उत्पत्ति 6
6
लोग पापी हो गए
1-4पृथ्वी पर मनुष्यों की संख्या बढ़ती रही। इन लोगों के लड़कियाँ पैदा हुईं। परमेश्वर के पुत्रों ने देखा कि ये लड़कियाँ सुन्दर हैं। इसलिए परमेश्वर के पुत्रों ने अपनी इच्छा के अनुसार जिससे चाहा उसी से विवाह किया। इन स्त्रियों ने बच्चों को जन्म दिया।
तब यहोवा ने कहा, “मनुष्य शरीर ही है। मैं सदा के लिए इनसे अपनी आत्मा को परेशान नहीं होने दूँगा। मैं उन्हें एक सौ बीस वर्ष का जीवन दूँगा।”#6:1-4 मनुष्य … दूँगा मेरी आत्मा मनुष्य के साथ सदा नहीं रहेगी क्योंकि वे हाड़ माँस है। आदमी केवल 120 वर्ष जीवित रहेगा। या “मेरा विवेक लोगों का न्याय सदा नहीं करता रहेगा क्योंकि वे सभी 120 वर्ष की उम्र में ही मरेंगे।”
इन दिनों और बाद में भी नेफिलिम लोग उस देश में रहते थे। ये प्रसिद्ध लोग थे। ये लोग प्राचीन काल से बहुत वीर थे।
5यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य बहुत अधिक पापी हैं। यहोवा ने देखा कि मनुष्य लगातार बुरी बातें ही सोचता है। 6यहोवा को इस बात का दुःख हुआ, कि मैंने पृथ्वी पर मनुष्यों को क्यों बनाया? यहोवा इस बात से बहुत दुःखी हुआ। 7इसलिए यहोवा ने कहा, “मैं अपनी बनाई पृथ्वी के सारे लोगों को खत्म कर दूँगा। मैं हर एक व्यक्ति, जानवर और पृथ्वी पर रेंगने वाले हर एक जीवजन्तु को खत्म करूँगा। मैं आकाश के पक्षियों को भी खत्म करुँगा। क्यों? क्योंकि मैं इस बात से दुःखी हूँ कि मैंने इन सभी चीजों को बनाया।”
8लेकिन पृथ्वी पर यहोवा को खुश करने वाला एक व्यक्ति था—नूह।
नूह और जल प्रलय
9यह कहानी नूह के परिवार की है। अपने पूरे जीवन में नूह ने सदैव परमेश्वर का अनुसरण किया। 10नूह के तीन पुत्र थे, शेम, हाम और येपेत।
11-12परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की और उसने देखा कि पृथ्वी को लोगों ने बर्बाद कर दिया हैं। हर जगह हिंसा पैली हुई है। लोग पापी और भ्रष्ट हो गए है, और उन्होंने पृथ्वी पर अपना जीवन बर्बाद कर दिया है।
13इसलिए परमेश्वर ने नूह से कहा, “सारे लोगों ने पृथ्वी को क्रोध और हिंसा से भर दिया है। इसलिए मैं सभी जीवित प्राणियों को नष्ट करूँगा। मैं उनको पृथ्वी से हटाऊँगा। 14गोपेर की लकड़ी#6:14 गोपेर की लकड़ी हम नहीं जानते कि यह असल में किस तरह की लकड़ी है। शायद यह एक किस्म का पेड़ हो या तराशी हुई लकड़ी। का उपयोग करो और अपने लिए एक जहाज बनाओ। जहाज में कमरे बनाओ#6:14 जहाज में कमरे बनाओ जहाज के लिए तैल—जूट आदि बनाओ, “ये छोटे पौधे हो सकते हैं जो जहाजों के जोड़ों में घुसाए जाते थे और राल से पोते दिए।” और उसे राल से भीतर और बाहर पोत दो।
15“जो जहाज मैं बनवाना चाहता हूँ उसका नाप तीन सौ हाथ#6:15 तीन सौ हाथ चार सौ पचास फीट। लम्बाई, पचास हाथ#6:15 पचास हाथ पैंतालीस फीट। चौड़ाई, तीस हाथ#6:15 तीस हाथ पैंतालीस फीट। ऊँचाई है। 16जहाज के लिए छत से करीब एक हाथ नीचे एक खिड़की बनाओ#6:16 जहाज … बनाओ जहाज के लिए करीब देढ़ फीट ऊँचा एक खुला भाग रखो। जहाज की बगल में एक दरवाजा बनाओ। जहाज में तीन मंजिलें बनाओ। ऊपरी मंजिल, बीच की मंजिल और नीचे की मंजिल।”
17“तुम्हें जो बता रहा हूँ उसे समझो। मैं पृथ्वी पर बड़ा भारी जल का बाढ़ लाऊँगा। आकाश के नीचे सभी जीवों को मैं नष्ट कर दूँगा। पृथ्वी के सभी जीव मर जायेंगे। 18किन्तु मैं तुमको बचाऊँगा। तब मैं तुम से एक विशेष वाचा करूँगा। तुम, तुम्हारे पुत्र, तुम्हारी पत्नी, तुम्हारे पुत्रों की पत्नियाँ सभी जहाज़ में सवार होगें। 19साथ ही साथ पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के जोड़े भी तुम्हें लाने होंगे। हर एक के नर और मादा को जहाज़ में लाओ। अपने साथ उनको जीवित रखो। 20पृथ्वी की हर तरह की चिड़ियों के जोड़ों को भी खोजो। पृथ्वी के हर तरह के जनावरों के जोड़ों को भी खोजो। पृथ्वी पर रेंगने वाले हर एक जीव के जोड़ों को भी खोजो। पृथ्वी के हर प्रकार के जानवरों के नर और मादा तुम्हारे साथ होंगे। जहाज़ पर उन्हें जीवित रखो। 21पृथ्वी के सभी प्रकार के भोजन भी जहाज़ पर लाओ। यह भोजन तुम्हारे लिए तथा जानवरों के लिए होगा।”
22नूह ने यह सब कुछ किया। नूह ने परमेश्वर की सारी आज्ञाओं का पालन किया।
Atualmente selecionado:
उत्पत्ति 6: HERV
Destaque
Partilhar
Copiar
![None](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapistaging.com%2F58%2Fhttps%3A%2F%2Fweb-assets.youversion.com%2Fapp-icons%2Fpt-PT.png&w=128&q=75)
Quer salvar os seus destaques em todos os seus dispositivos? Faça o seu registo ou inicie sessão
Hindi Holy Bible: Easy-to-Read Version
All rights reserved.
© 1995 Bible League International