1
लूक़ा 24:49
किताब-ए मुक़द्दस
और मैं तुम्हारे पास उसे भेज दूँगा जिसका वादा मेरे बाप ने किया है। फिर तुमको आसमान की क़ुव्वत से मुलब्बस किया जाएगा। उस वक़्त तक शहर से बाहर न निकलना।”
Ṣe Àfiwé
Ṣàwárí लूक़ा 24:49
2
लूक़ा 24:6
वह यहाँ नहीं है, वह तो जी उठा है। वह बात याद करो जो उसने तुमसे उस वक़्त कही जब वह गलील में था।
Ṣàwárí लूक़ा 24:6
3
लूक़ा 24:31-32
अचानक उनकी आँखें खुल गईं और उन्होंने उसे पहचान लिया। लेकिन उसी लमहे वह ओझल हो गया। फिर वह एक दूसरे से कहने लगे, “क्या हमारे दिल जोश से न भर गए थे जब वह रास्ते में हमसे बातें करते करते हमें सहीफ़ों का मतलब समझा रहा था?”
Ṣàwárí लूक़ा 24:31-32
4
लूक़ा 24:46-47
उसने उनसे कहा, “कलामे-मुक़द्दस में यों लिखा है, मसीह दुख उठाकर तीसरे दिन मुरदों में से जी उठेगा। फिर यरूशलम से शुरू करके उसके नाम में यह पैग़ाम तमाम क़ौमों को सुनाया जाएगा कि वह तौबा करके गुनाहों की मुआफ़ी पाएँ।
Ṣàwárí लूक़ा 24:46-47
5
लूक़ा 24:2-3
वहाँ पहुँचकर उन्होंने देखा कि क़ब्र पर का पत्थर एक तरफ़ लुढ़का हुआ है। लेकिन जब वह क़ब्र में गईं तो वहाँ ख़ुदावंद ईसा की लाश न पाई।
Ṣàwárí लूक़ा 24:2-3
Ilé
Bíbélì
Àwon ètò
Àwon Fídíò