क्षमानमूना

क्षमा

दिन 2 का 5

क्यों क्षमा की जाएँ?

यीशु ने कहा, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं l” और उन्होंने चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए l लूका 23:34

एक सहेली के मुझे धोखा देने के बाद, मुझे मालूम था कि मुझे उसे क्षमा करना है, किन्तु मैं आश्वस्त नहीं थी कि मैं कर पाऊँगी l उसके शब्द मुझको चुभ गए थे, और मैं दर्द और क्रोध से भरी हुयी थी l यद्यपि हमनें इसके विषय बातें कीं और मैंने उससे कहा कि मैं क्षमा कर चुकी हूँ, बहुत समय तक उसे देखने पर मैंने चोट का दर्द महसूस किया, इसलिए मैं जानती थी कि मेरे अन्दर कुछ नाराज़गी थी l एक दिन, हालाँकि, परमेश्वर ने मेरी प्रार्थना सुन ली और मुझे उसे छोड़ने की ताकत दी l आखिरकार मैं स्वतंत्र थी l

हमारे उद्धारकर्ता के साथ जो क्रूस पर मरते वक्त भी क्षमा दिया, क्षमा मसीही विश्वास का केंद्र है l यीशु ने उनको क्षमा किया जिन्होंने उसे क्रूसित किया, और पिता से उन्हें क्षमा करने को कहा l उसके अन्दर कड़वाहट अथवा क्रोध नहीं था, किन्तु उसने उसे दुःख पहुँचानेवालों पर अनुग्रह दिखाया और उनसे प्रेम किया l

यीशु के आदर्श का अनुसरण करते हुए अपने प्रभु के समक्ष किसी को भी जिन्होंने आपको चोट पहुँचाया है, क्षमा करने और उसका प्रेम दिखाने का यह ठीक समय है l जब हम परमेश्वर से उसकी आत्मा द्वारा क्षमा करने की मदद मांगेंगे, वह हमारी सहायता करेगा-चाहे हम क्षमा करने में अधिक समय लगाने की सोचते हैं l हमारे ऐसा करने पर, हम नहीं क्षमा करने के कैद से छूट जाएंगे l

यीशु ने अपने सतानेवालों को क्रूस पर भी क्षमा किया l

 

पवित्र शास्त्र

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

क्षमा

सच्ची क्षमा क्या होती है? एक दूसरे को क्षमा करने के विषय में यीशु की योजना को खोजते हुए क्षमा की ओर एक यात्रा आरम्भ करेंl उसकी सहायता से आप ठेस, विश्वासघात और क्रोध से चंगाई का अनुभव करते हुए अपने अंदर दया का हृदय पैदा कर सकते हैंl

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हमारी दैनिक रोटी - भारत का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://hindi-odb.org/subscription/?utm_source=YouVersion&utm_campaign=Hindi_Forgiveness