1 कुरिन्थियों 2
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पौलुस कु भाषण
1हे विश्वासी भयों, जब मि तुम तैं पिता परमेश्वर का बारा मा सन्देश सुणै, त मि बड़ा-बड़ा ज्ञान का अक्षरों कु इस्तेमाल नि कैरी अर न ही समझदार लगणो कु दिखावा कैरी। 2किलैकि मिल यु ठांणेलि छो, कि मि यीशु मसीह अर सूली पर वेकी मौत का अलावा कै भि और बात तैं नि जांणु।
3अर मि कमजोरी अर डैर का दगड़ी, अर भौत थरथरै के तुमारा दगड़ा मा रयूं। 4अर मेरी शिक्षा, अर मेरू प्रचार मनिख्युं तैं लुभौण वली बात कु न, पर पवित्र आत्मा ल तुम तैं एक बड़ी सामर्थशाली ढंग ल दिखै कि जु संदेश मिल तुम तैं बतै उ सचो छो। 5इलै की तुमारो विश्वास मनिख्युं का ज्ञान पर न पर पिता परमेश्वर कि सामर्थ पर निर्भर रौ।
आत्मिक ज्ञान
6फिर भि मि ऊं लुखुं का बीच ज्ञान का संदेश कु प्रचार करदु जु आत्मिक रूप मा मजबूत च; पर यु सांसारिक ज्ञान अर राज्यपालों का ज्ञान जन नि; ज्यांको नाश हूंण वलो च। 7पर हम पिता परमेश्वर कु उ गुप्त ज्ञान जै ज्ञान की बात हम करद्यां, जु छुपियूं छो, अर अभि तक कुई भि यु तैं नि समझी साकी छो। यां से पैली कि पिता परमेश्वर ल धरती की रचना कैरी, वेल पैली ही बट्टी सोचेले छो कि वेको ज्ञान हम तैं महिमा दयालो।
8पिता परमेश्वर की योजना तैं ईं दुनिया का राज्यपालों ल भि नि समझी, किलैकि जु उ जंणदा त प्रतापमय प्रभु यीशु तैं सूली पर नि चड़ांदा।#2:8 प्रेरि. 13:27 9पर जन परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च,
“जु कैल कभी नि देखि,
अर कभी कैल नि सूंणि,
अर न कभी कै मनिख ल यूं अद्भुत चीजों का बार मा समझी,
जु पिता परमेश्वर ल अपड़ा प्रेम रखण वलो कु तैयार कैरी।”#2:9 यशा. 64:4
10पर पिता परमेश्वर ल ऊं तैं अपड़ी पवित्र आत्मा का द्वारा हम प्रेरितों पर प्रगट कैरी, किलैकि पवित्र आत्मा बट्टी कुछ भि छिपयूं नि च, उ हर बातों तैं जंणदु च, इख तक की पिता परमेश्वर का भेद कि बातों तैं भि जंणदु, जु अभि तक मनिख्युं तैं पता नि च। 11हम भस उ छा जु जंणदा छा कि हमारा खुद का मन मा क्य च, उन ही सिवाय पिता परमेश्वर का आत्मा का और कुई भि पिता परमेश्वर का विचारों तैं नि जांणि सकद।#2:11 नीति. 20:27
12पर हम उन ही नि सुचदियां जन और दुनिया का लोग सुचदींनि; पर हम ल दुनिया की आत्मा नि पै, पर व आत्मा पै जु पिता परमेश्वर की दया का तरपां बट्टी आंद, कि हम ऊं बातों तैं जंणयां जु पिता परमेश्वर ल हम तैं दींनि। 13अर इलै हम यूं बातों तैं दुसरा लुखुं तैं बतौंदयां, त हम यूं शब्दों कु इस्तेमाल नि करदा, जु मनिख्युं का ज्ञान से मिल्दा, पर हम ऊं शब्दों कु इस्तेमाल करदा जु पिता परमेश्वर की आत्मा का द्वारा मिल्दा, जु आत्मिक ज्ञान का द्वारा आत्मिक बातों तैं समझद। 14पर उ मनिख जैल परमेश्वर की आत्मा तैं नि पै, उ परमेश्वर की आत्मा की बातों तैं स्वीकार नि करदु, किलैकि उ वेकी नजर मा मूर्खता की बात च, किलैकि एक आदिम अपड़ी कीमत तभि जांणि सकद जब वेमा पवित्र आत्मा रौंदी। 15उ लोग जु तैं पवित्र आत्मा मिली च, उ ऊं सभि चीजों तैं समझी सकदींनि जु पवित्र आत्मा सिखांद। पर जूं लुखुं मा पवित्र आत्मा नि च ऊं लुखुं की विचारों तैं नि समझी सकदींनि जु मा पवित्र आत्मा च। 16यु सच च, किलैकि जन की परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “कुई भि यु नि जांणि सकद कि प्रभु का मन मा क्य च; अर कुई भि वे तैं सिखै नि सकद।” पर हम विश्वासी लोग समझदियां कि मसीह का मन मा क्य च।#2:16 यशा. 40:13
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1 कुरिन्थियों 2: GHMNT
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Garhwali New Testament(गढवली नयो नियम), 2020 by The Love Fellowship is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.