क्षमानमूना

क्षमा

दिन 1 का 5

माफ करने की कला

तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।  लूका 15:20

मैं एक कला प्रदर्शनी देखने गया-एक पिता और उसके दो पुत्र,  माफ करने की कला-जो यीशु के उड़ाऊ पुत्र के दृष्टांत पर आधारित थी। (लूका 15:11–31 देखें)। एडवर्ड रीओजस के चित्र उड़ाऊ पुत्र ने मुझे प्रभावित किया I जिसमें एक पुत्र था जो कभी हठी था, पर अब फटे कपड़े पहने और सिर झुकाए घर लौट रहा था। मृत्यु के देश को पीछे छोड़ वह उस रास्ते पर कदम रखता है जिसमें उसका पिता पहले ही उसकी ओर दौड़ रहा है। चित्र के नीचे यीशु के शब्द हैं, “वह अभी दूर ही…” (पद 20)।

परमेश्वर के अपरिवर्तनीय प्रेम ने किस प्रकार मेरा जीवन बदल दिया था इस बात ने पुनः मुझे छू लिया। उनसे दूर जाने पर वह मुंह मोड़ने की बजाय मेरी राह देखते हुए प्रतीक्षा करते रहे। उनका प्रेम पाने की हम में योग्यता नहीं है, तो भी वह अपरिवर्तनीय है; प्रायः उपेक्षित होता है, तो भी निर्लिप्त नहीं होता।

हम सभी दोषी हैं,  तो भी हमारे स्वर्गीय पिता हमें गले लगाने के लिए वैसे दौड़े आते हैं, जैसे इस कहानी में पिता ने अपने हठी पुत्र को गले लगाया। पिता ने अपने सेवकों से कहा; “हम भोज करें…(पद 23-24)।

परमेश्वर उन लोगों के लिए आनंदित होते हैं जो आज उनके पास लौटते हैं-और यह आनंद मनाने योग्य बात है!

भले ही हम उसके योग्य न हों परंतु परमेश्वर का प्रेम अपरिवर्तनीय है।

पवित्र शास्त्र

दिन 2

इस योजना के बारें में

क्षमा

सच्ची क्षमा क्या होती है? एक दूसरे को क्षमा करने के विषय में यीशु की योजना को खोजते हुए क्षमा की ओर एक यात्रा आरम्भ करेंl उसकी सहायता से आप ठेस, विश्वासघात और क्रोध से चंगाई का अनुभव करते हुए अपने अंदर दया का हृदय पैदा कर सकते हैंl

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हमारी दैनिक रोटी - भारत का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://hindi-odb.org/subscription/?utm_source=YouVersion&utm_campaign=Hindi_Forgiveness