परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 4 - भविष्यद्वक्ताओं का यु्ग)नमूना
प्राचीन भविष्यसूचक
मसीह के अनुयायियों को शिष्य बनने के लिए बुलाया गया और आदेश दिया गया है। चेले बहुत हद तक भविष्यद्वक्ताओं के समान होते हैं। उनके बारे में सीखने से हमें यह समझ आता है कि हमारा जीवन चुनौतियों को पार करने के बाद किस प्रकार का प्रभाव डाल सकता है और वह हमें प्रोत्साहित करता तथा पैना बनाता है।
जैसे जैसे राजाओं का जीवन और उनकी विरासत बिना किसी आशा से विकृत होती चली गयी,भविष्यद्वक्ताओं का उदय होने लगा। कुलपतियों,न्यायायियों,याजकों,राजा तथा अन्य लोगों ने भी भविष्यद्वक्ता की भूमिका निभाई।
भविष्यद्वक्ताओं की शक्ति व उनकी कीमत
भविष्यद्वक्ताओं में निम्नलिखित सामान्य विशेषताएंहोती हैंः
- एकमात्र उद्देश्य- परमेश्वर की आवाज़ बनना होता है
- उच्चकोटि का प्रभाव होता है- अगुवों तक पहुंचता है
- ज़रूरत पड़ने पर उसे अपने व्यक्ति जीवन की कुर्बानी देनी पड़ती है
- प्रायः अधिक प्रचलित नहींहोतेथे
उन्हें महान सामर्थ प्रदान की जाती है जो उन्हेंनिम्न कामों के लिएबड़ी कीमत चुकाने और कुछ कामों के बुरे परिणामोंको सहने परमिलती है:
- परमेश्वर के वचन कोबताने के कारण
- परमेश्वर से डिगने से लेकर उसकी आज्ञाओं को न माननेके कारण
दूसरे पहलू से देखें तो उन्हें सबसेज़्यादा कीमतअनाज्ञाकारिता के कारण चुकानी पड़ती है।1राजाओं13में प्रभु के एक दास को राजा यरोबाम के लिए सफलतापूर्वक भविष्यद्वाणी करने के बाद अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था,क्योंकि उसने परमेश्वर द्वारा दी गयी आज्ञा को नहीं माना कि वह उस यात्रा से वापस आते वक्त वहां पर न ठहरे।
भले राजाओं ने भविष्यद्वकताओं की बातों पर ध्यान लगाया और अपने कामों को उनके अनुसार बदला।
एक भविष्यद्वक्ता ने (1राजा20में)एक आदमी से अपने आप को चोट पहुंचाने के लिए कहा जिससे कि वह आहाब तक अपना संदेश पहुंचा सके। लेकिन उस व्यक्ति ने मारने से मना किया और वह खुद मर गया। उसके बाद जब वह भविष्यद्वक्ता घायल हो गया तब उसने बड़े ही नाटकीय ढंग से राजा से कहा कि,शत्रु बेन्हदद के प्राणों को छोड़ने के कारण बदले में तुझे अपना प्राण देना होगा।
जब अहाब ने झूठी आत्मा के जाल में फंसकर सच्चे भविष्यद्वक्ता मीकायाह की सलाह को मानने से इनकार कर दिया, जो उसे परमेश्वर द्वारा भेजी गयी थी, तो उसे एक गलत कदम उठाने पर अपनी जान गवानी पड़ी (1राजाओं22)।
लोकप्रियता चाहने वाले भविष्यद्वक्ता
सभी युगों में, सच्चे भविष्यद्वक्ताओं के साथ साथ कुछ झूठे भविष्यद्वक्ता भी होते हैं। झूठे भविष्यद्वक्ता लोगों को पसन्द आने वाली बातों का प्रचार करते हैं।
लोकप्रियता चाहने वाले भविष्यद्वक्ता के चिन्हः
- उनकी भविष्यद्वाणियां गलत साबित होती हैं (व्यवस्थाविवरण18:21-22)
- वेनपरमेश्वर की आज्ञाओं को मानते और न उसकी वकालत करते हैं(व्यवस्थाविवरण13:1-3)
- वे भेड़ों की खाल में भेड़िये होते हैं (मत्ती7:16)
आज हमें उसके चेले होने के लिए बुलाया गया है। लेकिन कई तरीकों से हमें भविष्यद्वक्ताओं के लक्षणों व कामों को करने के लिएभीबुलाया गया है। भविष्यद्वाणी करने की बजाय,हम परमेश्वर के प्रगट वचनों को सीखते और सिखाते हैं।
हम उस युग में जीवन व्यतीत कर रहे हैं“जिसमें लोग खरा उपदेश न सह सकेगें,पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत से उपदेशक बटोर लेंगे।”–2तीमुथीयुस4:3
क्या हम झूठ से भरे इस संसार के बीच में सत्य का प्रचार करने तथा अपनी श्रेष्ठ बुलाहट को पूरा करने के लिए तैयार हैं?
क्या हम अपने संदेशों को सुनिश्चित तौर पर प्रभावशाली ढंग से पहुंचाने के लिए रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
राजाओं के असफल होने के कारण भविष्यद्वक्ताओं के बारे में अधिक चर्चा की जाने लगी, जो अगुवों और परमेश्वर के जनों को परमेश्वर द्वारा किये जाने वाले न्याय के प्रति चेतावनी देने लगे। एक सच्चे भविष्यद्वक्ता के विरूद्ध बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता खड़े हो जाते थे जो लोगों को मोहमाया और विलासता के जीवन में पुनः धकेलना चाहते हैं।
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