लूका 6

6
येशू पबित्र दिनको प्रभु
(मत्ती. 12:1-14; मर्क. 2:23-28; 3:1-6)
1पबित्र दिनमे येशू अन्नके खेत हुँइँके जात रहए, और येशूके चेला बाली तोरके हातमे मिजलके खानलगे। 2पर फरिसीनको समुह मैसे कोइ-कोइ येशूके चेलनसे कहीं, “पबित्र दिनमे जे करन ठिक नाएहए, तुम काहे अइसे करत हओ?”
3येशू बिनके जबाफ दइके कही, “का तुम जा फिर नाए पढे हओ, जब राजा दाऊद बो अपनए और बोकेसँग रहान बारे भुखाने रहएं, तओ का करीं? 4कैसे परमेश्वरको आराधना करन बारो तम्भुमे घुसके चढाओ भओ रोटी निकारके बे खाइं, और बक सँग होन बारेनके फिर दइ, जोके प्रधान यहूदी पुजारी बाहेक औरनके खान मनाही रहए।” 5तओ येशू बिनसे कही, “मए, आदमीको लौंणा, पबित्र दिनको फिर प्रभु हओं।”
पबित्र दिनमे बिमारीके अच्छो करी
(मत्ती. 12:9-14; मर्क. 3:1-6)
6दुस्रो पबित्र दिनमे, यहूदीनको सभाघर भितर घुसके, येशू शिक्षा दइ। हुवाँ एक जनै आदमी रहए, बोको दहिना हात सुखो रहए। 7मोशाको नियम कानुन सिखान बारे और फरिसीनको समुह, जा देखन लागे, कि येशू सुखो हात भओ मनैके, यहूदीनको पबित्र दिनमे अच्छो करपएहए कि नाए, ताकी बे बाके दोष लगाए पामएं। 8पर येशू बिनकी नियत पता पाइगओ रहए, और लुला हात भओ आदमीसे कही, “हियाँ आ, और ठाण।” तओ बो उठो, और ठाणिगओ। 9तओ येशू बिनसे कही, “मए तुमसे पुछत हओं, पबित्र दिनमे, मोशाको कानुन हमके अच्छो करनके कहात हए, कि गलत करन कहात हए? कोइको जीबनके बचान कहात हए, कि बोके मारदेनके कहात हए?”
10तओ येशू चारौ घेन देखके बो मनैसे कही, “तए अपनो हात फैला।” तओ बो उइसी करी, और बोको हात अच्छो हुइगओ। 11पर बे दिक्कके मरे चूर हुइगए, और येशूके का करएं, कहिके एक-दुस्रेसे सल्लाह करन लागे।
येशू बाह्र चेलनके छाँटी
(मत्ती. 10:1-4; मर्क. 3:13-19)
12बे दिनमे येशू डँगा घेन प्राथना करन गओ, और परमेश्वरसे प्राथना करके पुरी रात काटी। 13भोरभए येशू अपन चेलनके अपन ठिन बुलाएके बिन मैसे बाह्र जनैके छाँटी, और “चुनेभए चेला” करके नाउँ दइ। 14सिमोन, जौनके बा पत्रुस नाउँ दइ, और बोको भइया अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना, फिलिप और बारथोलोमाइ। 15मत्ती और थोमा, अल्फयसको लौंणा याकूब, और सिमोन कनानी। 16याकूबको लौंणा यहूदा, और यहूदा इस्करियोत, जौन येशूके पकणबाए दइ रहए।
येशू बचन सुनाइ और बिमारीनके अच्छो करी
(मत्ती. 5:3-12)
17येशू बिनके सँग डाँगासे तरे उतरके एक बंगरामे ठाणो। येशूके चेलनको बणी भिड, और गालील परदेशसे सारा यहूदिया परदेश और यरूशलेम सहर, और समुन्दरके आसपिसके टुरोस सहर और सिदोन सहरको इलाकासे बणी भिड, 18येशूको बचन सुननके ताहीं, और अपन-अपन रोगसे अच्छो होमएं करके आए रहएं। और भुत लागे मनै फिर अच्छो भए। 19भिडके सब मनै येशूके छुन ढुणत रहएं, काहेकी महान शक्ति येशूसे निकरत रहए, और बिनके सबके अच्छो करत रहए।
आशिषको बचन
20तओ येशू अपन चेलनके घेन देखके कही:
“धन्य हओ तुम मनै, जौन परमेश्वरको जरुरीके महसुस करत हओ,
काहेकी परमेश्वरको राज्य तुमरी हए।
21धन्य हओ तुम, जो हबए भुँखे हओ,
काहेकी तुम तृप्त होबैगे।
धन्य हओ तुम, रोन बारे,
काहेकी तुम हँसैगे।
22धन्य हओ तुम, जब आदमीको लौंणाके खातिर आदमी तुमसे दुसमनी करंगे,
और बहिष्कार करंगे, और गिल्ला करंगे,
और तुमके खराब बताएके, तुमर नाउँके बदनामी करंगे।
23बो दिनमे रमाओ, और खुसी, होबओ, काहेकी स्वर्गमे तुमर इनाम बडो हए। काहेकी बहुत समय अग्गु तुमर पुर्खा, परमेश्वरको अगमबक्ताके अइसियए करी रहएं।
शोकको बचन
24परमेश्वर तुमके दण्ड देहए, तुम जो धनी हओ!
काहेकी तुम अपनो सुखको जीबन पाइगए हओ।
25परमेश्वर तुमके दण्ड देहए, तुम जो हबए भरपेट खात हओ!
काहेकी तुम भुखाबैगे।
परमेश्वर तुमके दण्ड देहए, तुम जो हबए हँसत हओ!
काहेकी तुम शोक करैगे, और रोबैगे।
26परमेश्वर तुमके दण्ड देहए, जब सब आदमी तुमरी प्रसंसा करंगे!
काहेकी अइसियए तुमर पुर्खा फिर झुठो अगमबक्ताको प्रसंसा करत रहएं।”
दुश्मनसे प्रेम करओ
(मत्ती. 5:38-42; 7:12)
27पर तुम सुनन बारेनसे मए कहात हओं, अपन दुस्मनके अपनए कता प्रेम करओ, और घृणा करन बारेके भलाइ करओ। 28जौन तुमके सराप देत हए उनके आशीर्वाद देबओ, दुरब्यवहार करन बारेनके ताहीं परमेश्वरसे प्राथना करओ। 29तुमर एक गलौवामे चटकान बारेनके दुस्रो गलौवामे फिर चटकान दइ देओ, और तुमर झुला लेन बारेनके तुम कोट फिर दइ देओ। 30तुमसे मागन बारेनके सबके देओ। और तुमसे, जद्धा लेन बारेनसे फिरसे मत् मागओ। 31आदमी तुमसे जैसो ब्यबहार करएं करके तुम चाँहत हओ, अपने ताहीं उनके सँग उइसी ब्यबहार करओ।
32तुमसे प्रेम करन बारेनसे प्रेम करत हओ कहेसे, तुमके का फाइदा भओ? काहेकी पापी फिर, अपनएके प्रेम करन बारोसे प्रेम करत हएं। 33तुमर भलाइ करन बारेके भलाइ करत हओ कहेसे, तुमएं का फाइदा भओ? काहेकी पापी फिर अइसियए करत हएं। 34अगर तुम कोइ ऋण दइके फिर्ता पान आसरा करत हओ, तओ कौन तुमरी प्रसंसा करैगो? काहेकी पापीयए, अइसे पापीनके ऋण देत हएं, जो बोके फिर्ता कर्पएहए। 35पर अपन दुस्मनके प्रेम करओ, और बिनको भलाइ करओ। फिरसे मिलैगो करके आसरा बिना ऋण देओ, तओ तुमर ताहीं बडो इनाम हुइहए, और तुम परमप्रधानके लौंणालौंणीया हुइहओ। काहेकी परमेश्वर गुन नाए मानन बारे और दुष्ट आदमीनके उपर फिर कृपालु हए। 36जैसी तुमर दौवा कृपालु हए, तुम फिर कृपालु होबओ।
दोष मत् लगाओ
(मत्ती. 7:1-5)
37“औरेन्के न्याय मत् करओ, तओ तुमर फिर न्याय नाए हुइहए। दुस्रेके दोषी मत् बनाओ, और तुम फिर दोषी नाए ठहरैगे। क्षमा करओ, तओ तुमके फिर क्षमा करंगे। 38देबओ, और तुमके फिर दओ जएहए। आदमी तुमके प्रशस्त परिमाणमे खाँद-खाँदके डट्के हलाएके, उफनन तक तुमर कुठियामे धरदेहएं। काहेकी जित्तो जद्धा ध्यानसे तुम सुनैगे, उतनु जद्धा समझ तुमके दओ जएहए।”
39तओ येशू बिनसे एक कहानी फिरके कही: “का अन्धरा अन्धराके डुरियालेहए? अगर बे एकदुस्रेके डुरियामंगे तओ का बे दुनौ गड्डामे नाए गिरङगे? 40चेला अपन गुरु कता जनैया नाए होत हए, पर जब बो पुरो ज्ञान पाएडरैगो तओ बो अपन गुरु जैसो होबैगो।
41तुम एक छोटो पापके ताहीं अपन सँगी-बिश्वासीको न्याय काहे करत हओ, जो बोके आँखीमे भओ कुछ कुरा हानी हए। जो अपन भइयक छोटी-छोटी गल्ती देखतहए, पर अपनी बणी-बणी गल्तीके नाए देख पातहए। 42जब तुमर अपनी भितर बणी-बणी गल्ती हएं, तओ तुम छोटी गल्ती करन बारे आदमीनके मदत करनके कोसिस मत् करओ! ए कपटी, पहिले अपन बडो गल्तीके सुधार फिर तए सफासे अपन भइयाकी आँखीको कुराके निकार पबैगो। और बिनकी छोटी गल्तीके सुधारनमे मदत कर पबैगो।”
रुखा फरासे चिन्हाइ देतहए
(मत्ती. 7:24-27; 12:34-35)
43“अच्छो रुखा खराब फरा नाए फराए पएहए, नए त खराब रुखा अच्छो फरा फराए पएहए। 44हरेक रुखा बोको फरासे चिन्हो जातहए। काहेकी काँटोको झाँगसे कोइ अञ्जिरको फरा नाए तोरत हएं, नए त अंगुर तोरत हएं। 45एक अच्छो मनै अपन मनमे भओ अच्छो चीजसे अच्छीयए बात निकारत हए। पर एक खराब मनै अपन मनमे भओ खराब चीजसे खराबए बात निकारत हए। काहेकी जौन बातसे मन भरो होतहए, आदमीनके मुँहुँसे बहे निकरत हए।”
दुई घर कि कहानी
(मत्ती. 7:24-27)
46“मिर कही बात नाए करैगे, तओ काहे मोसे प्रभु, प्रभु, कहात हओ? 47जौन मिर ठिन आत हए, और मिर बचन सुनत हए, और बो अनुसार करत हए, कहेसे बो कैसो आदमी हए, करके मए तुमके बतामंगो। 48बो एक घर बनान बारो आदमी जैसो हए, जौन गहिरो खोदके चट्टान उपर जग डारी। तओ जब बहिया आइ, और लणुरा आएके बो घरमे ठुको, पर बो घरके हलाए नाए पाइ, काहेकी बो जग पक्को बनो रहए। 49पर जौन मिर बचन सुन्तहए, और फिर बो अनुसार नाए करत हए, कहेसे बो एक अइसो आदमी हए, जौन धर्तीमे बिना जगको घर बनाइ। जब बो घर उपर लणुरा आएके ठुकिगओ, तओ बो घर तुरन्त उजणीगओ, और बो घरको बहुत बडो नुक्सान हुइगओ।”

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