परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 4 - भविष्यद्वक्ताओं का यु्ग)नमूना

यशायाह,“परमेश्वर ने छुड़ाया”
यशायाह के नाम का अर्थ, “परमेश्वर ने छुड़ाया”,वर्तमान संसार को एकमात्र आशा प्रदान करता है-अर्थात मसीह के द्वारा उद्धार। नये नियम में सबसे अधिक अर्थात21बारउसका ज़िक्र किया गया है। वह5राजाओं के राज्यकाल में जीवित रहा जिसमें अन्तिम दुष्टराजामनश्शै था,जहां पर उसे दो भागों में चीर दिया गया था।
उसने सृष्टि से लेकर अनन्तता तक सारे बाइबल से सम्बन्धित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की है। कालानुक्रमिक क्रम में नहीं,बल्कि इसे विद्रोहियों को दुविधा में डालने (यशायाह28:11-13)तथा खोजियों को बचाने के लिए लिखा गया है।
इस प्रकार के विषयों से सम्बन्धित वचनों में से अधिकतर निम्नलिखित हैंः
- सृष्टि - यशायाह43:7
- लूसिफर का पतन- यशायाह14:12-15
- पाप के कारण अलग हो जाना- यशायाह59:1,2
- सार्वभौमिक पाप - यशायाह64:6
- होठों से सेवा - यशायाह28:13
- न्यायः यशायाह1:18-20
- प्रचार कार्य - यशायाह6:8,9; 40:3,4
- परमेश्वर का मूर्तिपूजक राजाओं पर नियन्त्रण - यशायाह45:1-5,इस्राएल में परमेश्वर के लोगों की सुरक्षा करने के लिए राजा कुस्रू का उदय जिसकी भविष्यद्वाणी लगभग712ई.पू की गयी थी लेकिन वह भविष्यद्वाणी पूरी लगभग536ई.पू में हुई...
- मसीह का जन्म- यशायाह7:14,15 ( 742ई.पू में भविष्यद्वाणी की गयी थी)
- मसीह के द्वारा छुटकारा - यशायाह53:3-5
- उद्धार - यशायाह1:18
- सार्वभौमिक सुसमाचार - यशायाह56:1-8
- परमेश्वर के वचन की सामर्थः यशायाह55:11
- विनम्रता-यशायाह66:2
- अनन्त मृत्यु-यशायाह66:24
- हज़ार वर्ष तक मसीह का राज्य - यशायाह42:4
- नये स्वर्ग और नयी धरती - यशायाह65:23-25
इस्राएल के तितर बितर होने व पुनः एकत्र होने में परमेश्वर के हाथ की भविष्यवाणी बहुतायत से की गयी और उनमें से ज्यादातर पूरी हो चुकीहैं।
- इस्राएल को लुटेरों के हाथ में कर देने की भविष्यवाणी - यशायाह42:24
- मुण्डे टीलों में नदियां और मैदानों के बीच में सोते-यशायाह41:18-20;42:24
- परमेश्वर इस्राएल के लिए लड़ते हैं - यशायाह63:1-3
- इस्राएल का एक दिन में जन्म होना - यशायाह68:8
- जाति जाति के धन का नदि के रूप में इस्राएल की ओर बहना - यशायाह66:12
लगभग 2500 वर्षों के बाद, इस्राएल 14 मई, 1948 में पुनः एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में खड़ा हो गया। यह एक मात्र ऐसा देश है जो बाइबल के परमेश्वर को मानता है।
मसीह के दूसरे आगमन का मंच तैयार हो रहा है। क्या हम उस से मिलने के लिए तैयार हैं?क्या हम अपने उद्धार के झण्डे को लगातार उठाकर,आत्माओं को जीतते और उसके राज्य को फैलाते हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

राजाओं के असफल होने के कारण भविष्यद्वक्ताओं के बारे में अधिक चर्चा की जाने लगी, जो अगुवों और परमेश्वर के जनों को परमेश्वर द्वारा किये जाने वाले न्याय के प्रति चेतावनी देने लगे। एक सच्चे भविष्यद्वक्ता के विरूद्ध बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता खड़े हो जाते थे जो लोगों को मोहमाया और विलासता के जीवन में पुनः धकेलना चाहते हैं।
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