर गवाह होने के लिये पहुंचाए जाओगे। जब वे तुम्हें पकड़वाएंगे तो यह चिन्ता न करना, कि हम किस रीति से; या क्या कहेंगे: क्योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हारे पिता का आत्मा तुम्हें बता देगा’ (पद - 18,19, एम.एस.जी.)।

  3. मत डरो कि अन्य लोग तुम्हारे साथ क्या करेंगे

  4. ‘जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है’ (पद - 28)।

  5. मत डरना कि तुम्हारा क्या होग

  6. वह कहते हैं यदि आप परमेश्वर का भय मानेंगे तो आपको किसी और से डरने की ज़रूरत नहीं है। परमेश्वर का पूरा नियंत्रण है: ‘क्या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकतीं? तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती’ (पद - 29)। उनका पूरा नियंत्रण ही नहीं है, बल्कि वह आपसे गहरा प्रेम करते हैं: ‘तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। ’ (पद - 30-31)। जितना आप अपनी खुद की चिंता नहीं करते, परमेश्वर उससे ज़्यादा आपकी चिंता करते हैं (पद - 30, एम.एस.जी.)।

प्रभु, आपका धन्यवाद, आपने मुझे बताया कि मुझे डरने की ज़रूरत नहीं है। आपका धन्यवाद कि आप मुझे बहुत ज़्यादा महत्त्व देते हैं और मुझ से प्रेम करते हैं। आपके प्रेम को जानने, आप पर भरोसा करने और कभी न डरने के लिए मेरी मदद कीजिये।

उत्पत्ति 25:1-26:35

मृत्यु का कोई डर नहीं

जीवन कभी आसान नहीं होता। यह इसहाक के लिए आसान नहीं था। अन्य परेशानियों के बीच, उसने अपने बच्चे के जन्म के लिए बीस साल तक इंतज़ार किया (25:20-26)। फिर जब जुड़वा बच्चे जन्में तो भाइयों में झगड़े हुए। वह पलिश्ती दुश्मनों के बीच रहे और उसका एक बेटा ‘दु:ख का कारण बना’ (26:35), ‘और रिबका के मन को खेद हुआ’ (पद - 35, एम.एस.जी.)।

इसहाक ने अपने पिता के समान ही पाप किया – अपनी पत्नी को अपनी बहन के रूप में देने का (पद - 7-11)। हालाँकि, ऐसा लगता है कि इसहाक ने अपने पिता की ग़लतियों से कुछ सीखा था। जब रिबका को कोई बच्चा नहीं हो रहा था – तो चीज़ों को खुद से हल करने के लिए अब्राहम द्वारा हाज़िरा से नाशवान संबंध बनाने के विपरीत – इसहाक ने एक चमत्कार के लिए परमेश्वर से प्रार्थना की (25:21)।

परमेश्वर इसहाक के सामने आए और वादा किया कि, ‘मैं तेरे संग रहूंगा …. और ये सब देश मैं तुझ को, और तेरे वंश को दूंगा। ’ (26:3-4)।

फिर भी, इसहाक डर गया। उसे डर लगा कि वह मर सकता है: ‘यदि मैं उसको अपनी पत्नी कहूं, तो यहां के लोग उसके कारण जो परम सुन्दरी है मुझ को मार डालेंगे’ (पद - 7,9ब)।

जब अबिमेलेक ने इसहाक को ‘अपनी पत्नी के साथ क्रीड़ा’ करते देखा, तो उसने पूछा, ‘वह तो निश्चय तेरी पत्नी है; फिर तू ने क्योंकर उसको अपनी बहिन कहा?’ (पद - 8-9अ)। ‘इसहाक ने उत्तर दिया, मैं ने सोचा था, क्योंकि ….’ (पद - 9ब)।

परमेश्वर ने इसहाक से कहा, ‘मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं’ (पद - 24)। इसहाक परमेश्वर से ज़्यादा लोगों से डरता था, फिर भी उसे याद दिलाया गया कि उसे डरना नहीं चाहिये क्योंकि परमेश्वर उसके साथ हैं। जब आपको डर सताए, तो इसी सच्चाई को याद रखिये: परमेश्वर आपके साथ हैं। यदि परमेश्वर आपके साथ हैं, तो आपको कभी भी किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है।

इसहाक लोगों से डरता था, इसके बावजूद, परमेश्वर ने उसे आशीष दी। परमेश्वर कहते हैं, ‘मैं तुझे आशीष दूँगा और तेरे वंश को बढ़ाऊँग़ा ….’ (पद - 24)। परमेश्वर की आशीष का मतलब है बढ़ना, और बार - बार फसल लाना। वह आपके जीवन से भी यही चाहते हैं।

‘अपने पिता, अब्राहम के समय में जो कुएं खोदे गए थे इसहाक ने उन्हें फिर से खोला, जिसे पलिश्तीयों ने भर दिया था ’ (पद - 18)। (शायद यह हमारे लिए चर्चों को फिर से खोलने के बराबर है जो जीवन के जल का स्रोत हैं!)। जब इसहाक का विरोध किया गया और उसे रोका गया, तो वह आगे बढ़ा जब तक कि उसने दूसरे कुएं को फिर से खोलने के लिए खोज नहीं लिया। इस तरह से, परमेश्वर ने उसे फलने - फूलने के लिए मौका दिया (पद - 22)।

इनमें से एक भी आसान नहीं था, लेकिन प्रभु आप से जो कहते हैं उसे याद रखिये: ‘मत डरना, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ’ (पद - 24)।

प्रभु, आप मेरे साथ हैं, इस वायदे के लिए आपका धन्यवाद। आपका धन्यवाद क्योंकि आप मुझे बार - बार कहते हैं कि यदि मैं आपका भय मानूँ, तो मुझे कभी भी किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है।

Pippa Adds

उत्पत्ति 26:34

जिस प्रकार से इसहाक और एसाव ने अपनी पत्नी को चुना इसमें काफी फर्क है। इसहाक के लिए, विश्वास की इस स्त्री को खोजने के लिए बहुत सी प्रार्थना और मार्गदर्शन करने वाले संकेत लगे, जबकि ऐसा लगता है कि एसाव ने बुद्धिमानी से चुनाव किया। पर यह ‘इसहाक और रिबका के लिए खेद का कारण बना’। सही पति/पत्नी चुनना और अपने लिए, अपने बच्चों और अपने दोस्तों के लिए प्रार्थना करना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि परमेश्वर उन्हें सही व्यक्ति तक पहुँचा दें।

References

नोट्स: जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। जिन वचनों को (ए.एम.पी.) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है। कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है. ([www.Lockman.org](http://www.lockman.org)) जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है। संपादकीय नोट: ‘डर मानवीय अनुभव का एक अनिवार्य हिस्सा है। निराशा, डर और भय हमें घेरने के लिए सूक्जित करते हैं…. क्योंकि हमें सिखाया गया है कि डर दिखाना कमजोरी है, कि कायर लोग तिरस्कृत होते हैं, और यह कि हीरो का मतलब है कोई डर नहीं, हम अपने डर और निराशा को छिपाने की कोशिश करते हैं। खुद को अपराधी महसूस करने से हमारी आत्म-छवि हमारे आत्म-सम्मान के साथ अत्यधिक गिर जाती है। एड यंग, *नो योर फियर: फेसिंग लाइफस् सिक्स मोस्ट कॉमन फोबियास* (बी एंड एच पब्लिशिंग, 2003)।**
दिन 11दिन 13

इस योजना के बारें में

बाइबल एक वर्ष में 2023 की योजना निकी और पिप्पा गम्बेल के विचारों के साथ

क्लासिक: "बाइबल को समझना कठिन हो सकता है। अल्फा पायनियर्स, निकी और पिप्पा गमबल की टिप्पणियों के साथ इसे हर रोज़ पढ़ें या सुनें। आज ही शुरू करें!

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nicky Gumbel को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://bibleinoneyear.org/hi/